ओरल डे पर विशेष

- ओरलहाइजीन पर नहीं दिया ध्यान तो हो सकता है हार्टडिजीज, डायबिटीज, ओरल कैंसर

बरेली : यह खबर बरेलियंस के लिए काम की है। अगर आप माउथकेयर पर ध्यान नहीं देंगे तो दांतों व मसूड़ों से संबंधित कई संक्रमणों की आशंका बढ़ सकती है। दांतों में सड़न, पेरियोडोंटलडिसीज ए सांसों की बदबू, बैक्टीरियल संक्रमण जैसी परेशानियां तो होंगी ही साथ ही इससे हार्टडिजीज, डायबिटीज, ओरल कैंसर जैसी गंभीर समस्या भी जन्म ले सकती हैं। इसलिए, एक अच्छी सेहत के लिए ओरलहाइजीन या डेंटलहाइजीन बनाए रखने की जरुरत होती है।

आज से माउथ हाइजीन का लें संकल्प

ओरलहाइजीन के प्रति जागरूकता फैलाने के आज यानि 20 मार्च को ओरलडे मनाया जाता है। डेंटिस्ट डॉ। सोनल बंसल सक्सेना ने बताया कि मुंह व दांतों को साफ व सेहतमंद रखकर रोगों को दूर रखना ओरलहाइजीन कहलाता है। रोजाना दांतों की सफाई से प्लाक, कैविटी और अन्य खाद्य अवशेषों को हटाया जा सकता है। इसलिए नियमित ब्रश व कुल्ला करने के साथ जीभ की सफाई भी जरूरी है। नियमित ब्रश न करने से प्लाक हमारे दांतों और मसूढ़ों के बीच एक चिपचिपी परत की तरह जमता रहता है। ऐसा कुछ भी खाने के बाद ठीक तरह से मुंह की सफाई न करने से होता है। इसके लिए नियमित रूप से सुबह व शाम के समय ब्रश करें। इस परत में कीटाणु होते हैं जो दांतों व मसूढ़ों को खराब कर कैविटी और सूजन यानि गिंगिवाइटिस का कारण बनते हैं। कई बार ठीक से ब्रश न करने से भी ये परत ठोस होने लगती है, जिसे टार्टर कहते हैं।

लापरवाही बन सकती है हार्ट अटैक का कारण

डॉ। सोनल ने बताया कि शरीर के किसी भी अंग में यदि संक्रमण होता है तो उससे सीधे हृदय प्रभावित होता है। इसी तरह यदि बैक्टीरिया की वजह से मसूढ़ों में सड़न व सूजन गिंगिवाइटिस हो जाए तो कीटाणु रक्त के जरिए विभिन्न अंगों के साथ हृदय की नलिकाओं को भी प्रभावित करने लगते हैं जिससे हार्टअटैक की आशंका बढ़ जाती है।

इम्यूनसिस्टम भी हो सकता है कमजोर

दांतों में तकलीफ से व्यक्ति भोजन को ठीक से नहीं चबा पाता। ऐसे में शरीर में उचित मात्रा में आहार न पहुंचने से पोषक तत्वों की कमी होने लगती है व प्रतिरोधी तंत्र कमजोर होने से रोग घेरने लगते हैं।

छोटी पर काम की बातें।

- सुबह.शाम दो बार ब्रश करें। दिन में जितनी बार भी कुछ खाएं तो तुरंत कुल्ला जरूर करें।

- 3 माह में एक बार अपना और परिवार वालों का ब्रश जरूर बदलें।

- खाना और फल मुंह के दोनों साइड से चबा चबा कर खाएं जिससे मसूड़े सातवा लार ग्रंथियां मजबूत होती हैं।

- दांतों को ब्रश से साफ करते समय ध्यान रखें कि ब्रश नाजुक हो जिससे मसूढ़े कटे-छिले नहीं।

- दांतों से संबंधित कोई समस्या होने पर डेंटिस्ट को जरूर दिखाएं ताकि समस्या गंभीर रूप न ले सके।

- ब्रश करने व फ्लॉसिंग के बाद रोजाना माउथवॉश से मुंह की सफाई कर सकते हैं। चीनी मुंह में जाकर बैक्टीरिया के साथ दांतों में सड़न पैदा करती है। कार्बोहाइड्रेट युक्त पेय पदार्थ दांतों की इनेमललेयर को गलाने का काम करते हैं। इसलिए इनसे परहेज करना ही उचित होगा।