ठंड में नहलाने से बचें, हेल्दी फूड बनाए रखेगा डॉगी की हेल्थ
BAREILLY: आपका सबसे करीबी और वफादार दोस्त डॉग जिसे आप बहुत प्यार करते हैं। आपकी हर हरकत से पूरी तरह वाकिफ होता है। लेकिन क्या आप अपने इस दोस्त के गुमशुम चेहरे के पीछे छिपी परेशानी समझ रहे हैं। इन सर्दियों में आपके डॉगी को आपकी खास अटेंशन की जरूरत है। उसकी हर हरकत पर नजर रखिए, क्योंकि इन दिनों होने वाली बीमारियां आपके इस दोस्त के लिए खतरनाक भी हो सकती हैं। चलिए जाने सर्दियों में इस बडी का किस तरह रखे ख्याल।
कहीं स्टोन्स ताे नहीं
अगर आपका डॉगी अचानक चिल्लाने लगता है। गुमशुम सुस्त हो गया है तो उस पर ध्यान देने की जरूरत है। हो सकता है कि उसके पेट में स्टोन्स बन रहे हो। डॉग में दो जगह गॉल ब्लेडर और किडनी में स्टोन हो सकते हैं। गाल ब्लेडर स्टोन होने के कॉमन सिमटम्स डॉग को वामिटिंग होना, लूज मोशन, पेट दर्द की वजह से चिल्लाना आदि है। वहीं यदिडॉग के यूरिन में ब्लड आ रहा है या फिर रुक-रुक कर यूरिन आने की परेशानी हो रही है तो हो सकता है कि उसकी किडनी में स्टोन की समस्या हो । ऐसे में डॉग को बिना देर करे वेटरनरी डाक्टर के पास ले जाये। आईवीआरआई के रेफेरल वेटरनिटी पॉलीक्लीनिक के अनुसार डॉग में स्टोन्स की समस्या वाले केसेस बहुत बढ़ गए हैं।
ज्यादा दुलार न बने दें डॉगी को रोगी
आप अपने डॉगी को प्यार में वही खाना खिला देते है जो आप खा रहे हैं तो इस हरकत से बाज आइए। क्योंकि आपका ये दुलार आपके इस दोस्त की सेहत बिगाड़ रहा है। सर्दियों में डॉगी में होने वाली आम समस्याएं जैसे निमोनिया, वॉमिटिंग, लूज मोशन जैसी परेशानियां इन्हीं कारणों से पैदा होती हैं। डॉग और ह्यूमन बीइंग के डायजेशन सिस्टम में बहुत अंतर है, इसलिए इसको उसी आधार पर डायट देने की जरूरत है। अपने डागी को चाकलेट, किसमिस, और अंगूर कभी न खिलाये। इसके साथ ही अपने डाग को रूटीन वाक जरूर कराये।
हेल्दी डायट है विंटर का सेफ्टी गार्ड
अपने डॉगी को हेल्दी डायट दें, जिसमें हाई कार्बोहाईड्रेट, हाई प्रोटीन और फेट हो। उल्टी दस्त और निमोनिया की शिकायत हो तो डायट तुरंत चेंज कर दें और उसे फैट फ्री खाना दें। खून की कमी, प्रोटीन की कमी और बॉडी में एसिड बनना परेशानियों का मेन रीजन है। ऐसे में एंटी डायरियल, एंटी एमेटिक, एंटी एंटेसाइड दवाइयां फस्ट एड बाक्स में शमिल करें। डाग्स को हमेशा उबला अंडा ही ि1खलाये।
ताकि सर्दियां आपके दोस्त पर न पड़े भारी
- अपने डॉगी को सर्दियों में नहलाने की बजाय स्पंज ही कराये। डाग्स में पसीना आने वाली कोशिकाएं नही होती इसलिए अगर डॉगी बाहर न जाये तो आमतौर पर उसकी बॉडी क्लीन ही रहती है। इसलिए उसे नहलाने की जरूरत नही।
- न्यू बॉर्न बेबी को कम से कम एक महीने तक उसकी मां के पास ही रखे। सर्दी में पैदा होने वाले पपी को खास ख्याल की जरूरत होती है।
- ठंड से बचाने के लिए डॉगी को गर्म जगह रखे, लेकिन ज्यादा हीट नुकसान देय हो सकती है।
- अचानक ज्यादा ठंडे या ज्यादा गर्म जगह पर न ले जाये। ऐसे में बॉडी टेंप्रेचर अचानक से बदल जाता है।
- सुबह वॉक कराने के लिए गार्डन की जगह रोड पर ले जाये, क्योंकि ओस से नहाया गार्डन आपके डॉगी के लिए नुकसान देय साबित हो सकता है।
डाग्स की सेहत पर पॉल्यूशन का पड़ रहा है इफेक्ट
पॉल्यूशन की जद में कुत्ते भी आ चुके हैं और इसका नेगेटिव इफेक्ट इनकी बॉडी पर दिखने लगा है।
आईवीआरआई के रेफेरल वेटरनिटी पॉलीक्लीनिक के कोआर्डिनेटर अभिजीत पावड़े के अनुसार अब कुत्तों की बॉडी में पाल्यूशन के चलते कुछ तत्व पाये जाने लगे हैं जो कि प्वाइजीनियस हैं। घर में पाले जाने वाले डाग्स में कैडमियम टॉक्सिन पाया जाने लगा है। ये असल में जनरेटर से निकलने वाले कैडमियम की वजह से डॉग्स की बॉडी में पैदा कर रहा है।
डॉग्स को हेल्दी डायट देते रहे हैं तो ठंड से उसके बीमार होने के चांस अपने आम कम हो जाएंगे। ध्यान रखें कि ठंड में डॉगी को नहलाने की जरूरत नहीं। बॉडी क्लीनिंग के लिए स्पंज ही करें।
- डा। अभय तिलक, वेटरनेरी