बरेली (ब्यूरो)। व्हिकल में एक्स्ट्रा मॉडिफिकेशन कराना खतरनाक ही नहीं जानलेवा भी हो सकता है। राह चलते वाहनों में आग लग जाना इस बात की पुष्टि भी कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि वाहनों में एक्स्ट्रा मॉडिफिकेशन कराने से वायरिंग पर एक्स्ट्रा लोड बढ़ता है। इससे वायरिंग हीट होती है और आग लग जाती है। इसीलिए वाहनों में एक्स्ट्रा मॉडिफिकेशन नहीं कराना चाहिए। एक्स्ट्रा मॉडिफिकेशन कराने वालों के खिलाफ आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस जुर्माने की कार्रवाई करती है। इतना ही नहीं ट्रैफिक पुलिस व्हिकल भी सीज कर सकती है।

16 अगस्त 2023 पीलीभीत बाईपास पर जली कार
पीलीभीत हाइवे पर चलती कार में अचानक आग लग गई। मामला इज्जतनगर थाना क्षेत्र के बैरियर टू के पास चावल गांव के मोड़ का है। पीलीभीत हाइवे पर दौड़ रही सफेद रंग की चलती कार में अचानक आग लग गई। इससे पहले कि चालक और कार में सवार लोग समझ पाते आग ने भीषण रूप ले लिया। कार आग का गोला बन गई। कार की रफ्तार कम कर सभी ने कूदकर अपनी जान बचाई। दोनों तरफ वाहनों की लगी लंबी कतारें लग गईं। इज्जतनगर पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई। इस दौरान हाइवे पर तमाम लोगों की भीड़ जुट गई। हाइवे के दोनों ओर जाम लग गया। गनीमत रही कि कार सवार बाल-बाल बचे।

21 जुलाई 2023 गेट तोडक़र दंपत्ति की बचाई जान
फरीदपुर में लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर गलत दिशा से आ रहे ट्रक को बचाने के प्रयास में कार डिवाइडर से टकरा गई। इससे कार में आग लग गई। कार में दंपति और उनके दो पालतू कुत्ते फंस गए। राहगीरों ने कार के दरवाजे तोडक़र उनकी जान बचाई। फायर बिग्रेड ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी। कार सवार लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी धर्मेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी प्रीति रात कार से मेरठ जा रहे थे। धर्मेंद्र गुप्ता बैंक में कर्मचारी हैं। रात करीब 12 बजे उनकी कार फरीदपुर पहुंची। तभी सामने से ट्रक आता देख धर्मेंद्र ने बचाने का प्रयास किया, जिससे अनियंत्रित हुई कार डिवाइडर से टकरा गई और आग लग गई।

23 अक्टूबर 2022 अग्रसेन पार्क के पास चलती कार में लगी आग
बरेली में अग्रसेन पार्क के पास चलती कार में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। कार में सवार दो लोगों ने आनन-फानन में कार का गेट तोडक़र अपनी जान बचाई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार में आग लगने की जानकारी फायर बिग्रेड को दी। इसके बाद आग पर काबू पाया गया। इस दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई। दोनों तरफ वाहनों की लाइन लग गई। पुलिस ने एक घंटे बाद वहां से कार को हटाकर रास्ता साफ कराया।

यह है बड़ा कारण
कई लोग कार को अपने अनुसार चेंज कराने के लिए उसके कंपनी फिटेड एसेसरीज के साथ छेड़छाड़ करते हैं। इससे गाड़ी की वायरिंग में बेवजह कट लग जाते हैं। इस वजह से गाड़ी की वायरिंग में शॉर्ट सर्किट होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। साथ ही बहुत से लोग गाड़ी में अलग से ढेर सारे एसेसरीज लगवा लेते हैं। इस वजह से भी गाड़ी की वायरिंग पर अनावश्यक दबाव पड़ता है और आग लग जाती है। गाड़ी में अधिक इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज न लगवाएं।

इनका रखें ध्यान
-टू व्हीलर का मॉडिफिकेशन कराने पर कई बार तो बीमा कंपनी दुर्घटना होने पर क्लेम तक रिजेक्शन कर देती है।
-अगर आपको कोई मॉडिफिकेशन कराना है तो उसके लिए आरटीओ से परिमिशन लेनी होती है।
-मॉडिफिकेशन में अगर आप साइड मिरर तक को हटाते हैं तो उसके लिए एक हजार का जुर्माना का प्रावधान है।
-बिना आरटीओ की अनुमति के अगर वाहन में मॉडिफिकेशन कराया तो चालान और जुर्माना के साथ सीज की कार्रवाई होती है।
-वाहन के बेसिक स्ट्रक्चर से छेड़छाड़ करने पर रजिस्ट्रेशन तक निरस्त हो सकता है।

वाहनों में एक्स्ट्रा मॉडिफिकेशन नहीं कराना चाहिए। जो वाहन स्वामी अपने वाहन में एक्स्ट्रा मॉडिफिकेशन कराते हैं उन पर कार्रवाई कर जुर्माना भी लगाया जाता है। इसके लिए समय-समय पर अवेयरनेस कार्यक्रम चलाया जाता है, ताकि लोग जुर्माने से बचें और अपने वाहन को भी सुरक्षित रखें।
मनोज कुमार, एआरटीओ, प्रशासन