जरूरी है precaution
इन दिनों डे और नाइट के टेम्प्रेचर में हो रहे बड़े चेंज की वजह से बच्चे वायरल इंफेक्शन के साथ दूसरी बीमारियों की भी चपेट में आ रहे हैं। पेडियाट्रीशियन रवि खन्ना के अकॉर्डिंग इन दिनों कोल्ड एंड कफ के साथ सबसे ज्यादा निमोनिया के पेशेंट ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनीशियल स्टेज में ही प्रीकॉशन न ली जाए तो लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। बच्चे में निमोनिया का सबसे पहला लक्षण फास्ट ब्रीदींग है।
cross ventilation जरूरी
अक्सर देखा गया है कि ठंड आते ही पैरेंट्स बच्चों के लिविंग रूम को एयर टाइट कर देते हैं। साथ ही बच्चे को ढेर सारे कपड़ों से लाद दिया जाता है। कमरे का एयर वेंटिलेशन ब्लाक कर दिया जाता है। ऐसा करना गलत है। डॉक्टर्स सजेस्ट करते हैं कि बच्चे को ज्यादा कपड़े पहनाने या कमरे का वेटिलेशन ब्लॉक करने से इंफेक्शन से बचाव नहीं होता है। निमोनिया से बचने के लिए वायरस फैलने से रोकने के लिए कोशिश करनी चाहिए। जिस कमरे में बच्चा हो वहां क्रॉस वेंटिलेशन होना जरूरी है।
विक्स या बाम का यूज न करें
लोगों में भ्रांति है कि अगर बच्चे को कोल्ड हो गया है और कंट्रोल नहीं हो रहा है तो उसके सीने पर बाम या विक्स की मालिश करनी चाहिए। लेकिन डॉक्टर ऐसा करने से मना करते हैं। उनके अकॉर्डिंग बच्चे के सीने पर विक्स या बाम की मालिश करने से कोल्ड और बढ़ सकता है। अगर बच्चे का प्रॉब्लम ज्यादा है तो उसे स्टीम दे सकते हैं। इससे जकडऩ कम होगी।
इंफेक्टेड पानी करता है बीमार
पेडियाट्रीशियन एमएम अग्रवाल के अकॉर्डिंग अगर वायरल इंफेक्शन बच्चे के पेट के अंदर तक पहुंच जाए तो अमूमन वायरल के साथ निमोनिया डिसीज सामने आती है। घर में आने वाले पानी को बिना फिल्टर किए नहीं पीना चाहिए। फिल्टर नहीं कर सकते तो उबालकर यूज करना सही होता है। उन्होंने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा वायरल इंफेक्शन पानी के जरिए ही फैलता है। इसलिए प्रीकॉशन जरूरी है।
क्या होते हैं symptom
-कोल्ड-कफ के साथ फीवर आना।
-सांसों का तेज चलना।
-बच्चे का बे्रस्ट फीडिंग न करना।
-बच्चे के चेस्ट में गढ्ढे सा दिखना।
-सांस लेने में घरघराहट की आवाज आना।
ये लें precaution
-बच्चे को गोद में लेने से पहले हैंड वाश का यूज करें।
-मां को कोल्ड एंड कफ हो तो बच्चे को गोद में लेते हुए मास्क का यूज करें।
-जिस भी फैमली मेम्बर को इंफेक्शन हो उसके कमरे में बच्चे को ले जाने से बचें।
वायरल इंफेक्शन से साथ निमोनिया के केस बढ़े हैं। इनसे बचने के लिए विशेष सतर्कता जरूरी है। अगर स्टार्टिंग में बचाव नहीं किया गया तो इंफेक्शन बढऩे के चांसेज बढ़ जाते हैं।
डॉ। एमएम अग्रवाल, पेडियाट्रीशियन