बरेली (ब्यूरो)। तीन देशों को धूल चटाने वाले आर्मी हवलदार आज रिटायर होने के बाद अपने ही देश के सिस्टम से हार गए। महीनों से चक्कर लगाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है, जिसके चलते वह परेशान हैं। हुआ कुछ यूं कि बैंक ऑफ बड़ौदा में अकाउंट ओपन करते समय बैंक कर्मियों ने रिटायर आर्मी मैन की डेट ऑफ बर्थ को ही चेंज कर दिया। जिससे उसकी पेंशन की ग्रोथ रुकी हुई है। उन्होंने बैंक प्रबंधन को सारे डॉक्यूमेंट दिखाए, लेकिन इसके बाद भी वे मानने को तैयार नहीं हैं।

यह है पूरा मामला

शहर के 4/26 राधेश्याम इंक्लेव निवासी हवलदार प्रेमपाल सिंह आर्मी से रिटायर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मार्क्सशीट, आधार कार्ड और आर्मी के जो भी पेपर्स हैं उन सभी में डेट ऑफ 1939 है, लेकिन जब उन्होंने  श्यामगंज बीओबी में अकाउंट ओपन कराया तो बैंक कर्मियों ने उनकी डेट ऑफ बर्थ 1941 कर दी। इससे रिटायर हवलदार की पेंशन की 20 परसेंट होने वाली ग्रोथ बैंक ने अपने पेपर्स के हिसाब से रोक दी।

लगा रहे डेली चक्कर

रिटायर हवलदार प्रेमपाल ने जानकारी की पता चला कि उनकी उम्र अभी पेंशन ग्रोथ के लिए पूरी नहीं है। उन्होंने बैंक प्रबंधन को अपने सारे डॉक्यूमेंट में डेट ऑफ बर्थ दिखाई और उसे सही करने का आग्रह किया। लेकिन बैंक प्रबंधन ने डेट ऑफ सही करने के बजाए उन्हें चक्कर लगवान शुरू कर दिया। जिससे पिछले कई महीनों से चक्कर लगा रहे हैं।

1979 में हुए थे रिटायर

रिटायर हवलदार प्रेमपाल ने आर्मी 24 दिसम्बर, 1957 में ज्वॉइन की थी और 1979 में रिटायर हुए थे। फिर वह परिवार समेत राधेश्याम इन्कलेव में रहने लगे।  उन्होंने बताया कि जब वह आर्मी में थे में तो वह चार बार दूसरे देशों से लड़ाई लड़े और जीते भी।

यह लड़ी लड़ाई

- 1961 पुर्तगाल से लड़ाई लड़ी और गोवा को पुर्तगालियों से फ्री कराया।

- 1962 में चाइना युद्ध के दौरान कई माह तक बॉर्डर पर रहे।

- 1965 में पाकिस्तान से लड़ाई लड़ी।

- 1971 में ढाका में लड़ाई लड़ी और बांग्लादेश को फ्री कराया।

'रिटायर आर्मी मैन हवलदार को कोई प्रॉब्लम हुई तो गलत है। वह मुझसे सीधे मिल सकते हैं। वह मुझे पेपर दिखाए तो मैं तुरंत ही उनकी डेट ऑफ बर्थ बैंक के पेपर्स में ठीक करा दूंगा। वह मेरे पास सीधे आकर मिल सकते हैं।'

- ओमपाल बढ़ेरा, लीड बैंक मैनेजर

bareilly@inext.co.in

National News inextlive from India News Desk