बरेली (ब्यूरो)। इरादे मजबूत हो तो आप अपनी मंजिल हासिल कर सकते हैं। जी हां एमजेपीआरयू के कन्वोकेशन में मंडे को राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने टॉपर्स को गोल्ड मेडल तो शोधार्थियों को डिग्री देकर सम्मानित किया। इसमें राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल और डिग्री लेने वाले कुछ ऐसे शख्स भी थे जिन्होंने विषम परिस्थितियों को मात देते हुए न सिर्फ परीक्षा पास बल्कि राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल और डिग्री पाने का भी गौरव हासिल किया। पढि़ए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ऐसी ही सक्सेस शख्सियत की स्टोरी

रिटायरमेंट के बाद पीएचडीसर्वेश दत्त
सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। यह बात सर्वेश दत्त दीक्षित पर एक दम फिट बैठती है। उन्होंने 67 वर्ष की उम्र में अपनी केमिस्ट्री से पीएचडी पूरी की है। उनका मानना है जब आपके अंदर कुछ सीखने की ललक होती है तो उम्र कभी आड़े नहीं आती है। जिम्मेदारियों और जॉब के चलते फुर्सत नहीं मिल पाती थी। सर्वेश ने बताया कि उन्होंने ग्रजूऐशन 1975 में और 1997 में पीजी कंपलीट किया। उसके बाद जॉब और परिवार की जिम्मेदारियों में व्यस्त हो गए। वह नैनीताल बैंक लिमिटेड में सीनियर मैनेजर के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि पीएचडी पूरा करने के लिए उन्होंने 2011 में रिटायमेंट ले लिया। जबकि उन्हें 2017 में रिटायर होना था। इसके बाद अपनी पीएचडी की तैयारी शुरू की और 2024 में केमिस्ट्री से पीएचडी कंपलीट की। मंडे को उन्हें एमजेपीआरयू के दीक्षांत समारोह में पीएचडी की उपाधि दी गई। उन्होंने बताया आगे भी इस क्षेत्र में उनकी रिसर्च और पढ़ाई जारी है। वह एंटी कैंसर और एंटी ट्यूमर की दवाओं पर थीसिस कर रहे हैं।


शादी के बाद पढ़ाई पाया गोल्ड। ज्योति
एमजेपीआरयू के दीक्षांत समारोह में मंडे को नबावगंज की ज्योति को एमए हिंदी में गोल्ड मेडल हासिल किया है। बताती हैं कि शादी के बाद महिलाओं की जिम्मेदारियां काफी बढ़ जाती हैं। इससे उन सभी महिलाओं को आगे बढऩे को हिम्मत मिलेगी जो शादी के बाद घर की जिम्मेदारियों के चलते अपने सपनों को त्याग देती हैं। ज्योति ने बताया है कि घर की जिम्मेदारियों के साथ अपने सपनों को पूरा किया जा सकता है। ज्योति की शादी 2017 में हुई। उनके उनके दो बच्चे भी हैं। घर की जिम्मेदारियां निभाने के बाद जो समय बचता है उसी में वह अपनी पढ़ाई करती हैं। आज उन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से गोल्ड मेडल राज्यपाल के हाथों मिला है ये उनके जीवन का ऐतिहासिक पल है। उन्होंने बताया कि शादी के बाद पढ़ाई में पति और परिवार ने सपोर्ट किया। इसकी वजह से वह आज यहां तक पहुंची हैं। इससे पहले उन्होंने मास्टर ऑफ सोशल वर्कर और बीएड भी कर चुकी हैं। वह पीजी टीचर बनना चाहती हैं। इसके लिए वह पीजीटी की तैयारी भी कर रही हैं।

बस इरादे हों मजबूत आलिया नूर
आलिया नूर को एमजेपीआरयू के दीक्षांत समारोह में एमए इंग्लिश में गोल्ड मेडल मिला है। आलिया ने बताया कि वह आज बहुत खुश हैं। उन्हें दो दिन पहले ही पता लगा था कि उन्हें गोल्ड मेडल के लिए चुना गया हैं। वह कैंट क्षेत्र की निवासी हैं। उन्होंने बताया कि एग्जाम के समय उनकी प्रेग्नेंसी का लास्ट समय था। जिससे उन्हें काफी दिक्कत होती थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। इसका नतीजा आज उनके सामने गोल्ड के रूप में है। आलिया ने बताया कि उन्हें इससे पहले 2015 में ग्रेजूएशन और 2020 में बीएड के दौरान भी गोल्ड मेडल मिला था। उन्होंने बताया कि यदि आपके इरादे मजबूत हैं तो आप कभी भी अपने सपने पूरे कर सकते हैं। इसमें आपकी शादी और जिम्मेदारियां कभी आड़े नहीं आती हैं। उन्होंने बताया कि उनकी शादी 2022 में हुई थी। उनके पति और परिवार से उन्हें बहुत सर्पोट मिलाता है। जिसकी वजह से वह आज यहां तक पहुंची है। उनका पांच महीने का एक बेटा है।