-- 14 सेंटर्स पर 8,500 स्टूडेंट्स थे रजिर्स्ड
-- मैथ्स ने छुड़ा दिए स्टूडेंट््स के पसीने
BAREILLY: जेईई मेन का पेपर खत्म होने के बाद स्टूडेंट्स के चेहरे पर वह खिलखिलाती हुई खुशी देखने को नहीं मिली, जो आमतौर पर बेहतर एग्जाम के बाद देखने को मिलती है। फिजिक्स और केमेस्ट्री के क्वेश्चंस ने जहां स्टूडेंट्स को राहत पहुंचा कर टेंशन कम करने का काम किया तो वहीं मैथ्स के हार्ड क्वेश्चंस ने टेंशन को फिर से बढ़ा दिया। एग्जाम रूम के बाहर आते वक्त स्टूडेंट्स क्वेश्चन पेपर डिस्कस तो कर ही रहे थे। साथ ही मेरिट में आने की टेंशन भी उनके माथे पर साफ झलक रही थी। संडे को जेईई मेन का एग्जाम था।
फिजिक्स और केमेस्ट्री में ज्यादा स्कोर
सुबह की पाली में बीई और बीटेक के लिए एग्जाम कंडक्ट कराया गया। सबसे ज्यादा इसी में स्टूडेंट्स अपीयर हुए। शाम की पाली में बीऑर्क के लिए एग्जाम कंडक्ट कराया गया। क्ब् सेंटर्स पर 8,भ्00 स्टूडेंट्स रजिर्स्ड थे। बीटेक के केमेस्ट्री, मैथ्स और फिजिक्स के टोटल 90 क्वेश्चंस पूछे गए। हर पार्ट में फ्0-फ्0 क्वेश्चंस पूछे गए। स्टूडेंट्स ने बताया कि कमेस्ट्री और फिजिक्स के क्वेश्चंस काफी ईजी थे। खासकर कमेस्ट्री के दोनों पोर्शस में वे ज्यादा मार्क्स स्कोर करने की उम्मीद कर रहे हैं।
काफी कैलकुलेशंस करने पड़े
मैथ्स के क्वेश्चंस को सॉल्व करने में स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा प्रॉब्लम महसूस हुई। उन्होंने बताया कि क्वेश्चंस के आंसर निकालने के लिए काफी कैलकुलेशंस करना पड़ा, जिस वजह से मैथ्स का पोर्शन काफी लेंदी भी लगा। कमेस्ट्री के बाद मैथ्स का और उसके बाद फिजिक्स का पोर्शन था। ऐसे में मैथ्स में जब ज्यादा टाइम लगा तो स्टूडेंट्स उसे छोड़ फिजिक्स के क्वेश्चंस सॉल्व करने लगे। ऐसे में मैथ्स के कई क्वेश्चंस छूट भी गए। वहीं कुछ स्टूडेंट्स के मैथ्स में ज्याद समय तक जूझने से बाकी के पोर्शन के क्वेश्चंस भी छूट गए। स्टूडेंट्स ने बताया कि लास्ट ईयर के मुकाबले मैथ्स का पेपर काफी टफ था। क्लास क्क् के टॉपिक्स के सबसे ज्यादा क्वेश्चंस पूछे गए थे। जबकि उन्होंने अपनी तैयारी में क्लास क्क् के टॉपिक्स को कम ही प्रिपेयर किया। स्टूडेंट्स इस बात से श्योर नहीं हैं कि उनके मैथ्स के कैलकुलेशंस सही हों।
अब बोर्ड रिजल्ट पर टिकी निगाहें
जेईई मेन खत्म होने के बाद अब स्टूडेंट्स की निगाहें बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट पर टिकी हुई हैं। मेरिट में आने के लिए बहुत कुछ बोर्ड रिजल्ट पर निर्भर होगा। लास्ट ईयर मेरिट में बदलाव किया गया था। इसके तहत बोर्ड एग्जाम का ब्0 परसेंट और जेईई मेन का म्0 परसेंट मार्क्स के वेटेज के आधार पर मेरिट बनाई जाती है। वहीं आईआईटी के लिए जेईई एडवांस में अपीयर होने के लिए उन्हें जेईई मेन के टॉप डेढ़ लाख स्टूडेंट्स की लिस्ट में आना होगा। ऐसे में अब बेहतर मेरिट के लिए स्टूडेंट्स बेहतर बोर्ड रिजल्ट की आशा कर रहे हैं।
फिजिक्स को लेकर मेरी तैयारी कमतर रही। इसलिए फिजिक्स के क्वेश्चंस सॉल्व करने में ज्यादा प्रॉब्लम महसूस हुई। केमेस्ट्री के क्वेश्चंस तो कोर्स के हिसाब से ही पूछे गए थे। इन्हें सॉल्व करने में ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हुई।
- स्वप्निल कुमार, स्टूडेंट
मैथ्स बहुत टफ था। क्लास क्क् के टॉपिक्स से रिलेटेड ज्यादा क्वेश्चंस पूछे गए थे। उन्हें सॉल्व करने में कई बार कैलकुलेशंन करना पड़ा। क्वाड्रेटिक इक्वेशंस के भी क्वेश्चंस पूछे गए थे।
- इना गेरा, स्टूडेंट
मैथ्स के क्वेश्चंस में काफी कैलकुलेशन करने पड़े। मुझे पता नहीं है कि मेरी कैलकुलेशंस सही भी है कि नहीं। पेपर टफ था। इसलिए रिजल्ट निकालकर बाकी लक पर छोड़ दिया। लेंदी भी बहुत था, जिस वजह से रिवाइज्ड करने का टाइम कम ही मिला।
- सुष्मिता सिंह, स्टूडेंट
लास्ट ईयर के पेपर से कंपेयर करें तो मैथ्स का पेपर काफी टफ आया था। टफ इसलिए कि जो क्वेश्चंस थे उनको कैलकुलेट करने में ज्यादा समय लग रहा था। फिजिक्स और कमेस्ट्री के क्वेश्चंस करने में काफी ईजी लगा।
- प्रशांत, स्टूडेंट
मैथ्स में कैलकुलेशंस ज्यादा होने की वजह से पेपर काफी लेंदी हो गया था। इंटीग्रेशन और थ्रीडी टॉपिक्स के क्वेश्चंस काफी टफ आए थे। इस पोर्शन की वजह से टाइम काफी जाया हुआ।
- आदित्य, स्टूडेंट