-कर्ज लेकर कराया जा रहा था इलाज, मुख्यमंत्री कोष से लगा रही थी आस

मीरगंज : सरकारी मदद की आस में कैंसर पीडि़त किसान की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसे बर्बाद फसल का मुआवजा भी नहीं मिल सका था। कर्ज लेकर परिवार उसका इलाज करा रहा था। घरवालों को मुख्यमंत्री कोष से सहायता राशि मिलने की आस थी। गरीबी से जूझ रहे परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

लगाई थी गेहूं की फसल

गांव ठिरिया व्रह्मनान निवासी नरेश (28) वर्ष पुत्र बद्री प्रसाद के पास मात्र नौ बीघा जमीन थी। जिसमें उसने गेहूं की फसल की थी। बारिश व ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो गई थी। नरेश को दो साल पहले ब्रेन टयूमर हुआ तो परिवार वालों ने कर्ज लेकर उसे एसपीजीआइ भर्ती कराया। इस बीच चिकत्सकों ने परिजनों को बताया कि उन्हें कैंसर भी है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान के परिजनों ने 28 फरवरी को प्रमुख सचिव को सारे प्रमाण सौंपते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद की गुहार की, लेकिन काफी पैरवी रिश्तेदारों के करने के बावजूद उसे कोई मदद नसीब नहीं हुई। दूसरी और फसल बर्बाद हो गई। तहसील प्रशासन की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। ट्यूजडे को नरेश की सांस थम गई।