बरेली(ब्यूरो)। सोशल मीडिया के दौर में किस तरह से बिना सच्चाई जाने फेक मैसेज को कितनी तेजी से वायरल किया जाता है। इसका ताजा उदाहरण सीएचसी भमोरा में देखने को मिला है। यहां के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा भमोरा देवचरा मार्केट स्थित एक नर्सिंग होम पर संडे को निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के बाद कुछ बिंदुओं पर उन्होंने नर्सिंग होम संचालक से जबाव मांगा था। इसके लिए तीन दिनों का समय भी दिया गया था। लेकिन, इसके कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया पर इसके विपरित सीलिंग का फेक लेटर वायरल कर दिया गया। वायरल लेटर की जानकारी जब स्वास्थ्य अधिकारियों तक पहुंची तो वह चौंक गए, उनका कहना था कि लेटर पर किसी ने शरारत करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी के साइन कर दिए है व इसे वायरल कर दिया है। सीलिंग की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य अधिकारियों के फोन घनघनाने लगे। इस मामले की सच्चाई दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने अधिकारियों से जानकारी की तो उन्होंंने इस लेटर को फर्जी बताया।
तेजी से हो रहा वायरल
भमोरा सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ। गौरव शर्मा ने संडे को देवचरा मार्केट स्थित एक नर्सिंग होम का निरीक्षण किया था। इसमें कुछ अनियमितता मिलने पर उन्होंने 15 बिंदुओंं पर जबाव देने के लिए नर्सिंग होम संचालक को तीन दिनों का समय दिया था। लेकिन, उसके कुछ समय बाद ही इस कार्रवाई के विपरित सोशल मीडिया पर सीलिंग की कार्रवाई का फर्जी लेटर वायरल होने लगा, जिसको देखकर स्वास्थ्य अधिकारी भी चौंक गए।
साइन किए कॉपी
डॉ। गौरव शर्मा का कहना है कि उन्हें भी सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो रहे सीलिंग के लेटर की जानकारी हुई। लेटर में हस्ताक्षर भी कॉपी किए गए हैैं, लेटर में उनकी हैैंडराइटिंग नहीं है। उनके द्वारा जारी लेटर की रिसिवंग उनके पास है, साथ ही वह इस तरह से सोशल मीडिया पर भी नहीं डाला गया है। इस तरह का कृत्य करना गलत है, इससे गलत संदेश जाता है। साथ ही कहा कि संडे को इमरजेंसी सेवाएं जारी रहती हैैं, इसलिए नर्सिंग होम का निरीक्षण किया गया था। वायरल लेटर में लिखा है कि सीलिंग की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। कोई भी सामान जब्त नहीं किया गया है, साइड में बने दो केबिन जिसमें पेशेंट बेड न अस्पताल सामग्री पाई गई है, उसे सील नहीं किया गया है। साथ ही इसमें चार सितंबर की डेट पड़ी हुई है, इसमें चिकित्सा अधीक्षक के फर्जी साइन भी किए गए हैैं।
जमकर हो रहा शेयर
फेक लेटर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, ट्विटर से लेकर वाट्सएप तक यह जिसके भी पास जा रहा है। वहीं इसे तेजी से आगे फॉरवर्ड कर रहा है। वहीं चिकित्सा अधीक्षक का कहना है इसे देखकर वह शॉक्ड हो गया। साथ ही किसी ने लेटर के माध्यम से खुराफत की है। यह मामला गंभीर है, इस तरह का फेक मैसेज वायरल नहीं किया जाना चाहिए।
वर्जन
मेरे द्वारा नर्सिंग होम का संडे को निरीक्षण किया गया था, उससे 15 बिंदुओं पर जबाव मांगा गया है। लेकिन, सोशल मीडिया पर जो मैसेज वायरल किया जा रहा है, वह फेक है। इस तरह से गलत मैसेज सर्कुलेट नहीं करना चाहिए।
-डॉ। गौरव शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक