बरेली(ब्यूरो)। शहर में मंडे को एक पेशेंट में मंकीपॉक्स का संदेह जताया गया था। बच्चे को तीन सौ बेड अस्पताल में एडमिट कराया गया था। संदेह को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ट्यूजडे को उसका सैैंपल लिया। इसके साथ ही पब्लिक को मंकीपॉक्स को अवेयर करने के लिए एसीएमओ डॉ। आरपी मिश्रा ने बताया कि चेचक के मामले ज्यादातर बरसात के मौसम में देखने को मिलते हैं, जिससे ऐसे समय में लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। जब मंकीपॉक्स के मामले फैल रहे हैं। इसके अलावा, दोनों त्वचा पर चकत्ते और बुखार का कारण बनते हैं। इसको लेकर लोगों को अवेयर होने की भी जरूरत है। संदिग्ध को लेकर डॉक्टर्स का कहना चिकनपॉक्स के ज्यादा लक्षण दिखाई दे रहे हैैं बच्चे में
तरीकों में होता है अंतर
डॉ। आरपी मिश्रा बताते हैैं कि रोगियों में लक्षण प्रकट होने के तरीके में अंतर होता है। मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस या जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाला वायरस है। उनके अनुसार चिकनपॉक्स, एक आरएनए वायरस है, जो उतना गंभीर नहीं है। लेकिन, त्वचा पर चकत्ते भी पैदा करता है। मानसून के दौरान नमी से तापमान में वृद्धि होती है, जल जमाव, नमी का निर्माण, गीले कपड़े, जो वायरस का कारण बनते हैं। चेचक से एक धार्मिक पहलू भी जुड़ा हुआ है, और इसलिए रोगियों का इलाज किसी भी प्रकार की दवाओं से नहीं किया जाता है, बल्कि उन्हें ठीक करने के लिए अलग रखा जाता है।
बरसात में अधिक खतरा
बरसात के मौसम में लोगों को वायरल संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। मंकीपॉक्स के मामले आमतौर पर बुखार, अस्वस्थता, सिरदर्द, कभी-कभी गले में खराश और खांसी और सूजन लिम्फ नोड्स से शुरू होते हैं। लक्षण त्वचा पर घाव, रैशेज और अन्य समस्याओं के चार दिन पहले दिखाई देते हैं। मंकीपॉक्स के मामले में अन्य लक्षण भी होने की संभावना है। मंकीपॉक्स के घाव चेचक से बड़े होते हैं, और ये घाव ज्यादातर हथेलियों और तलवों पर दिखाई देते हैं।
लंबा चलता है बुखार
मंकीपॉक्स के विपरीत, चेचक के घाव सात से आठ दिनों के बाद अपने आप सीमित हो जाते हैं। इसके अलावा चेचक के घाव वेसिकुलर और खुजलीदार होते हैं। मंकीपॉक्स में बुखार की अवधि लंबी होती है। मंकीपॉक्स वायरस का मुख्य संकेत यह है कि चकत्ते के अंदर तरल पदार्थ होता है, जिससे वायरल संक्रमण होता है जो शरीर के प्रतिरोध को कमजोर करता है। दोनों अलग-अलग वायरस के कारण होते हैं, संचरण का तरीका अलग होता है, और पिछला संक्रमण नए के खिलाफ कोई सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करता है। वृद्ध लोग जिन्हें चेचक का टीका लगाया गया है, उनमें मंकीपॉक्स होने की संभावना कम होती है।
करते हैैं आइसोलेट
एक्सपट्र्स के अनुसार अभी, मंकीपॉक्स किशोर अवस्था में है। हमारे पास इसका उचित इलाज नहीं है। हम केवल आइसोलेशन के तरीके का पालन कर रहे हैं और संदिग्ध रोगी को उनके लक्षणों के अनुसार इलाज कर रहे हैं। गले में संक्रमण होने पर, हम जेनेरिक दवाओं का उपयोग करते हैं। हम आमतौर पर लेते हैं तो, यहाँ यह रोगसूचक उपचार का मामला है।
300 बेड में एडमिट संदिग्ध का ट्यूजडे को पांच तरह के सैैंपल लिए गए। इन्हें लखनऊ भेजा गया है, करीब एक सप्ताह में रिपोर्ट सामने आएगी। इसको लेकर डरने की नहीं अवेयरनेस की जरूरत है।
-डॉ। आरपी मिश्रा, जिला सर्विलांस अधिकारी