बरेली (ब्यूरो)। डेलापीर फल मंडी के सी ब्लॉक में थर्सडे रात 11 बजे अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी विकराल थी कि देखते देखते 20 आढ़तों को अपने आगोश में समेट लिया। आग को देखकर सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई तब तक आग बुरी तरह आढ़तों में फैल चुकी थी। फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर दो फायर टेंडर लेकर पहुंची लेकिन पानी खत्म हो गया एक टेंडर और मोबाइल बाइक को भी लगाना पड़ा। दो घंटा की कड़ी मशक्कत के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। आग ने मंडी की दूसरी मंजिल पर गोदाम तक पहुंच गई। देर रात तक आग बुझाने के लिए फायर कर्मी और तीन थाना की फोर्स मौके पर जुटी रहीं वहीं फल मंडी के आढ़तियों की माने तो आग से करोड़ों का नुकसान हुआ है। इसमें फल और बहीखाता सभी कुछ जल गया।

फलों से भरे थे कार्टून
आग की घटना रात करीब 11 बजे की है। फल मंडी के गेट के अंदर सी ब्लॉक की लाइन में 30 दुकानें हैं, जिनमें आढ़त चलती हैं। आढ़तियों ने अपनी सुविधा के लिए दुकानों के ऊपर टीन डालकर गोदाम बना लिया है। इसके साथ ही सामने से भी टीन शेड बने हुए है। रात को मंडी के अंदर चहल-पहल नहीं थी। फलों से भरे गत्ते के कार्टून, क्रेट, लकड़ी के पल्ले, बोरे समेत अन्य सामान दुकानों के आगे रखा हुआ था। उसी वक्त अचानक आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धर लिया। वहां मौजूद कुछ लोगों ने तत्काल वहां आढ़त चलाने वाले आढ़तियों को सूचना दी। पुलिस और फायर ब्रिगेड को भी आग लगने की सूचना दी। आग लगने का पता चलते ही आढ़तियों के साथ ही वहां काम करने वाले अन्य लोग भी पहुंच गए। फायर ब्रिगेड की तीन गाडिय़ां तत्काल पहुंची और आग बुझाने में जुट गई।

बचाने की लगाते रहे गुहार
अचानक लगी भीषण आग से अफरा-तफरी मच गई। सभी व्यापारी जो घरों पर थे वह दौड़े दौड़े मंडी पहुंचे और आग को देखकर परेशान हो गए। इज्जतनगर पुलिस ने लोगों को आग से दूर किया। विकराल होती आग से अपनी आढ़त को खुद जलते देख व्यापारी बार बार चिल्ला रहे थे कि और फायर टेंडर मंगाओं उनकी दुकान और गोदाम को बचा लो। लेकिन आग से वहां रखे फल समेत अन्य सामान राख हो गया। देर रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

मंडी में आवाजाही पर रोक
देर रात तक मंडी में फल और हरी सब्जियों की आवाजाही अधिक शुरू हो जाती है। जो देर रात तक चलती है। आग के कारण दूर दराज और जिले के तहसील एरिया से आने वाली हरी सब्जियों की गाडिय़ों को भी मंडी के बाहर ही रोक दिया गया। आग इतनी भीषण थी कि किसी भी वाहन को मंडी के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। इससे जिन गाडिय़ों में फल और सब्जियां आई थी वह बाहर ही आग बुझने का इंतजार करते दिखे।

सिलिंडर फटाने से धमका
भीषण आग ने जब आढ़त की छतों तक पहुंची तो दूसरी मंजिल पर अधिकांश आढि़तयों का गोदाम और खाने पीने के लिए व्यवस्था थी। वहां पर कई आढ़तों पर छत के ऊपर गोदाम में सिलिंडर भी थे। इसके साथ ही इंवर्टर और बैटरी थे। आग जब गोदाम तक पहुंची तो सिलिंडर और इंवर्टर बैट्री फटने से भीषण आग के बीच धमाका भी कई हुए। इससे वहां पर मौजूद भीषण दूर भागने लगी। वहीं आग बुझा रहे फायर कर्मी भी खुद को बचाने के लिए भाग खड़े हुए।

इतनी बड़ी मंडी पानी नहीं
आग बुझाने के लिए पहुंच फायर टेंडर के लिए मंडी पहुंचते ही कुछ देर में पानी खत्म हो जाता था। आग इतनी भीषण थी कि पानी खत्म होते ही फायर टेंडर पानी लेने के लिए ले जाना पड़ता था। इससे बार-बार पानी लेने बाहर जाना पड़ता था मंडी के अंदर पानी के लिए व्यवस्था नहीं थी। इससे फायर कर्मियों को आग बुझाने के लिए और अधिक समय लगा। आग लगी तो मंडी के आढ़तियों को भी आग बुझाने के लिए मंडी के अंदर व्यवस्थाओं की याद आई।