Exercise बनाएगी tight
साइकोलॉजिस्ट डॉ। हेमा खन्ना के मुताबिक, कुछ सिम्पल और ट्रेडिशनल एक्सरसाइजेज के माध्यम से स्टूडेंट्स इस प्रॉब्लम को ओवरकम कर सकते हैं। स्टूडेंट्स की सबसे बड़ी समस्या सब्जेक्ट पर फोकस की कमी है। कई आसान योग बच्चों में कंसंट्रेशन लेवल इंप्रूव करते हैं-
Innovative बनाएगा meditation
सुबह जल्दी उठकर एकांत में बैठकर कुछ देर ध्यान लगाना चाहिए। डॉ। खन्ना इसके फायदे गिनाते हुए बताती हैं कि कुछ देर का ध्यान शरीर और मन को तरोताजा कर देता है। एक बिंदु पर ध्यान लगाने से सोचने की क्षमता बढ़ती है। मन में नए विचार पैदा होते हैं।
वक आसन से concentration
इसमें चिडिय़ा की तरह जमीन पर बैठा जाता है। पैर के अंगूठे आपस में मिलाकर घुटने को विरोधी दिशा में फैलाते हैं। ध्यान रहे सिर ऊपर उठाकर एक प्वाइंट पर देखते रहें। सांस को अंदर लेते हुए आराम से बाहर छोड़ें। इस तरह 10 से 15 मिनट करने से फर्क महसूस करेंगे। डॉ। खन्ना का कहना है कि इस तरह से बच्चों में कंसंट्रेशन बढ़ता है। उनका मानना है कि इस तरह के उपयोगी आसान पूरे परिवार को साथ में करने चाहिए। इस तरह बड़ों को करता देखकर बच्चे खुद ब खुद प्रेरित होते हैं।
शव आसन से body relax
इस आसन से शरीर टेंशन फ्री होता है। जमीन पर सीधा लेटकर शरीर को ढीला छोड़ दें। आराम से सांस लेते हुए फेस को गर्दन से चिपकाने का प्रयास करें। इसके बाद पैरों के पंजों को विरोधी दिशा में जितना हो सके मोड़ें। इसी पोजीशन में ज्यादा से ज्यादा रुकें और धीरे-धीरे वापस लाएं। इस आसन को करने से शरीर को आराम मिलता है। हर रोज करने से बीमारियों से भी बचाव होता है.
Tips for long term memory
-पढ़ाई को टुकड़ों में ही करें। ब्रेक लेकर बॉडी स्ट्रेच करें और लम्बी सांस लें।
-चेप्टर और प्वाइंट को किसी इंट्रेस्टिंग इवेंट से जोड़कर याद करने की कोशिश करें।
-बेस्ट वे है कि स्टूडेंट्स नोट्स पहले ही बना लें और बाद में उनके भी शॉर्ट नोट्स बना लें।
-जब लगे कि कंसंट्रेशन ज्यादा है तभी पढ़ें। मजबूरी में सुबह या देर रात न पढ़ें।
-प्वाइंट को एक बार पढऩे के बाद माइंड में रिपीट जरूर करें।
Good food good memory
डायटीशियन मुक्ता वोहरा ने दिए कुछ फूड टिप्स-
-खाने में सलाद जरूर लें।
-अखरोट, बादाम और अंजीर खाएं।
-प्रोटीन-विटामिन युक्त खाना खाएं।
-ऑयली खाने से करें परहेज
-नारियल पानी, नींबू पानी और पी सकते हैं। दिन में कम से कम 8 लीटर पानी पीने की आदत डालें।
-शहद का यूज करें। दूध जरूर पीएं।
Perfection नहीं excellence के पीछे भागें
डॉ। हेमा खन्ना बताती हैं कि अक्सर पेरेंट्स के मुंह से ये जुमले तो सुने ही होंगे कि शर्मा जी के बच्चों को तो देखो टॉप कर गया या गुप्ता जी का लड़का बढ़ा लायक है। कभी सोचा कि ये जुमले आपके बच्चे पर क्या असर डाल सकते हैं? हो सकता है इसे सुनकर बच्चा डिप्रेस हो जाए। कोशिश ये होनी चाहिए कि बच्चों की पढ़ाई में नुक्स निकालने से ज्यादा उनकी एक्सीलेंस के बारे में सोचना चाहिए। पेरेंट्स बच्चों की पढ़ाई को सोसाइटी सिम्बल बनाते हैं। खुद को बढ़ा और दूसरों को नीचा दिखाने के लिए इसे हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। यह बच्चे की मानसिक हालत पर बुरा असर डाल सकता है।