-उर्स में चार दिनों तक लगा रहा जायरीन का तांता
-चार रोजा उर्स शराफत मियां का हुआ इख्तेताम
- बारिश के बावजूद हजारों जायरीन ने दी हाजिरी
BAREILLY: हजरत मौलाना शाह शराफत अली मियां के चार रोजा ब्7वें उर्स में सैटरडे को आखिरी दिन कुल शरीफ में अकीदत के साथ हजारों जायरीन ने शिरकत की। कुल शरीफ की रस्म के लिए तय वक्त पर दरगाह में पहुंचने के लिए जायरीन ने सुबह से ही तैयारी कर ली थी। जायरीन में कुल शरीफ के वक्त दरगाह पहुंचने की होड़ से ही दिखी। बारिश के बावजूद लोगों का जज्बा कम नहीं था। पूरे जोश के साथ मौलाना शराफत अली मियां के कुल शरीफ में लोग शामिल हुए। सज्जादानशीन शाह मोहम्मद सैकलैन मियां ने कुल शरीफ की रस्म अदा कराई।
मौलाना शराफत मियां ने की हिदायत
तकरीर में मौलाना जियाउर्रहमान आलिमी ने कहा कि मौलाना शराफत मियां ने अपनी जिंदगी में हजारों लोगों को हिदायत के रास्ते पर लाए हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी खुदा की खिदमत में गुजार दी। मौलाना राशिद सकलैनी ने कहा कि शराफत मियां के बताए हुए रास्ते पर चलने की जरूरत है। शराफत मियां ने जो रास्ते बताए उन्हें अपनाने की जरूरत है। तभी कामयाबी मिल सकती है।
महफिल में नातो मनकबत का दौर
कुल शरीफ से पहले महफिल का दौर चला। तकरीर के बाद शायर कराम ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किया। कलाम सुनकर वहां मौजूद लोगों ने नारे तकबीर अल्लाह हो अकबर और नारे रिसालत या रसूल अल्लाह आदि नारे लगाए। महफिल का माहौल पूरी तरह से नूरानी हो गया था। महफिल की शुरुआत कुरानख्वानी से मौलाना तसंजीर ने की। निजामत मुख्तार सकलैनी ने की।
बारिश में भी नहीं कम हुआ खुलूस
रात से ही बारिश हो रही थी। कुल शरीफ के वक्त भी बारिश नहीं थमी थी। इसकी परवाह किए बिना ही लोग दरगाह पर पहुंचे। दरगाह के अगल-बगल ठहरे जायरीन सुबह क्क् बजे के पहले दरगाह पर पहुंचने लगे। जैसे ही कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। जायरीन ने फातिहाख्वानी की। कमेटी के लोगों के मुताबिक दुआ की कबूल होने का वक्त भी यही होता है। इस नाते लोगों ने दुआख्वानी की और मुरादें भी मांगी। इसके बाद लोगों में तुबर्रुक तक्सीम किया गया। इसके साथ ही सज्जादानशीन ने मुल्क में अमन-चैन की दुआ भी कराई।
दूरदराज से भी पहुंचे जायरीन
उर्स शराफती में खुलूस का आलम यह रहा है कि दूरदराज से भी उनके चाहने वाले पहुंचे। उर्स में शामिल हरिद्वार के डैंडीखाता जंगल में रहने वाले मो। अकरम, आलमगीर, मो। यूसुफ, नवाबउद्दीन ने बताया कि जंगल में रहते हैं। शाह शराफत मियां के उर्स में हर साल शामिल होने लिए आते हैं। उन लोगों के पिता भी उर्स शराफती में आते थे। बताया कि चार दिनों से उर्स में मौजूद हैं।
लोगों ने की जमकर खरीददारी
उर्स के मौके पर लोगों ने जमकर खरीददारी की। कुरान की आयतें लिखे हुए झंडे, फ्रेम की खरीददारी की। इसके अलावा बच्चों ने खिलौने तो लोगों ने नज्र फातिहा के लिए तबर्रुक भी खरीदा। वहीं बरेली के सुरमा की भी खूब डिमांड रही।
उत्तराखंड के सीएम ने भेजी चादर
शाह शराफत मियां की दरगाह पर चढ़ाने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चादर भेजी। सीएम की चादर चढ़ाते समय इस मौके पर मीडिया प्रभारी हमजा कुरैशी, आफताब, मंजूर बेग, मुर्तजा बेग, ताजू बेग, आलम, रिजवान, आदिल आदि मौजूद रहे।