कब हुआ क्या
असम में हिंसा के बाद अफवाहों से भरे एसएमएस की बाढ़ आ गई थी। इसकी वजह से चलते दक्षिण भारत में रहने वाले विभिन्न राज्यों के लोग अपने-अपने घरों की ओर पलायन करने लगे थे। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने बल्क एसएमएस और एमएमएस पर प्रतिबंध लगाते दिया था। साथ ही पर डे मैक्सिमम पांच मैसेजेज की लिमिट निर्धारित की गई थी. बाद में सुधरते हालात को देखते हुए सरकार ने 24 अगस्त को एसएमएस की संख्या 5 से बढ़ाकर 20 कर दी थी।
यूथ्स का ज्यादातर काम मैसेज से ही होता है। जब एसएमएस की लिमिट पांच की गई थी तो हमें इमरजेंसी के लिए मैसेज बचाकर रखने पड़ते थे।
-अजीत सिंह, पशुपतिनाथ
एसएमएस पर लगी गई रोक ने मोबाइल बिल बढ़ा दिया था। हर काम के लिए कॉल ही करनी पड़ती थी। लिमिट न होने से ज्यादातर बातें एसएमएस से ही हो जाती हैं।
-कविता नेलसन, मिशन कंपाउंड
मैं ये नहीं कहता कि सरकार का फैसला गलत था लेकिन जितने दिन हम मैसेज नहीं कर सके उतने दिन की क्रेडिट लिमिट को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
-शोभित गुप्ता, राजेंद्र नगर
घर से बाहर होते हैं तो घरवालों से जुड़े रहने का सबसे अच्छा और सस्ता माध्यम एसएमएस ही होता है। जब से एसएमएस पर रोक लगी थी। मैं फ्रेंड से कट गई थी।
-गजाला खान, ओल्ड सिटी