- एमजेपीआरयू में छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में नहीं हो सका फैसला
- महिला शिकायत एवं निवारण प्रकोष्ठ की बैठक के बाद छात्रा ने लिखकर दी शर्तें
बरेली : एमजेपीआरयू में चार दिन पहले हुई छेड़छाड़ के मामले में फैसला छात्रा के लिखित पत्र के बाद फिर टल गया। छात्रा ने छात्र को माफ करने और शिकायत वापस लेने के लिए के लिए कुछ शर्तें दी हैं। कहा है कि छात्र अगर इन शर्तों को मानता है तो वह शिकायत वापस लेगी। इसके बाद महिला शिकायत एवं निवारण प्रकोष्ठ ने मामले में 16 फरवरी के बाद निर्णय लेने की बात कही है।
की जाएगी काउंसलिंग
महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की प्रभारी प्रो। आशा चौबे ने बताया कि शनिवार को कमेटी की बैठक के दौरान छात्रों को बुलाया गया था। शुक्रवार की बातचीत में तय हुई बातों से लग रहा था कि आज मामला निपट जाएगा। लेकिन छात्रा ने जब लिखित में पत्र दिया तो उसमें उसने कई शर्तें रख दीं। छात्रा ने लिखा की छात्र लिखित दे कि वह दोबारा इस तरह की हरकत कभी नहीं करेगा। वह कभी उसे न रोकेगा न बात करने का प्रयास करेगा। इस तरह की अन्य शर्तें छात्रा की ओर से रखी गईं। इसके बाद जांच का रुख बदल गया। मामला निपटने की जगह फिर टल गया। प्रो। आशा चौबे ने बताया कि अब 16 फरवरी तक छुट्टी है। इसके बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। छात्रा की एक और काउंस¨लग की जाएगी।
बता दें कि गुरुवार को विश्वविद्यालय में बीटेक और विधि विभाग के छात्रों में झड़प हुई थी। इसके बाद शाम को स्थापना दिवस कार्यक्रम का रिहर्सल कर लौट रहीं एलएलएम छात्राओं को रोक लिया था। इस मामले में आठ से दस छात्राओं ने महिला निवारण प्रकोष्ठ में शिकायत की थी। जिस पर जांच चल रही है.शुक्रवार को मामला सुलह की ओर जाता नजर आ रहा था, लेकिन अब फिर बात टल गई है। सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले में अलग अलग दल के छात्र नेताओं ने राजनीति करनी भी शुरू कर दी है। इसके चलते मामला निपटने से रह गया।