टारगेट करना है पूरा

रेलवे सोर्सेज के हवाले से प्रशासन को मार्च कीक्लोजिंग तक माल भाड़े के रेवेन्यू का टारगेट पूरा करना होता है। ऐसे में रेवेन्यू जनरेशन के लिए मालगाड़ी के मैक्सिमम फेरों के लिए नई व्यवस्था की गई है। इसके तहत रेलवे ट्रैक पर अब मालगाड़ी को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। अगर रेलवे ट्रैक पर कोई वीआईपी टे्रन खड़ी हो और पीछे मालगाड़ी आ रही हो तो मालगाड़ी को वीआईपी ट्रेन से पहले क्रॉस करवाया जाएगा। रेलवे सोर्सेज मानते हैं कि इससे मालगाड़ी के फेरों में इजाफा होगा, जिससे रेलवे रेवेन्यू भी सरप्लस होगा।

नहीं होगी 3 घंटे से ज्यादा लेट

ट्रेनों की लेटलतीफी और उससे परेशान पैसेंजर्स इस फैसले से कम से कम प्रभावित हो, इसकी व्यवस्था भी की गई है। मालगाड़ी का क्रॉस भले वीआईपी और सुपरफास्ट ट्रेन से पहले करवा दिया जाए। लेकिन ये व्यवस्था भी रखी गई है कि कोई भी ट्रेन 1 घंटे से ज्यादा लेट न हो। इसके पीछे भी कारण ये है कि रेलवे  का नियम है कि अगर कोई भी सुपरफास्ट ट्रेन रेलवे की गलती से 3 घंटे से ज्यादा लेट होती है, तो रेलवे को पैसेंजर्स को किराया लौटाना पड़ता है।

इस व्यवस्था का मतलब ये नहीं है कि मेल और सुपरफास्ट ट्रेन्स लेट होगी। मालगाडिय़ों को क्रॉस दे दिया जाएगा, जिससे वह जल्दी सफर पूरा कर सके। ऐसा सिर्फ मार्च तक के लिए किया गया है।

सोमेश महरोत्रा, एडीआरएम एनआर