आई नेक्स्ट में खबर छपते ही एक्शन में आयी पुलिस
24 घंटे के अंदर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा
अंशिका और परिवार ने आई नेक्स्ट को दिया धन्यवाद
BAREILLY: अब अंशिका (नेम चेंज्ड) घर में दुबक कर नहीं रहेगी, वह समाज में भी डर-डर के नहीं जिएगी। वह पढ़ाई कर अपने माता-पिता के सपने को भी पूरा करेगी, क्योंकि अंशिका की जिंदगी मुश्किल करने वाला लफंगा सलाखों के पीछे जा चुका है। इस आजादी के लिए अंशिका व उसका परिवार आई नेक्स्ट का शुक्रिया अदा करते हुए आगे की जिंदगी बिना डरे बिताने की बात कह रहा है। आई नेक्स्ट की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस की नींद टूटी और खबर पब्लिश होने के ख्ब् घंटे के भीतर ही मोहल्ले के गुंडे मुकेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हालांकि, अभी दूसरा आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है। अंशिका और उसके परिवार से आई नेक्स्ट ने घर जाकर बात की तो अपनी दास्तां बताते वक्त उनके चेहरे पर डर साफ झलक रहा था और आंखों में आंसू छलक आए.
गोली मारने की देता था धमकी
अंशिका ने बताया कि पहले जब मुकेश ने एक दो-बार छेड़खानी तो उसने अनदेखा कर दिया, लेकिन इससे मुकेश की हिम्मत बढ़ गई और वह आए दिन छेड़छाड़ करने लगा। इस पर उन्होंने अपने पिता को बताया। पिता ने मुकेश के ताऊ से शिकायत की तो ताऊ ने आगे ऐसी हरकत न होने का आश्वासन दिया। मोहल्ले के लोगों के बीच आश्वासन मिलने पर चुप हो गए, लेकिन फिर छेड़छाड़ की घटनाएं शुरू हो गई। अंशिका बताती है कि डर के चलते वह पुलिस में पहले शिकायत करने नहीं गई। क्योंकि मुकेश और उसका भाई उठाकर ले जाने और गोली मारने की धमकी देते थे।
सीओ ने नहीं लिया था एक्शन
पिता ने बताया कि बदनामी के चलते सिर्फ फायरिंग और मारपीट की तहरीर तहसील दिवस में दी थी। एसपी सिटी व एसपी आफिस में भी शिकायत की लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर डीजीपी से शिकायत की। तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र देते वक्त मैंने सीओ को बताया था कि मामला मारपीट से नहीं बल्कि छेड़छाड़ से जुड़ा हुआ है। सीओ ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जागा भरोसा, बोली अब जाऊंगी पढ़ने
अंशिका ने बताया कि यह साल तो बर्बाद हो गया है लेकिन नेक्स्ट ईयर से स्कूल में पढ़ने जाऊंगी। वह सुभाषनगर के आर्य पुत्री इंटर कालेज में पढ़ती है। सीओ ने भी पुलिसकर्मियों को स्कूल भेजा है कि उसकी आगे की पढ़ाई बिना ब्रेक हुए हो सके। उन्होंने इसी साल प्राइवेट परीक्षा दिलवाने के भी प्रयास किए हैं। इसके लिए कालेज की प्रिंसिपल से भी बात की गई है। अंशिका कहती है कि वो सभी लड़कियों को बिना डरे स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। अगर किसी के साथ कोई मनचला छेड़छाड़ करेगा तो उसे भी अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करूंगी क्योंकि जो उसे पीड़ा झेलनी पड़ी वो किसी के साथ न हो।
घर से उठा लायी पुलिस
अंशिका का जीवन नरक बनाने वाले आरोपी मुकेश को जिस सुभाषनगर पुलिस गिरफ्तार करने से बच रही थी। उसी मुकेश को पुलिस ने अधिकारियों की डांट के बाद ख्ब् घंटे के अंदर घर से ही खोजकर उठा लायी। यही नहीं जल्द से जल्द कागजी कार्रवाई भी पूरी हुई और उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। अंशिका के पिता दूसरे आरोपी को भी जेल की सलाखों तक पहुंचाने की अपील पुलिस से कर रहे हैं ताकि वह पूरी आजादी के साथ जी सकें। हालांकि मुकेश छेड़छाड़ के आरोप से लगातार इंकार करता रहा। मुकेश आटो चलाता है। उसका बड़ा भाई भी आटो चलाता है। अब पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है।
कोट
मामला संज्ञान में आते ही आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार किया जाएगा। अगर किसी को कोई मनचला परेशान कर रहा तो परेशान न हों और तुंरत उनके पास पहुंचकर शिकायत करें। शिकायत पर तुंरत कार्रवाई कर आरोपियों को जेल भेजा जाएगा।
राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली
बोली, थैंक्यू आई नेक्स्ट
-करीब एक साल से मनचले के आंतक से परेशान बारहवीं की छात्रा अंशिका की दर्द भरी दास्तां जब आई नेक्स्ट को पता चली तो आईनेक्स्ट ने छात्रा को न्याय दिलाने की ठानी। इस संबंध में आईजी विजय सिंह मीना से भी बात की गई तो उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया। क्भ् जनवरी को आई नेक्स्ट ने छात्रा की दर्द भरी दास्तां अधिकारियों तक पहुंचायी तो पुलिस में हड़कंप मच गया। आईजी के निर्देश पर एसपी सिटी ने सुभाषनगर पुलिस को आरोपियों की हर हाल में गिरफ्तारी का आदेश दिया। अधिकारी का आदेश मिलते ही चौकी इंचार्ज करगैना अमर सिंह पुलिस टीम के साथ आरोपी मुकेश के घर जा पहुंचे और उसे दबोच कर थाना ले आए। जब आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर अंशिका को लगी तो उसने राहत की सांस ली और बोली थैंक्यू आई नेक्स्ट।
अभी तक नहीं दी एफआईआर की कापी
अंशिका के पिता पर फायरिंग से जानलेवा हमले को कई दिन हो चुके हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज करे हुए भी एक सप्ताह से अधिक हो चुका है लेकिन उन्हें एफआईआर की कॉपी भी नहीं दी गई है। वह थाना में कॉपी लेने गए लेकिन उन्हें कंप्यूटर न चलने का बहाना बनाकर वापस लौटा दिया गया। जबकि पीडि़त को तुरंत एफआईआर की कापी देने के आदेश हैं। सुभाषनगर थाना में कंप्यूटर और मैनुअल दोनों तरह से एफआईआर लिखी जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कंप्यूटर खराब था तो मैनुअल एफआईआर की फोटो कापी क्यों नहीं दी गई। वहीं अंशिका के ताऊ और चाचा भी भतीजी के साथ हुई घटना से डरे हुए हैं।