बरेली (ब्यूरो)। कोविड की थर्ड वेव आने की आशंका भले ही शासन जता रहा है। लेकिन इससे पहले ही वायरल फीवर नौनिहालों के लिए काल साबित हो रहा है। बीती 16 अक्टूबर को भी जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती बुखार से ग्रसित चार माह की बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला
शहर के फतेहगंज पूर्वी निवासी अनिल की चार माह की बच्ची राधिका को पिछले दस दिनों से लगातार फीवर आ रहा था, बीती 15 अक्टूबर को जब घर पर बच्ची की तबियत ज्यादा बिगड़ी तो परिजनों ने दोपहर के करीब दो बजे जिला अस्पताल में बने बच्चा वार्ड में राधिका को एडमिट कराया इस दौरान बच्ची की हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने जब बच्ची की जांच की तो बच्ची पाइरेक्सिया यानि लंबे समय तक फीवर और निमोनिया से ग्रसित पाई गई। डॉक्टर ने फौरन बच्ची का इलाज शुरू किया। 16 दिसंबर दोपहर करीब 3 बजे बच्ची की हालत गंभीर हुई और इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया।
हर तीसरे बच्चे में फीवर की पुष्टि
जिला अस्पताल में ओपीडी में मंडे को 1246 मरीज पहुंचे जिसमें 400 मरीज फीवर से ग्रसित मिले हैं। वहीं बच्चा वार्ड की ओपीडी में मंडे को कुल 80 बच्चे ओपीडी में पहुंचे जिसमें 30 बच्चे में फीवर की पुष्टि हुई है। वहीं वार्ड में मंडे को कुल 17 बच्चे एडमिट है जिनमें 12 बच्चे फीवर से ग्रसित हैं।
वायरल फीवर का प्रकोप अधिक है। फीवर की समस्या होने पर परिजन झोलाछाप से दवा लेकर इलाज कराते रहते हैं हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल लेकर आ रहे हैं राधिका नाम की बच्ची भी गंभीर हालत में भर्ती हुई थी। फौरन इलाज शुरू किया गया लेकिन हालत गंभीर होने के चलते उसने दम तोड़ दिया। हालांकि बच्चों के इलाज के साथ ही पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं। -डॉ। सुबोध शर्मा, एडीएसआईसी.