- दिल्ली हेड आफिस से ही होती थी डील, आफिस में रखे थे बकायदा 12 कर्मचारी
- महाराष्ट्र और तेलंगाना में भी बना रखी थी ब्रांच, कोरोना काल में वर्क फ्राम होम के नाम पर की थी ठगी
बरेली : महाराष्ट्र व तेलंगाना में डाटा एंट्री के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करन वाले बंटी-बबली भाई बहन ने फर्जी कंपनी का हेड आफिस दिल्ली बना रखा था। हेड आफिस से ही महाराष्ट्र, तेलंगाना समेत देश के अन्य शहरों में भी आरोपितों ने कंपनी का ब्रांच आफिस भी खोल रखा था। काम के लिए ब्रांच आफिस सीधे दिल्ली फोन कर आरोपितों से बातचीत कराता। इसी पर लोगों कंपनी के जालसाज होने का बिल्कुल भी अंदेशा न हुआ और आरोपितों ने करोड़ों रुपये की ठगी कर डाली। दिल्ली हेड आफिस में ठग ने 12 कर्मचारी नियुक्त कर रखे थे।
1.27 करोड़ की ठगी
महाराष्ट्र पुलिस ने भोजीपुरा पुलिस की मदद से गुरुवार को जब दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया तब दोनों की हकीकत सामने आई थी। भोजीपुरा के गांव पड़री निवासी आरोपित अनिल गंगवार व उसकी बहन प्रीति गंगवार निवासी बसंत बिहार इज्जतनगर ने महाराष्ट्र के बुलडाणा जनपद के थानाक्षेत्र मेहकर क्षेत्र में डाटा एंट्री के नाम पर एक करोड़ 27 लाख 57 हजार रुपये की ठगी की। अनिल ने ठगी की कहानी के बारे में बताते हुए कहा कि उनकी कंपनी लोगों को उनके जरूरत के हिसाब से डाटा मुहैया कराती थी। कोरोना काल में वर्कफ्राम होम शुरू हो गया। वर्कफ्राम के शुरू होते ही डाटा एंट्री आपरेटर की डिमांड की बात सामने आई तो आरोपितों ने अपनी फर्जी कंपनी के जरिए डाटा एंट्री आपरेटर की जानकारी साझा की। इसी के बाद लोगों ने उसकी कंपनी से काम के लिए संपर्क किया। काम दिलाने के बहाने आरोपित ने नौ लाख 72 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिये। बाद में जब काम नहीं हुआ तो आरोपितों के खिलाफ शिकायत हुई और रिपोर्ट दर्ज हुई। तफ्तीश में करोड़ों की ठगी की बात सामने आई।
हेड आफिस व ब्रांच आफिस मिला बांट देते थे कर्मियों को दस लाख रुपये तनख्वाह
आरोपित अनिल व उसकी बहन प्रीति गंगवार ने ठगी का काम बड़े स्तर पर फैला रखा था। अंदाजा लगा सकते है कि हेड आफिस में 12 कर्मचारी के साथ ब्रांच आफिस में भी चार-चार लोगों की टीम बैठती थी। इन कर्मचारियों पर हर माह दोनों करीब दस लाख रुपये वेतन पर खर्च करते थे। पूछताछ में आरोपित अनिल ने बताया कि कर्मचारियों को तनख्वाह बाटने के बाद भी कम से एक लाख रुपये प्रतिमाह बच जाता था। बताया कि वर्ष 2017 दिसंबर में उसने कंपनी खड़ी की थी।
इंस्पेक्टर पर रौब गांठने के लिए फोन कर फंसा
ठग भाई-बहन के पकड़े जाने के पीछे की हैरान करने वाली बात सामने आई। रविवार को आरोपित अनिल गंगवार ने इंस्पेक्टर भोजीपुरा के पास फोन किया। कहा कि क्षेत्र में शराब तस्करी बढ़ती जा रही है। कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। वह यही नहीं रुका। इंस्पेक्टर कुछ बोल पाते, इससे ही पहले फिर बोला कि कार्रवाई कीजिए नहीं तो मीडिया को बुलाकर पूरी हकीकत दिखाई जाएगी। इसके बाद उसने फोन काट दिया। इस पर इंस्पेक्टर भोजीपुरा मनोज कुमार को शक हुआ। फोन नंबर के आधार पर आरोपित के बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि आरोपित तो वहीं है जिसे महाराष्ट्र पुलिस तलाश रही है। इसी के बाद महाराष्ट्र पुलिस को उन्होंने सूचना दी। जिसके बाद दोनों पकड़े गए।
दोनों के खिलाफ महाराष्ट्र में मुकदमा दर्ज है। पूरे मामले की विवेचना महाराष्ट्र पुलिस कर रही है। मामले में बरेली पुलिस महाराष्ट्र पुलिस का पूरा सहयोग कर रही है।
- राजकुमार अग्रवाल, एसपी देहात