(बरेली ब्यूरो)। वर्ष 1980-90 की तुलना में मौजूदा समय में ब्लड कैंसर के 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत पेशेंट अच्छे इलाज उपलब्ध होने की वजह से सामान्य जीवन व्यतीत करने में सक्षम हैं। अब ब्लड कैंसर की जांच की आधुनिक तकनीक उपलब्ध हैं। इसलिए जांच भी जल्दी हो जाती है ये बात फोर्टिस हॉस्पिटल गुडग़ांव से आए स्पेशलिस्ट डॉ। राहुल भार्गव ने बताई।
बताईं अहम बातें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में फोर्टिस हॉस्पिटल गुडगांव से आए विशेषज्ञ डॉ। राहुल भार्गव ने एप्रोच टू ए केस ऑफ ब्लड कैंसर विषय पर अपना व्याख्यान दिया देते हुए कहा कि टार्गेटिड मेडिसिन की सहायता से और अब ओरल कीमो थैरेपी से मरीजों का इलाज घर पर भी संभव हो जाता है। जिससे मरीज को बहुत आसानी रहती है। इस अवसर पर डॉ। एमडी छाबरिया, डॉ। आरके सिंह, डॉॅ। मनोज कुमार हिरानी, डॉ। सुदीप सरन, डॉॅ। रवीश अग्रवाल, डॉ। राघवेंद्र शर्मा, डॉॅ विवेक मिश्रा, डॉ। आदित्य माहेश्वरी, डॉ। ओपी भास्कर, डॉ। सोमेश मेहरोत्रा, डॉ। अमित अग्रवाल, डॉ। अनूप आर्य आदि मौजूद रहे।
अपनाएं अच्छी दिनचर्या
आईएमए के साइंटिफिक चेयरमैन डॉ। सुदीप सरन ने कहा कि आजकल लोगों की अनिश्चित दिनचर्या और खाने-पीने की गलत आदतें भी ब्लड कैंसर का कारण बन रही हैं। साथ ही कहा कि अब ब्लड कैंसर का इलाज ज्यादा आसान है.टार्गेटिड मेडिसिन से पहले की तुलना में अब साइड इफेक्ट भी बहुत ही कम हो गए हैं। स्वस्थ्य रहने के लिए लोगों को हेल्दी डाईट और अच्छी दिनचर्या अपनाने की जरूरत है। जिससे लोग फिट रहे और एक हेल्दी जिंदगी जी सकें।
मिल रही सुविधा
आईएमए अध्यक्ष डॉ। विमल कुमार भारद्वाज ने कहा कि पहले ब्लड कैंसर के इलाज के लिए मेडिसिन बहुत ही महंगी आती थी। जबकि अब मेडिसिन भी बहुत कम दाम पे उपलब्ध हो जाती हैं। अब प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री राहत कोष से भी वित्तीय सहायता मिलने से गरीब मरीज भी अपना इलाज आसानी से करवा पा रहे हैं।