BAREILLY: मेन एग्जाम की कॉपीज में कोडिंग लागू करने के बाद आरयू ने अब मेडिकल के एग्जाम्स में भी कोडिंग व्यवस्था लागू करने की हरी झंडी दे दी है। वेडनसडे को हुई एग्जामिनेशन कमेटी की मीटिंग में इसे पास कर दिया गया। यह व्यवस्था इसी वर्ष के एग्जाम से लागू कर दी जाएगी। आरयू एमबीबीएस, एमडीएस और बीडीएस का भी एग्जाम कंडक्ट कराता है। इन एग्जाम्स में बड़े पैमाने पर धांधली की कंप्लेन आ चुकी हैं। इसको लेकर बीसीबी के स्टूडेंट लीडर ईमरान अंसारी ने गवर्नर से भी कंप्लेन की थी। जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए थे। एग्जाम की गड़बड़ी रोकने के मकसद से आरयू ने मेडिकल की एग्जाम कॉपीज में भी कोडिंग व्यवस्था लागू की। इससे पहले आरयू लॉ और बीएड प्रैक्टिकल के एग्जाम में भी कोडिंग व्यस्था लागू कर चुका है।
एमसीए के स्टूडेंटस को मिली राहत
डिस्टेंस एजूकेशन से एमसीए करने वाले स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी गई है.फर्स्ट ईयर कंप्लीट करने के बाद इनका एडमिशन रोक दिया गया था। डिस्टेंस एजूकेशन के तहत प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन देने पर उठे विवाद के बाद यह कदम उठाया गया था। एग्जामिनेशन कमेटी में इस बात पर डिसिजन लिया गया कि, जो फर्स्ट ईयर कंप्लीट कर चुके हैं उनको कोर्स पूरा करने दिया जाए। इसके साथ ही तिलहर स्थित राजकीय महाविद्यालय में एग्जाम के दौरान ज्यादा स्टूडेंट्स अलॉट करने के विवाद का भी निपटारा कर दिया गया। कॉलेज के प्रिंसिपल ने क्षमता से ज्यादा स्टूडेंट्स का एग्जाम कराने से मना कर दिया था। इसको देखते हुए खुसरो डिग्री कॉलेज और सत्यपाल सिंह कॉलेज के स्टूडेंट्स का सेंटर कहीं और बना दिया गया है। वहीं आलीम के वे ही सर्टिफिकेट मान्य किए गए हैं जिनमें कम से कम पांच सब्जेक्ट्स हों।
अपने ही निर्देशों का पालन नहीं
आरयू अपने ही निर्देशों का पालन नहीं कर पाया। सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के टीचर्स को एग्जामिनर बनाने के लिए आरयू ने कमेटी का गठन किया था। कमेटी एग्जामिनर बनाने के लिए रूल्स के अनुसार गाइडलाइंस तय करती, लेकिन आरयू ने कमेटी के किसी भी मेंबर को इसके लिए पत्र नहीं भेजा। एक महीने से ज्यादा का समय बीत गया और कमेटी के मेंबर्स आरयू के पत्र का इंतजार करते रह गए। एग्जामिनेशन कमेटी में डिसिजन लिया गया कि कमेटी को तुरंत पत्र भेजकर इसकी गाइडलाइंस मंगाई जाएं।