(बरेली ब्यूरो) । प्रेमनगर थाना क्षेत्र के डीडीपुरम स्थित लूथरा टॉवर में ट्यूजडे की दोपहर मीटर पैनल में शॉर्ट सर्किट की वजह से भीषण आग लग गई। ऊंची-ऊंची उठती लपटें देख बिल्डिंग में मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस और फायर बिग्रेड की टीमों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। आग में लाखों रुपए का सामान जलकर राख हो गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई।
बिल्डिंग में मौजूद दुकान स्वामी कुछ समझ पाते, उससे पहले ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग ने बिल्डिंग के चारों फलोर्स को चपेट में ले लिया था। भीषण लपटें उठती देख टॉवर में मौजूद दुकानदारों के साथ ही मौजूद कस्टमरों में अफरा-तफरी मच गई। चौथी मंजिल पर स्थित रेस्टोरेंट में मौजूद लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। लेकिन, बचने का कोई रास्ता न होने के कारण घबरा उठे। इस दौरान वहां उपस्थित कई लड़कियां खतरा भांप रोते हुए हेल्प-हेल्प चिल्लाने लगीं। सूचना पर थाना और चौकी पुलिस के साथ ही फायर बिग्रेड की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर बमुश्किल काबू पाया जा सका। आग में फंसे लोगों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। टॉवर के ओनर तरुण सेरी ने बताया कि आग मीटर पैनल में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है। उनके अनुसार दुर्घटना में करीब 10-12 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।

लपटें और धुंए का गुबार देख अटकीं सांसें
लूथरा टावर के फोर्थ फलोर पर रेस्टोरेंट है। जिस समय आग लगी, वहां करीब 40-50 लोग मौजूद थे। कोई खाना खा रहा था तो कोई केक। सभी अपने आप में मगन थे। अचानक नीचे की ओर से काला धुआं रेस्टोरेंट में भरने लगा। यह देख सभी सकते में आ गए। कौतूहलवश वे एक-दूसरे के चेहरे की ओर ताक रहे थे कि अचानक नीचे से शोर की आवाज के साथ उठती आग की विकराल लपटें दिखाई दीं। यह देख सबके होश फाख्ता हो गए। खाना-पीना छोडक़र वे जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। उनकी सांसें गले में अटक सी गई थीं। राहगीरों के पैर जहां के तहां ठिठक गए।

रस्सी के सहारे बचाई जान
बिल्डिंग में लगी आग से सबकी हालत खराब थी। लिफ्ट बंद हो चुकी थी। नीचे उतरने का एकमात्र सहारा बची सीढिय़ां आग में पूरी तरह घिर चुकी थीं। ऐसमें किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। तभी रेस्टोरेंट ओनर और कर्मचारियों ने हिम्मत और सूझबूझ का परिचय देते हुए उन्हेंबिल्डिंग के पिछले हिस्से से रस्सी के सहारे उतारने का निर्णय लिया। उनके प्रयास से एक-एक कर सबको सुरक्षित नीचे उतारा गया। कई लोगों को फायरकर्मियों ने वहां से किसी प्रकार बाहर निकाला।

मौत को सामने देख घबराए लोग
नीचे उतर कर आए तो सामने का दृश्य देख सबके पसीने छूट रहे थे। सारी बिल्डिंग आग की लपटों से घिरी थी। सबके मन में एक ही बात रह-रह कर आ रही थी कि अगर नीचे उतरने के लिए रस्सी का सहारा न लिया होता तो उनके साथ क्या होता। काफी देर बाद आग बुझी तो लोगों ने राहत की सांस ली। राहगीरों व टॉवर में मौजूद अन्य दुकानों के मालिकों ने बताया कि यदि कुछ देर और आग पर काबू नहीं पाया जाता तो आग पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लेती, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था।

दुकानें बंद कर भागे दुकानदार
आग लगने पर टॉवर की अन्य दुकानों के ओनर्स के होश उड़ गए। आनन-फानन उन्होंने कस्टमर्स को बाहर निकाल दिया। कई दुकानदार जान बचाने के लिए दुकानें बंद कर बाहर आ खड़े हुए। सभी बाहर आकर आगे के जल्द ही बुझने की प्रार्थना करने लगे, जिससे लपटें उनके प्रतष्ठिानों को नुकसान न पहुंचा सकें।


बोले शॉपकीपर्स
-बिल्डिंग के मीटर पैनल में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी। दुकान में उस समय 4-5 कस्टमर थे, सभी को तुरंत दुकान से बाहर निकाल दिया। गनीमत रही कि आग से कोई जनहानि नहीं हुई।
अमृत कक्कड़, दुकानदार

-जिस समय बिल्डिंग में आग लगी, दुकान में कई कस्टमर मौजूद थे। वह कुछ समझ पाते, उससे पहले ही आग ने विकराल रूप ले लिया था। हमने बिना देर किए सभी कस्टमरों को बाहर निकाल दिया।
अमित शरपाल, दुकानदार

आग इतनी भीषण थी कि हमारी तो सांसें ही अटक गई थीं। बिल्डिंग के आसपास के दुकानदारों ने भी दुकानें बंद कर दी थीं। वहीं राहगीर भी इधर से उधर जाने से डर रहे थे। वाहन भी जहां के तहां ठिठक गए थे।
रेहान, स्थानीय निवासी

आग लगने की सूचना के तुरंत बाद पुलिस और फायर बिग्रेड की टीमें मौके पर पहुंच गईं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया था। यदि कुछ लापरवाही होती तो हादसा और भी बड़ा हो सकता था।
जीतू, स्थानीय निवासी