लखनऊ के होटल को फर्जी आधार कार्ड लगाकर बरेली के युवक ने लगाई चपत

रेलवे में पास और विकलांग पेंशन के लिए बनवाया फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट

BAREILLY: सिर्फ म्00 रुपए खर्च करके विकलांगता का सर्टिफिकेट बनाकर देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। युवक फर्जी सर्टिफिकेट लेकर सीएमओ ऑफिस में कंसेशन के लिए पहुंचा तो वहां पर बाबू फर्जी सिग्नेचर देखकर उसको ट्रेस कर लिया। फर्जीवाड़े के इस मामले की सूचना सीएमओ को दी गई तो उन्होंने तुरंत कोतवाली पुलिस को कॉल कर दी। सिटी में बन रहे फर्जी सर्टिफिकेट की सूचना पर हेल्थ डिपार्टमेंट में हड़कंप मच गया। पूछताछ में पकड़े गए युवक ने एक एजेंट का नाम बताया, जिसने म्00 रुपए में विकलांगता सर्टिफिकेट बनवा के उपलब्ध करवाया था। अब पुलिस एजेंट की तलाश में जुट गई है।

यह है पूरा मामला

राम प्रताप पुत्र नत्थू लाल, जागीर नवाबगंज में रहता है। हाथ से वह विकलांग है। वेडनसडे को वह सीएमओ आफिस में रेलवे कंसेशन सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंचा था। साथ में विकलांग सर्टिफिकेट भी ले गया था। सर्टिफिकेट का नंबर ख्क्7 है और यह भ् मई ख्0क्क् को जारी हुआ। सीएमओ आफिस के विकलांग बोर्ड के बाबू कमल बहादुर सिंह ने जब सर्टिफिकेट देखा तो डॉक्टर के सिग्नेचर देखकर वह तुरंत समझ गए। सर्टिफिकेट में सभी सिग्नेचर फर्जी थे। सिर्फ इतना ही नहीं, सर्टिफिकेट में मुहर भी फर्जी लगी हुई थी। जिसके बाद उन्होंने राम प्रताप को अन्य कर्मचारियों की मदद से पकड़ लिया गया। उसको पुलिस के हवाले कर दिया।

मैंने नहीं किया फर्जी, एजेंट से बनवाया था

पुलिस पूछताछ में राम प्रताप ने बताया कि उसने वर्ष ख्0क्क् में नवाबगंज के ही चरन सिंह नाम के एक एजेंट से यह सर्टिफिकेट बनवाया था। चरन सिंह ने इसके लिए उससे म्00 रुपए लिए थे। उसने बताया कि चरन सिंह ने उससे कहा था कि वह फटाफट विकलांग सर्टिफिकेट बनाकर दे देगा। इसी चक्कर में उसने उसको छह सौ रुपए दे दिए, जिसके बाद उसने यह सर्टिफिकेट उसको बनवाकर दिया था।

इसलिए कर लिया था भरोसा

रामप्रताप ने बताया कि चरन सिंह ने ही गांव के डोरीलाल नाम के एक शख्स का भी विकलांग का सर्टिफिकेट बनवा करके दिया था। इनका रेलवे पास भी बना हुआ है और इसके साथ ही उनको पेंशन भी मिलती है। इसी कारण से उसने चरन सिंह पर भरोसा करके खुद का सर्टिफिकेट भी बनवाया था। उसको इस बात का पता नहीं था कि यह सर्टिफिकेट फर्जी है। गौर करने वाली बात यह है कि वह इससे पहले भी कई बार इस सर्टिफिकेट को यूज कर चुका है, लेकिन किसी ने कुछ पूछा ही नहीं था। इसलिए वह इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा पाया था।

और भी है कई काम

चरन सिंह के बारे में रामप्रताप ने बताया कि वह गांव के लोगों के सर्टिफिकेट व अन्य कई सरकारी डॉक्यूमेंट व बनवाने का काम करता है। उसने पुलिस व सीएमओ को चरन सिंह का नंबर दिया है। जिसके बाद अब पुलिस चरन सिंह की तलाश में जुट गई है। पुलिस को इस बात का भी शक है कि चरन सिंह सिर्फ विकलांग सर्टिफिकेट ही नहीं, बल्कि कई अन्य सरकारी डॉक्यूमेंट का फर्जीवाड़ा करता है।

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सावधान, आपके आधार से हो सकता है फर्जीवाड़ा

फर्जीवाड़े का दूसरा मामला भी चौंकाने वाला है। इसमें लखनऊ के होटल पाल अवध में भ् मई को एक शख्स पहुंचता है। उसने वहां पर एक रूम कराया, और आईडी के तौर पर अपना आधार कार्ड जमा कर दिया था। देखने में वह अप डू डेट लग रहा था। होटल पहुंचे शख्स ने कुछ एमाउंट भी जमा कर दिया था। जिस कारण से होटल के स्टॉफ को उस पर कोई शक नहीं हुआ। इस शख्स ने खुद का नाम शख्स ने खुद का नाम कमल दत्त शर्मा पुत्र मोहन लाल शर्मा लिखवाया। चार दिन होटल में रुकने के दौरान उसने करीब तीन हजार रुपए कैश भी उधार के रूप में लिया लेकिन उसके बाद वह अचानक बिल पेमेंट किए होटल से चेक आउट कर गया। आधार कार्ड में शख्स का एड्रेस बरेली का सीबीगंज का लिखा हुआ था।

जांच में फर्जी मिला आधार कार्ड

इसके बाद होटल की ओर से बरेली के एसएसपी को मेल पर अप्लीकेशन भेजकर शिकायत की। उन्होंने मेल में कमल दत्त शर्मा के द्वारा होटल में लगाया गए आधार कार्ड की फोटो कापी भी भेजी। जिसके बाद उसके आधार पर लिखे हुए एड्रेस खरोबा सीबीगंज को वेरीफाई करने के लिए सीबीगंज थाना को जांच सौपी। सीबीगंज पुलिस को आधार कार्ड की फोटो कापी भी लगाकर दी गई। आधार कार्ड का नंबर ख्008म्7ब्0890क् था।

यहां भी मिला फर्जीवाड़ा

जब पुलिस ने जांच की तो आधार कार्ड नंबर पर कमल दत्त शर्मा तो रह रहा था लेकिन आधार कार्ड पर लगे फोटो और डेट आफ बर्थ में अंतर था। असली कमल की डेट आफ बर्थ क्99ख् तो फर्जी कमल की डेट आफ बर्थ क्97ब् लिखी हुई थी। इससे साफ है कि युवक ने असली आधार कार्ड को स्कैन कर अपना फोटो और डेथ आफ बर्थ लिख दी। पुलिस अब फर्जी शख्स की तलाश कर रही है।

अधिकारी भी फर्जीवाड़ा देखकर चौंके

आधार कार्ड के नाम पर फर्जीवाड़े की यह घटना का पता चलते ही अधिकारी भी चौंक गए। ऑफिसर्स ने बताया कि यह पहला मामला है, जिसमें आधार में इस तरह की फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें फ्राड करने वाले शख्स ने नाम व एड्रेस को स्कैन किया और फिर उसके बाद अपनी फोटो लगा ली। फिलहाल, पुलिस इस मामले में आधार कार्ड से जुड़े हुए एक्सपर्ट से भी राय लेकर जांच कर रही है। ताकि इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जाए।