Clearance
लोगों को देंगे जानकारी
सिटी मजिस्ट्रेट शिशिर ने बताया कि ईवीएम से छेड़छाड़ असंभव है। इलेक्शन कमीशन लोगों के इस शक को दूर करने के लिए एफट्र्स कर रहा है। साथ ही कमीशन ने यह भी पूछा है कि अगर कोई व्यक्ति इसकी कमी को साबित कर सकता है तो सामने करके दिखाए। उन्होंने बताया कि जहां तक बात ईवीएम से लोगों को फैमिलियर करने की है तो डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन फ्राइडे से बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगा। सभी एरिया के बीएलओ अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के किसी सेलेक्टिव प्वाइंट पर लोगों को इस मशीन के बारे में जानकारी देंगे।
पहले होगी mock voting
सिटी मजिस्ट्रेट शिशिर ने जानकारी दी कि पोलिंग वाले दिन ईवीएम को सुबह 6 से 7 बजे तक कैंडीडेट और उनके पोलिंग एजेंट के लिए ओपेन किया जाएगा। उस दौरान उनसे मॉक वोटिंग कराई जाएगी। इसमें अलग-अलग कैंडीडेट से टोटल 100 वोट डलवाए जाएंगे। वोटिंग के बाद टोटल पड़े वोट कैंडीडेट को दिखाए जाएंगे। संतुष्ट होने पर उनसे एक सर्टिफिकेट पर साइन कराया जाएगा। इसके बाद ही जनरल पोलिंग स्टार्ट होगी। यही नहीं लखनऊ और दिल्ली में बैठे कमीशन के ऑफिसर्स पोलिंग पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सीधी नजर रखेंगे।
घर बैठे मिलेगी वोटर स्लिप
16 फरवरी के बाद ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नरियावल मंडी के पास कैंडीडेट्स और उनके पोलिंग एजेंट्स को बुलाया जाएगा। यहां आई मशीनों की 10 परसेंट ईवीएम के जरिए उन्हें मशीन के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। सैटरडे को सभी बीएलओ को बुलाया गया है। वे कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी में पहुंचकर सैटेलाइट मैपिंग के थ्रू अपने-अपने एरिया में मौजूद पोलिंग बूथ की फीडिंग का काम करेंगे। इस बार लोग अपने घर बैठे ही वोटर स्लिप निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें ड्ढड्डह्म्द्गद्बद्यद्य4.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ पर विजिट करके इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट से स्लिप का प्रिंटआउट निकालना होगा। सैटेलाइट मैपिंग से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कोई भी साइट पर विजिट करके अपने पोलिंग बूथ की एग्जेक्ट लोकेशन को ट्रेस कर सकता है।
Doubts
आई नेक्स्ट से बातचीत के दौरान यूथ ने अपनी परेशानी बयां की-
मुझे वोट देने में कोई गुरेज नहीं है लेकिन इसकी क्या गारंटी है कि मेरे वोट से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
-रूपाली, स्टूडेंट
ईवीएम को बनाने वाला इंसान ही है। जब कुदरत की देन को इंसान ने नहीं बख्शा तो ईवीएम इंसान द्वारा बनाई गई एक मशीन ही तो है।
-मुशर्रफ, स्टूडेंट
एडमिनिस्ट्रेशन का तर्क है कि समय बचाने और आसानी से काम निपटाने के लिए ईवीएम का यूज किया गया। अगर ऐसा ही है तो अमेरिका जैसे डेवलप कंट्री में इसे यूज क्यों नहीं किया जाता? इसका मतलब कि छेड़छाड़ हो सकती है।
-फराह, स्टूडेंट
अभी तक किसी ने मशीन में इस तरह की छेड़छाड़ की गुंजाइश को साबित नहीं किया है। आरोप लगाने वाले बहुत हैं। होने को तो कुछ भी हो सकता है लेकिन उसके लिए वोट न डालना कहां तक जायज है। हां ये बात जरूर है कि लोगों को वोटिंग मशीन से फैमिलियर करने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन को कुछ करना चाहिए, ताकि वोटिंग के टाइम पर कोई असहज महसूस न करे।
-रुखसार, स्टूडेंट
ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं है। वोटर बिना किसी शक के अपने वोटिंग राइट को यूज करें।
-शिशिर, सिटी मजिस्ट्रेटReport by: Amber Chaturvedi