(बरेली ब्यूरो)। किसी को अपनों ने दुुत्कारा तो किसी के मां-बाप असमय काल के गाल में समा गए। किसी न किसी कारणवश व परिस्थितियों में अनाथालय पहुंचे बच्चों के बालमन में जिंदगी में चल रही उथल-पुथल को लेकर कितने ख्याल आते होंगे। इन मासूमों को इनके घरवालों ने भले ही छोड़ दिया हो। लेकिन, अब इन बच्चों की मुस्कान से घर के आंगन में खुशियां बिखेरने वालों की भी कमी नहीं है। इन बच्चों को विदेश से भी प्यार मिल रहा है। लोग अडॉप्शन के लिए आगे आ रहे हैैं।
कर रहे अडॉप्ट
शहर में पुलिस लाइंस के सामने स्थित वार्न बेबी फोल्ड में रह रहे बच्चों को गोद लेने के लिए उत्सुक लोग अक्सर यहां आते रहते हैं। इसके अलावा विदेश में रहने वाले ऑनलाइन माध्यम से इसकी जानकारी लेते रहते हैंै। कई लोग बच्चों को गोद ले भी चुके हैं, जिनमें अमेरिका, दुबई जैसे देशों के लोग भी शामिल हैैं।
फैक्ट एंड फिगर
2018 से 21 मार्च 2022 तक
02 बच्चे अमेरिका में गोद लिए गए
01 बच्चा स्पेन में में गोद लिया गया
01 बच्चा दुबई में गोद लिया गया
02 बच्चे कनाडा में गोद लिए गए
छलक आते हैैं आंसू
वार्न बेबी फोल्ड की सुपरिंटेंडेंट प्रिमरोज भावुक होते हुए बताती हैैं कि जब भी कोई बच्चा या नवजात हमारे पास आता है, उसकी केयर हम पेरेट्स की तरह ही करते हैं। लेकिन, जब कोई उन्हें कानूनी तौर पर गोद लेकर हमारे पास से ले जाता है तो एक मां की तरह मन भावुक हो जाता है और आंखों में आंसू आ जाते हैैं।
यह भी जानें
06 बच्चों के माता-पिता को ढूंढकर उनके हवाले किया गया। 15 बच्चे देश के विभिन्न राज्यों के निवासियों द्वारा अडॉप्ट किए गए
क्या हैै हाल
मौजूदा समय में शहर के वार्न बेबी फोल्ड में नौ बच्चे रह रहे हैैं। इनमें से तीन बच्चे मानसिक मंदित हैैं। इनमें से भी कई बच्चों की अडॉप्शन की प्रक्रिया चल रही है।
लड़कियों की संख्या अधिक लड़कियों से आज के समय में भी किस तरह भेदभाव किया जाता है, इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि वार्न बेबी फोल्ड में रहने वाले बच्चों में लड़कियों की संख्या लडक़ों की अपेक्षा अधिक है।
क्या है गोद लेने का प्रावधान
बच्चे को संस्था से गोद लेने के लिए भावी माता-पिता को कई तरह की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इसके लिए सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी गठित की गई है। यह संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है।
कारा करती हैैं मॉनिटरिंग
सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी को कारा के नाम से भी जाना जाता है। यह संस्था नोडल बॉडी की तरह काम करती है। इसका मुख्य कार्य अनाथ, छोड़ दिए गए और आत्मसमर्पण करने वाले बच्चों के अडॉप्शन के लिए काम करना है।
क्या है गोद लेने की पात्रता
-शारिरिक रूप से सक्षम
-आर्थिक रूप से सक्षम
-मानसिक रूप से सक्षम
-बच्चे को गोद लेने के लिए दंपति की आपसी सहमति जरूरी
-कोई भी एकल पुरुष बच्ची को गोद लेने का पात्र नहीं होगा
-एकल व तलाकशुदा व्यक्ति भी दत्तक ग्रहण के लिए आवेदन कर सकते हैैं। इसके लिए जरूरी निर्देश कारा की आधिकारिक साइट पर मौजूद है।
वर्जन
हमारी संस्था में रह रहे बच्चों को कानूनी तौर पर कई देशों के लोगों द्वारा ले जाया जा चुका है। बच्चों की देखभाल करना अच्छा लगता है। लेकिन, जब बच्चों को अडॉप्ट करदूर ले जाया जाता है तो मन सडनली इमोशनल हो जाता है।
-प्रिमरोज, सुप्रिटेंडेंट, वार्न बेबी फोल्ड