बरेली(ब्यूरो)। प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेजीडयू योजनांतर्गत फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में डीएम शिवकांत द्विवेदी ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम एवं कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान आईवीआरआई कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। राकेश पांडेय द्वारा कृषकों को फसल अवशेष प्रबंधन के लाभ के विषय व पराली जलाने के नुकसान के विषय में विस्तृत चर्चा की। कृषकों को पराली प्रबंधन करने व बेस्ट डी कम्पोजर के प्रयोग के बारे में जानकारी दी गई। कृषकों को इस विषय में उठाई गई, विभिन्न शंकाओं का समाधान डीएम द्वारा किया गया।

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सीडीओ जग प्रवेश एवं एडीएम सिटी आरडी पांडे द्वारा कृषकों से रोचक जानकारियां साझा की गई। साथ ही धान की पराली एवं गन्ने की पताई को खेत के अन्दर ही मिटटी की उर्वरता बढ़ाने के लिए उपयोग करने के बारे में प्रेरित किया गया। किसान मनोज कुमार फरीदपुर द्वारा पराली प्रबन्धन के बारे में अपने अनुभव कृषकों के साथ साझा किए गए। डीएम की पहल पर गोष्ठी में प्रतिभाग करते हुए उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने कृषकों को बताया कि उनकी फर्म द्वारा कृषकों की पराली एवं गन्नेे की पताई 1500 रुपए प्रति टन क्रय करेगी। डीएम ने फसल के अवशेष प्रबंधन के संबंध में कृषकों को जागरूक करने के लिए दो प्रचार वाहनों को कलेक्टर प्रांगण से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सीडीओ जग प्रवेश, एडीएम सिटी आरडी पांडे, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, गन्ना विभाग, जनपद के प्रगतिशील कृषकों सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.वशेष प्रबंधन के बारे में किया अवेयर