2012 में खत्म नहीं होगी दुनिया
एक तरफ तो पूरी दुनिया नए साल के जश्न की तैयारियों में बिजी है, वहीं 2012 में दुनिया के खत्म होने की अफवाहों पर चर्चाएं भी आम हैं। इंटरनेट पर इससे रिलेटेड तमाम डिस्कशंस हो रहे हैं। वहीं सोशल नेटवर्किंग साइट्स भी इससे अछूती नहीं हैं। कई ग्रुप्स 2012 में दुनिया खत्म होने को लेकर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं।
Facebook पर छिड़ी बहस
2012 में दुनिया के खत्म होने के मुद्दे पर फेसबुक पर बहस छिड़ी हुई है। फेसबुक पर end of the world के नाम से तमाम ग्रुप्स, कम्युनिटीज क्रिएट की गई हैं। जिन्हें लाखों लोगों ने लाइक किया है और कमेंट्स किए।
2000 में भी उड़ी थीं अफवाहें
दुनिया खत्म हो जाएगी। अब कोई नहीं बचेगा। 2012 के लिए ही ऐसी अफवाहें नहीं आ रही हैं। इससे पहले 2000 शुरू होने से पहले भी y2k प्रॉब्लम सामने आई थी। इसमें तर्क दिया गया था कि कम्प्यूटर्स में इयर 1999 के बाद के इयर्स नहीं डाले जा सकते। इसलिए आगे दुनिया का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।
माया कैलेंडर की माया
माया कैलेंडर के मुताबिक, 21 दिसंबर 2012 को दुनिया खत्म हो जाएगी। करीब 250 से 900 ईसा पूर्व माया नाम की सभ्यता थी। मेक्सिको, पश्चिमी होंडूरास और अल सल्वाडोर इलाकों में इस सभ्यता के कुछ अवशेष भी मिले हैं। माना जाता है कि माया सभ्यता के वाशिंदों को मैथमेटिक्स, एस्ट्रोनॉमी और लेखन के क्षेत्र में बहुत ज्ञान था। ये लोग जिस कैलेंडर का इस्तेमाल करते थे, वह 21 दिसंबर 12 को खत्म हो रहा है।
वजहें तो और भी हैं
इंटरनेट पर 14वीं सदी के फ्रांसीसी भविष्यवक्ता माइकल द नास्त्रेदमस ने 12 में धरती के खत्म होने की भविष्यवाणी की है। वहीं कुछ वैज्ञानिकों ने लिखा है कि प्लेनेट एक्स निबिरू नाम का ग्रह दिसंबर 12 में धरती के करीब से गुजरेगा। हो सकता है पृथ्वी से टकरा जाए। यह टक्कर ठीक वैसी ही होगी, जिससे पृथ्वी से डायनासोर का नामोनिशान मिट गया था या फिर आकाशगंगा मिल्की-वे के ठीक मध्य से सूर्य अलाइन करेगा। यह 26 हजार साल में पहली बार होगा। इससे बेतहाशा एनर्जी निकलेगी, जिससे धरती अपनी धुरी से हट सकती है।
बेफिक्र हैं साइंटिस्ट्स
वैज्ञानिकों ने 2012 में दुनिया के खत्म होने से इनकार कर दिया है। भारत के मशहूर साइंटिस्ट अमिताभ पांडे का कहना है कि अब तक ऐसे ग्रह या तारे का पता नहीं जो धरती से टकरा सकता हो। कभी ब्लैक होल के नाम पर तो कभी महामशीन के नाम पर कहा जाता रहा है कि इससे पृथ्वी खत्म हो जाएगी। इनका कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है।
नासा नहीं मानता
नासा के प्रमुख वैज्ञानिक और आस्क द एस्ट्रोबायलॉजिस्ट के चीफ डॉ। डेविड मॉरिसन का कहना है कि प्लेनेट एक्स निबिरू नाम के जिस ग्रह की 2012 दिसंबर को धरती से टकराने की बात की जा रही है, उसका कहीं अस्तित्व ही नहीं है। किसी ग्रह को छिपाकर नहीं रखा जा सकता। जहां तक माया सभ्यता के कैलेंडर की बात है तो कोई कैलेंडर कितनी ही बारीकी से बनाया गया हो लेकिन वह इस बात की पुख्ता भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि कोई ग्रह या पिंड कब धरती से टकराएगा। जहां तक धरती की धुरी पलटने की बात है तो यकीन कीजिए ऐसा कभी न हुआ है और न होगा।
खौफ से भरती है जेब
हॉलीवुड में तो 2012 के खौफ को बॉक्स ऑफिस पर कैश करने के लिए फिल्म तक बन गई। इस टॉपिक पर हजारों किताबें भी लिखी जा चुकी हैं। ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अमेजन डॉट कॉम पर सर्च करने से 2012 पर 65 हजार से ज्यादा किताबों की लिस्ट आ जाती है। इस डर को कैश कराते हुए वेबसाइटें भी मुनाफा बटोर रही हैं।
इन अफवाहों में कोई तर्क ही नजर नहीं आ रहा। हम तो अपने ग्रुप के साथ न्यू इयर पर ढेर सारी मस्ती करने की तैयारी कर रहे हैं।
-मंजीता, स्टूडेंट
दुनिया खत्म हो जाने की खबरें तो पढ़ी हैं पर किसी भी खबर में कोई लॉजिक नहीं है। सबकी बातें बेसलेस हैं। हम तो न्यू इयर सेलिबे्रशन में पूरी मस्ती और धमाल करेंगे।
-ज्योति, स्टूडेंट
दुनिया के खत्म होने की अफवाहों का असर ज्यादातर अनडेवलप्ड सोसाइटी पर ही पड़ता है। उनकी एक्टिविटीज भी अफवाहों से प्रभावित होती हैं। विकसित समाज इस तरह की अफवाहों से सरोकार ही नहीं रखता।
-डॉ। एसडी ढौंढियाल, समाजशास्त्री
किसी भी पंचांग में दुनिया के खत्म होने की स्थितियां नहीं दिखाई दे रही हैं। यहां तक कि ऐसा कोई ग्रह योग भी नहीं बन रहा है, जिससे कोई अनिष्ट की आशंका हो।
-शिशिर, ज्योतिषाचार्य