बरेली(ब्यूरो)। लंपी स्किन डिजीज के मामले तेजी से प्रदेश में बढ़ रहे हैैं। इसके साथ ही जिले में भी अब तक कुल पांच संक्रमित पशु सामने आ चुके हैैं। इससे बचाव को लेकर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ। ललित कुमार ने बताया कि जिले को पांच हजार वैक्सीन अलॉट हुई हैैं। इन्हें थर्सडे से गोशालाओं में पशुओं को लगाना शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया रि इल रोग की रोकथाम के लिए नीम की पत्तियों का धुआं सुलगाकर मक्खी व मच्छर से बचाव कर सकते हंंै। साथ ही निराश्रित गोवंश के रहने के स्थान के प्रवेश द्वार पर और आसपास चूने, एंटीलार्वा का छिडक़ाव व फॉगिंग की जाए।

जारी किया है हेल्पलाइन नंबर
प्रदेश में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैैं। जिस पर पशुओं के रोग से संबंधित सभी सूचनाएं दी जा सकती हैैं। जिसका टोल फ्री नंबर 18001805141, 05222740992 व 7880776657 पर कॉल की जा सकती है।

मंत्री ने दिए थे निर्देश
पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बीते दिनों मीटिंग में कहा था कि संक्रमित पशुओं के इलाज के लिए पशु पालन विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक इलाज और टीका आदि की कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। संक्रमित पशुओं के आइसोलेशन, पशु चिकित्सकों को निर्देशों और प्रोटोकॉल के अन्तर्गत निस्तारण की कार्रवाई विशेष सतर्कता बरतते हुए सावधानी एवं संवेदनशीलता से अमल में लाई जाएगी।

एलएसडी के लक्षण
-पशुओं को तेज बुखार आ जाता है और दुधारू पशु दूध देना कम कर देते हैं।
-आंखों, नाक से पानी आना और वजन घटने लगता है।
-शरीर पर दो से पांच सेंटीमीटर व्यास की गांठें बन जाती हैं।
-पशुओं को सांस लेने में कठिनाई आने लगती है
-नीम की पत्तियों का धुआं कर मक्खी और मच्छर से बचाव किया जा सकता है

यह न करें
-पशु मेला, प्रदर्शनी में पशुओं को बिल्कुल ना भेजें
-पशुओं को सार्वजनिक चारागाह पर चरने के लिए ना भेजें
-पशुओं की खरीद फरोख्त और स्थानांतरण पर पूरी तरह से रोक लगाएं