पासपोर्ट डिपार्टमेंट की जांच में कई बर्थ सर्टिफिकेट मिले संदिग्ध
पासपोर्ट ऑफिसर ने एसएसपी को मामले की जांच के लिए लिखा लेटर
मुरादाबाद डिस्ट्रिक्ट के हैं ज्यादातर प्रमाण पत्र
<पासपोर्ट डिपार्टमेंट की जांच में कई बर्थ सर्टिफिकेट मिले संदिग्ध
पासपोर्ट ऑफिसर ने एसएसपी को मामले की जांच के लिए लिखा लेटर
मुरादाबाद डिस्ट्रिक्ट के हैं ज्यादातर प्रमाण पत्र
BAREILLY:
BAREILLY: पासपोर्ट बनाने के दौरान मिले फेक सर्टिफिकेट से पासपोर्ट अधिकारियों के कान खड़े हो गये हैं, क्योंकि विभाग को एक-दो नहीं बल्कि दर्जन भर ऐसे अप्लीकेशन मिले, जिनके सर्टिफिकेट के फेक होने की सम्भावना जतायी जा रही है। फिलहाल, पासपोर्ट आफिसर ने एसएसपी को पत्र लिखकर जांच का रिक्वेस्ट किया है।
बरेली में 13 जिलों के पासपोर्ट बनते हैं, जो संदिग्ध सर्टिफि केट मिले हैं, उनमें ज्यादातर मुरादाबाद के हैं। ये सभी बर्थ सर्टिफिकेट हैं। पासपोर्ट कार्यालय इसलिए भी सकते में है कि फेक सर्टिफिकेट से सुरक्षा क ो भी खतरा हो सकता है। हालांकि, मामले अधिकारियों की गम्भीरता खुद शक के घेरे में है, क्योंकि पासपोर्ट अधिकारी नाक पर बैठी मक्खी को नहीं देख पा रहे। या फिर कहें कि नजरअंदाज कर रहे हैं। पासपोर्ट सेवा केन्द्र के गेट पर ऐसे तमाम जालसाज बाइक, स्कूटर पर बैठे मिल जाएंगे, जो दो-चार सौ रुपये में हाथों-हाथ फेक सर्टिफिकेट बनाकर दे देते हैं। इन जालसाजों की कमाई इसलिए भी है कि दूर-दूर से आने वाले लोग सर्टिफिकेट के लिए वापस घर नहीं जाना चाहते हैं। फेक सर्टिफिकेट की शॉप ऑनरोड चलने की जानकारी पासपोर्ट अधिकारियों को भी है।
शिकायत के बावजूद नहीं रुक रहा फर्जीवाड़ा
बरेली में पीलीभीत बाईपास पर पासपोर्ट सेवा केंद्र है। इस सेवा केन्द्र पर 13 डिस्ट्रिक्ट के पासपोर्ट बनाए जाते हैं। इसी वजह से मार्निग से ही यहां अप्लाई करने वालों की लंबी लाइनें लग जाती हैं। कई सौ किमी से आने वाले आवेदनकर्ता किसी भी हाल में जल्द से जल्द अपना पासपोर्ट बनवाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वह सुविधा शुल्क देने से भी नहीं कतराते हैं। इसी के चलते पासपोर्ट सेवा केंद्र के गेट पर ही बड़ी दलाल भी अपना अड्डा जमाये हुए हैं। पासपोर्ट सेवा केंद्र के पास दलालों के जमावड़े की अक्सर शिकायतें मिलती रहती हैं। पीडि़त लोग भी विभाग से इसकी शिकायतें करते रहते हैं लेकिन इसके बावजूद भी फर्जीवाड़ा नहीं रुक पाते हैं।
गर्दन फंसी तो दलालों का िकया खुलासा
डाक्यूमेंट वैरीफिकेशन में फेक सर्टिफिकेट का सच सामने आया है। पासपोर्ट अधिकारी ने एसएसपी को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र भी किया है। यह भी लिखा है कि सेवा केन्द्र के बाहर बड़ी संख्या में जालसाज सक्रिय हैं। ये लोग फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का काम करते हैं। कुछ फेक सर्टिफिकेट पाये भी गए हैं, जो पहली नजर में फेक लग रहे हैं। लेटर के साथ फेक सर्टिफिकेट की कॉपी भी अटैच की गयी है। लेटर की प्रतिलिपि डीआईजी बरेली और एसपी सिटी बरेली को भी भेजी गई है। चूंकि, फेक सर्टिफिकेट के ज्यादातर मामले मुरादाबाद के हैं, लिहाजा डीएम मुरादाबाद को भी गयी है। बरेली पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच स्टार्ट कर दी है।
सेम राइटिंग से पकड़ में आया मामला
डाक्यूमेंट की जांच में मुरादाबाद डिस्ट्रिक्ट के 13 जन्म प्रमाण पत्र संदिग्ध यानी फर्जी पाए गए हैं। इन डाक्यूमेंट को यूपी गर्वनमेंट के फार्मेट में बनाया गया है। सभी डाक्यूमेंट पर बाकायदा उस एरिया के रजिस्ट्रार की मुहर के साथ-साथ साइन भी किए गए हैं। उनमें सभी सर्टिफिकेट पर राइटिंग सेम लग रही है। जबकि सर्टिफिकेट अलग-अलग विकास खंड यानि रजिस्ट्रार के आफिस के नाम पर बनाए गए हैं। सभी में साइन तो अलग तरीके से बनाए गए हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि साइन एक की शख्स के द्वारा अलग-अलग किए गए होंगे। यही नहीं कई सर्टिफिकेट में एक ही विकास खंड होने के बावजूद रजिस्ट्रार के साइन अलग-अलग किए गए हैं। इससे तो साफ है कि एक ही शख्स सभी विकास खंड का खुद ही रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु अधिकारी बनकर सर्टिफिकेट बना रहा है।
चार जन्म प्रमाण पत्र की डिटेल
आई नेक्स्ट के हाथ भी 13 में से चार ऐसे सर्टिफिकेट लगे हैं जो संदिग्ध हैं। इनमें एक क्रम संख्या 37<पासपोर्ट बनाने के दौरान मिले फेक सर्टिफिकेट से पासपोर्ट अधिकारियों के कान खड़े हो गये हैं, क्योंकि विभाग को एक-दो नहीं बल्कि दर्जन भर ऐसे अप्लीकेशन मिले, जिनके सर्टिफिकेट के फेक होने की सम्भावना जतायी जा रही है। फिलहाल, पासपोर्ट आफिसर ने एसएसपी को पत्र लिखकर जांच का रिक्वेस्ट किया है।
बरेली में क्फ् जिलों के पासपोर्ट बनते हैं, जो संदिग्ध सर्टिफि केट मिले हैं, उनमें ज्यादातर मुरादाबाद के हैं। ये सभी बर्थ सर्टिफिकेट हैं। पासपोर्ट कार्यालय इसलिए भी सकते में है कि फेक सर्टिफिकेट से सुरक्षा क ो भी खतरा हो सकता है। हालांकि, मामले अधिकारियों की गम्भीरता खुद शक के घेरे में है, क्योंकि पासपोर्ट अधिकारी नाक पर बैठी मक्खी को नहीं देख पा रहे। या फिर कहें कि नजरअंदाज कर रहे हैं। पासपोर्ट सेवा केन्द्र के गेट पर ऐसे तमाम जालसाज बाइक, स्कूटर पर बैठे मिल जाएंगे, जो दो-चार सौ रुपये में हाथों-हाथ फेक सर्टिफिकेट बनाकर दे देते हैं। इन जालसाजों की कमाई इसलिए भी है कि दूर-दूर से आने वाले लोग सर्टिफिकेट के लिए वापस घर नहीं जाना चाहते हैं। फेक सर्टिफिकेट की शॉप ऑनरोड चलने की जानकारी पासपोर्ट अधिकारियों को भी है।
शिकायत के बावजूद नहीं रुक रहा फर्जीवाड़ा
बरेली में पीलीभीत बाईपास पर पासपोर्ट सेवा केंद्र है। इस सेवा केन्द्र पर क्फ् डिस्ट्रिक्ट के पासपोर्ट बनाए जाते हैं। इसी वजह से मार्निग से ही यहां अप्लाई करने वालों की लंबी लाइनें लग जाती हैं। कई सौ किमी से आने वाले आवेदनकर्ता किसी भी हाल में जल्द से जल्द अपना पासपोर्ट बनवाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वह सुविधा शुल्क देने से भी नहीं कतराते हैं। इसी के चलते पासपोर्ट सेवा केंद्र के गेट पर ही बड़ी दलाल भी अपना अड्डा जमाये हुए हैं। पासपोर्ट सेवा केंद्र के पास दलालों के जमावड़े की अक्सर शिकायतें मिलती रहती हैं। पीडि़त लोग भी विभाग से इसकी शिकायतें करते रहते हैं लेकिन इसके बावजूद भी फर्जीवाड़ा नहीं रुक पाते हैं।
गर्दन फंसी तो दलालों का िकया खुलासा
डाक्यूमेंट वैरीफिकेशन में फेक सर्टिफिकेट का सच सामने आया है। पासपोर्ट अधिकारी ने एसएसपी को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र भी किया है। यह भी लिखा है कि सेवा केन्द्र के बाहर बड़ी संख्या में जालसाज सक्रिय हैं। ये लोग फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का काम करते हैं। कुछ फेक सर्टिफिकेट पाये भी गए हैं, जो पहली नजर में फेक लग रहे हैं। लेटर के साथ फेक सर्टिफिकेट की कॉपी भी अटैच की गयी है। लेटर की प्रतिलिपि डीआईजी बरेली और एसपी सिटी बरेली को भी भेजी गई है। चूंकि, फेक सर्टिफिकेट के ज्यादातर मामले मुरादाबाद के हैं, लिहाजा डीएम मुरादाबाद को भी गयी है। बरेली पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच स्टार्ट कर दी है।
सेम राइटिंग से पकड़ में आया मामला
डाक्यूमेंट की जांच में मुरादाबाद डिस्ट्रिक्ट के क्फ् जन्म प्रमाण पत्र संदिग्ध यानी फर्जी पाए गए हैं। इन डाक्यूमेंट को यूपी गर्वनमेंट के फार्मेट में बनाया गया है। सभी डाक्यूमेंट पर बाकायदा उस एरिया के रजिस्ट्रार की मुहर के साथ-साथ साइन भी किए गए हैं। उनमें सभी सर्टिफिकेट पर राइटिंग सेम लग रही है। जबकि सर्टिफिकेट अलग-अलग विकास खंड यानि रजिस्ट्रार के आफिस के नाम पर बनाए गए हैं। सभी में साइन तो अलग तरीके से बनाए गए हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि साइन एक की शख्स के द्वारा अलग-अलग किए गए होंगे। यही नहीं कई सर्टिफिकेट में एक ही विकास खंड होने के बावजूद रजिस्ट्रार के साइन अलग-अलग किए गए हैं। इससे तो साफ है कि एक ही शख्स सभी विकास खंड का खुद ही रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु अधिकारी बनकर सर्टिफिकेट बना रहा है।
चार जन्म प्रमाण पत्र की डिटेल
आई नेक्स्ट के हाथ भी क्फ् में से चार ऐसे सर्टिफिकेट लगे हैं जो संदिग्ध हैं। इनमें एक क्रम संख्या फ्7//ख्0क्ब् पर पीपलसाना मुरादाबाद के रहने वाले मोहम्मद शादाब के नाम बना हुआ है। इसमें शादाब की जन्म तिथि भ् जनवरी क्99फ् लिखी हुई है। शादाब का जन्म घर पर हुआ है। जो क्रम संख्या है वही रजिस्ट्रेशन संख्या भी है। इसे सचिव ग्राम पंचायत पीपलसाना, विकास खंड भगतपुर टांडा, मुरादाबाद की मुहर के साथ साइन करके बनाया गया है। खास बात यह है कि पीपलसाना को हाथ से लिखा गया है।
एक ही दिन में जारी हो गया सर्टिफिकेट
इसी तरह से क्रमांक फ्फ् पर सियापी खड्डा, विकास खंड डिलारी, मुरादाबाद के एड्रेस पर मुर्तजा अली का सर्टिफिकेट बनाया गया है। इसमें भी क्रमांक और रजिस्ट्रेशन नंबर सेम है लेकिन ख्0क्ब् का कोई जिक्र नहीं है। यही नहीं जिस ख्भ् अगस्त ख्0क्ब् की डेट पर रजिस्ट्रेशन कराया गया उसी दिन ही सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया और रजिस्ट्रार के साइन भी हो गए। डिलारी विकास खंड से ही तुमडि़या कलां के शाहिद का भी सर्टिफिकेट बनाया गया है। इसमें एक ही विकास खंड होने के बावजूद रजिस्ट्रार के साइन अलग-अलग हैं और सर्टिफिकेट दो दिन में ही जारी हो गया है। डिलारी के ठकिया पीरू के मोहम्मद सादिक के भी सर्टिफिकेट में सेम डेट और अलग साइन का फजर्1ीवाड़ा किया गया है।
बाइक और स्कूटर हैं बथ्र्ा सर्टिफिकेट आफिस
बर्थ सर्टिफिकेट के लिए रजिस्ट्रार आफिस जाना होता है लेकिन पासपोर्ट सेवा केंद्र के पास किसी भी आफिस में जाने की जरुरत नहीं है। क्योंकि यहां बाइक, स्कूटर और कार ही आफिस बने हुए है। बस पल भर में बैठे-बैठे सर्टिफिकेट तैयार कर दिए जाते हैं। इससे सर्टिफिकेट बनवाने वाले को बार-बार आफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं और साथ ही कम समय में कम दाम खर्च कर सर्टिफिकेट भी हाथ में आ जाता है।
रूरल एरिया में रहने वालों के साथ होता है खेल
बर्थ सर्टिफिकेट के फर्जीवाड़े का खेल रूरल एरिया में रहने वाले लोगों के साथ ज्यादा होता है क्योंकि रूरल एरिया में बर्थ सर्टिफिकेट पहले कम ही बनाए जाते थे। ऐसे में पुरानी डेट में बर्थ सर्टिफिकेट बनना इतना आसान नहीं है। इसी वजह से दलाल ऐसे लोगों को आसानी से टारगेट कर खेल करते हैं।
अन्य डाक्यूमेंट्स में भी पायी जाती हैं कमियां
बर्थ सर्टिफिकेट के अलावा अन्य डाक्यूमेंट्स में भी कमियां पासपोर्ट डिपार्टमेंट को समय-समय पर मिलती रहती हैं। इनमें कई में एड्रेस प्रूफ का भी होता है। कई बार वोटर आईडी कार्ड भी संदिग्ध सामने आते हैं। जब उनका इपिक नंबर निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर चेक किया जाता है तो वो रजिस्टर्ड ही नहीं होते हैं।
''कुछ संदिग्ध बर्थ सर्टिफिकेट पकड़ में आए हैं। सभी में राइटिंग सेम लग रही है। एसएसपी को जांच के लिए लिखा है। डीएम मुरादाबाद को भी सर्टिफिकेट को वैरीफाई करने के लिए लेटर भेजा है। जांच के बाद सारा मामला सामने आ जाएगा.''
राम सिंह, रीजनल पासपोर्ट अधिकारी