बूथ पर मौजूद रहेगी लिस्ट

सिटी मजिस्ट्रेट शिशर ने बताया कि आयोग के द्वारा भेजे गए आर्डर के अनुसार वोटर लिस्ट में दर्ज एड्रेस पर एबसेंटी और एक से ज्यादा स्थानों पर रजिस्टर्ड फर्जी (एएसडी) वोटरों के नाम की पूरी लिस्ट तैयार की जा रही है। उसके बाद इस लिस्ट को संबंधित पोलिंग बूथ पर मौजूद पोलिंग ऑफिसर को दी जाएगी, ताकि जेन्यून वोटर्स को किसी तरह की परेशानी न हो।

फोटो भी लिया जाएगा

उन्होंने बताया कि अगर एबसेंटी या एएसडी लिस्ट में दर्ज कोई भी व्यक्ति वोटिंग के लिए पोलिंग बूथ पर आएंगे, तो उनसे साइन के साथ ही अंगूठे का निशान भी लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार अगर जरूरी हुआ तो उनका फोटो भी लिया जाएगा। चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि फर्जी वोटिंग पर लगाम लगाने के लिए काफी लंबे समय से पॉलिटिकल पार्टियां इसकी डिमांड कर रही थीं।

Polling officer की जिम्मेदारी

शिशिर के अनुसार यह पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी होगी कि वह इसकी पूरी लिस्ट तैयार करे कि एएसडी क्लास के कितने वोटरों ने अपने वोटिंग राइट का यूज किया। इस बार के इलेक्शन की खास बात है कि इस नियम से मुस्लिम महिला वोटरों को भी छूट नहीं मिल सकेगी।

Voter list में फोटो

इसके साथ ही इस बार से फोटो युक्त वोटर लिस्ट की भी शुरुआत हो चुकी है, जिसे बीएलओ के द्वारा वोटरों को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार हमारा पूरा ध्यान वोटिंग परसेंट को बढ़ाने पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि हम अपनी उम्मीद पर खरा उतरेंगे।

आयोग की पहल सराहनीय

पिछले इलेक्शन में पोलिंग ऑफिसर और प्रिजाइडिंग ऑफिसर के तौर पर काम कर चुके इलाहाबाद बैंक की शाखा शहामतगंज के संजय मेहरा ने बताया कि आयोग की यह पहल सराहनीय है। उन्होंने बताया कि आयोग की सख्ती की वजह से पिछले दो तीन बार से चुनाव के दौरान क्राइम का ग्राफ तो कम हुआ है लेकिन निष्पक्षता पर सवालिया निशान उठे हैं। इस बार भी चुनाव आयोग काफी सख्त है। स्पेशली पैसे के मिसयूज को लेकर।

यह फर्जी वोटरों पर लगाम लगाने के लिए अच्छी शुरुआत है। आगे आने वाले चुनाव में ये व्यवस्था कारगर साबित होगी।

-शिशिर, एडीएम सिटी

फर्जी वोटर सही प्रत्याशियों के सेलेक्शन में बाधा बनते हैं। अच्छी बात ये है कि फर्जी वोटरों पर रोक की व्यवस्था इस बार के इलेक्शन में लागू हो रही है।

-आयशा, स्टूडेंट

फर्जी वोटरों पर लगाम तो लगनी ही थी, लेकिन ये व्यवस्था देर से शुरू हो रही है। इसका कहीं न कहीं तो मलाल है ही कि इस व्यवस्था को पहले से लागू करना चाहिए था।

-शिवम, स्टूडेंट

आने वाले समय में ये चेंज मील का पत्थर साबित होगा। हो सकता है कि शुरू-शुरू में ये चेंज काफी टफ लगे लेकिन लोकतंत्र के लिए जरूरी भी है।

-धान्या, स्टूडेंट