फ्लैग- धूल और खोदाई के चलते व्यापारियों और कस्टमर्स को हो रही परेशानी
- गढ्डों के चलते हादसों का भी बढ़ा खतरा, लोगों की सेहत भी हो रही खराब
- बोले एक्सपर्ट, सांस के रोगियों के लिए यह धूल हो सकती है जानलेवा
बरेली : जिला प्रशासन शहर को स्मार्ट सिटी बनाने में प्रयासरत है। इसका असर में पिछले 6 माह से शहर में शुरू हुए प्रोजेक्ट्स को देखकर महसूस भी हो रहा है। प्रोजेक्ट्स का काम पूरा होने के बाद बरेलियंस को काफी सहूलियत भी मिलेगी। लेकिन अभी ट्रंक सीवर लाइन के चलते शहर में हो रही खोदाई बरेलियंस को दर्द दे रही है। शहर के व्यस्ततम चौराहों में शुमार अयूब खां पर एक ओर जहां ओवरब्रिज के चलते छत का निर्माण हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ट्रंक सीवर लाइन के लिए खोदाई भी हो रही है जिसके चलते यहां के व्यापारी और आने वाले कस्टमर्स बहुत ज्यादा परेशान हैं। व्यापारियों का कहना है कि पहले तो कोरोना से उनका व्यापार चौपट हो गया है तो रही बची कसर खोदाई ने पूरी कर दी है।
30 दिन से बंद एक लेन
सेतु निगम चौपुला चौराहे से अयूब खां चौराहे तक टू लेन का निर्माण कर रहा है। ऐसे में एक लेन पिछले तीन माह से बंद कर दी गई है। जो लेन इस समय बंद है, उसकी तरफ करीब 20 दुकानों की मार्केट है। लेन बंद होने से ग्राहक तो आना बंद हो ही गए हैं। वहीं व्यापारियों को दुकान खोलने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं धूल के चलते दुकान में रखा सामान पुराना सा हो गया है। ऐसे में जो कस्टमर भूल भटके आते भी हैं वो बिना सामान लिए ही लौट जाते हैं। अधिकारियों को कम से कम पानी का छिड़काव तो कराना ही चाहिए।
आधे रह गए कस्टमर
व्यापारियों का कहना है जब निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ था उस दौरान डेली 50 से 120 तक कस्टमर दुकान पर आते थे लेकिन अब कस्टमर्स की संख्या 50 फीसदी तक घट गई है। नये ग्राहक तो रास्ते की वजह से दुकान की ओर रुख नहीं कर रहे हैं। बस जो सालों से पुराने ग्राहक है वहीं फोन से संपर्क कर सामान मंगा ले रहे हैं।
इन बीमारियों का बढ़ा खतरा
300 बेड हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ। वागीश वैश्य के अनुसार शहर में लगातार खुदाई का कार्य चल रहा है ऐसे में जब भी घरों से निकले तो मुंह पर मास्क जरूर लगाएं, इससे दूषित हवा बॉडी में प्रवेश नहंी करेगी। अगर मास्क नहीं लगाएंगे तो सबसे अधिक परेशानी सांस संबंधी समस्या से ग्रसित लोगों को होगी। वही जिन्हें सांस संबंधी दिक्कत नही हैं वह भी अगर लगातार बाजार में बिना मास्क लगाए निकल रहे हैं हार्ट और सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं।
हवा में घुल रहा जहर
पर्यावरण विद् डॉ। आलोक खरे के अनुसार लॉकडाउन के दौरान शहर का एक्यूआई सामान्य से भी नीचे आ गया था, जिस कारण हवा साफ हुई। लेकिन इसके बाद ही तेजी से निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए। जिससे वर्तमान में स्थिति दयनीय हो गई है। जहां निर्माण कार्य चल रहे हैं इससे उठने वाली धूल के कारण वहां का एक्यूआई 300 एमसीजी प्रतिक्यूबिक मीटर तक पहुंच जाता है, जो कि काफी खतरनाक है।
ऐसे करें बचाव
-जरूरत होने पर घर से ही बाहर निकलें
-घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क जरूर लगाएं
- आंखों को चश्मा से कवर करें और घर पहुंचते ही साफ पानी से मुंह जरूर धुलें
- टू-व्हीलर से चलने हेल्मेट जरूर लगाएं,
व्यापारियों की बात
डेवलपमेंट वर्क जो चल रहे हैं इससे आगामी सालों में भले ही फायदा हो लेकिन हमारा व्यापार काफी प्रभावित हो रहा है। चंद ग्राहक ही दुकानों पर पहुंच रहे हैं।
श्रीकांत, व्यापारी
2. होली के त्यौहार पर अच्छी सेल होती थी लेकिन पहले कोरोना ने कमर तोड़ दी अब इन निर्माण कार्य के चलते ग्राहकों की संख्या घटी है। काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
राजेश खंडेलवाल, व्यापारी
ग्राहकों की बात
1. अयूब खां की तरफ तो जाने से भी डर लगता है। एक लेन बंद है, वहीं घंटो जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। इसलिए जरुरी काम के चलते ही बाजार में निकलते हैं।
पवन गुप्ता, ग्राहक
2. मुंह पर अगर मास्क लगाना भूल जाओ तो अयूब खां चौराहे से चौपुला की तरफ जाते ही नहीं हैं धूल के कारण आंखों में भी जलन होती है।
रवि जायसवाल, ग्राहक
नोट- एक अधिकारी का वर्जन अभी आएगा.फ