- साख का सवाल बन गया है आरयू के लिए
- दो वर्ष से ऑनलाइन प्रोसेस लागू नहीं हो पाया
- एडमिशन प्रोसेस में बदलाव को लेकर आरयू उलझन में
BAREILLY: नए सेशन के लिए एडमिशन प्रोसेस को लेकर आरयू में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि इस बार एडमिशन प्रोसेस में बदलाव किया जाए कि नहीं और बदलाव किया जाए तो कौन सा तरीका अपनाया जाए। पूरी तरह से एडमिशन प्रोसेस चेंज करना भी अब आरयू के बस की बात नहीं है, क्योंकि नया सेशन स्टार्ट होने में ज्यादा टाइम नहीं बचा है। ऐसे में इस बात पर विभाग में माथापच्ची चल रही है कि एडमिशन प्रोसेस में किस स्तर का बदलाव किया जाए। वैसे भी फर्जी फॉर्म का गोरखधंधा आरयू के लिए सिरदर्द बना हुआ है, जिसे रोक पाने में आरयू पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है।
ऑनलाइन प्रोसेस ठंडे बस्ते में
यूजीसी और शासन की कवायदों के बाद भी आरयू अपने यहां ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस लागू नहीं कर पाया। अब यह तय है कि नेक्स्ट सेशन में भी एडमिशन प्रोसेस पूरी तरह से ऑनलाइन नहीं हो पाएगा। शासन की तरफ से जो फंड रिलीज किया गया था वो भी आधा खर्च हो चुका है, लेकिन एडमिशन प्रोसेस जमीनी हकीकत पर उतरा नजर नहीं आ रहा है। अब आरयू के पास फंड में इतना रुपया नहीं बचा है कि वह दूसरी कंपनी के सॉफ्टवेयर को हायर कर सके। शासन ने करीब साढ़े क्म् लाख रुपए रिलीज किए थे। दो वर्षो तक इस पर काम हुआ, सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया, डाटा फीडिंग कराई गई। बजट का आधा हिस्सा खत्म हो गया और पूरी प्लानिंग फेल हो गई। बजट को यूज करने की अवधि खत्म होने वाली है ऐसे में आरयू के पास अब इतना टाइम नहीं बचा है कि वह पूरी कवायद दोबारा से शुरू करे।
साख का सवाल
बजट का आधा हिस्सा खत्म हो चुका है और कुछ भी शुरू नहीं हो पाया। शासन को इसका जवाब देना है। ऐसे में अब आरयू की साख का सवाल हो गया है। आरयू किसी तरह एडमिशन प्रोसेस में बदलाव कर अपनी साख बचाना चाहता है। आरयू के एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में एडमिशन प्रोसेस के तरीकों को लेकर खलबली मची हुई है। अधिकारीगण इस बात पर गहन विचार कर रहे हैं कि नेक्स्ट सेशन से एडमिशन प्रोसेस में किस स्तर तक का बदलाव करें। पूरी प्रोसेस तो अब ऑनलाइन होने से रहा।
एक तरीके पर सबकी नजर
एग्जाम डिपार्टमेंट कई तरीकों पर विचार कर रहा है, लेकिन एक तरीका है जिसको लागू करने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। एडमिशन शुरू होने में महज दो महीने बाकी हैं, ऐसे में यह प्रोसेस लागू भी किया जा सकता है। आरयू फिलहाल नेक्स्ट सेशन ने ऑनलाइन फॉर्म फीडिंग पर जोर दे रहा है। इसके तहत कॉलेज में एडमिशन ऑनलाइन नहीं होंगे। वे तो पुराने तरीकों से ही एडमिशन लेंगे, लेकिन आरयू एग्जाम फॉर्म ऑनलाइन भरवाने के मूड में है। एडमिशन शुरू होने के बाद एग्जाम फॉर्म भरवाए जाते हैं। ऐसे में आरयू को काफी टाइम मिल जाएगा इस योजना को लागू करने से पहले अच्छी तरह से परखने को। इसके तहत कॉलेजेज को ऑनलाइन उतने ही एग्जाम फॉर्म प्रोवाइड कराए जाएंगे जितने उन्होंने एडमिशन लिए हैं। एडमिशन के इतर एक फॉर्म भी डॉउनलोड नहीं होगा। स्टूडेंट्स डायरेक्ट वेबसाइट द्वारा ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। जैसे कि इस बार स्कॉलरशिप लेने के प्रोसेस में हुआ। इसके बाद कॉलेज सीडी बनाकर स्टूडेंट्स का डाटा फॉर्म के साथ आरयू को भेज सकता है। वहीं आरयू के पास भी पहले से डाटा मौजूद रहेगा कि कितने स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन फॉर्म भरे हैं। डाटा खुद ब खुद वैरीफाई हो जाएगा और एग्जाम फॉर्म भरने की व्यवस्था भी रेगुलराइज हो जाएगी।
फर्जी फॉर्म सबसे बड़ी समस्या
आरयू इस प्रोसेस पर तेजी से इसलिए विचार कर रहा है, क्योंकि फर्जी फॉर्म का गोरखधंधा आरयू के लिए सिरदर्द बना हुआ है। आरयू अब तक बैंक द्वारा एग्जाम फॉर्म मुहैया करता आया है। इस प्रोसेस में फर्जी फॉर्म के गोरखधंधे ने बड़ा रैकेट खड़ा कर दिया है। शिक्षा माफिया फेक फॉर्म स्टूडेंट्स को बेच देते हैं। ऑनलाइन होने से स्टूडेंट्स डायरेक्ट एग्जाम फॉर्म जमा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें फॉर्म खरीदने के लिए बिचौलिए के पास नहीं जाना पड़ेगा।
प्राइवेट स्टूडेंट्स हैं टेंशन
प्राइवेट स्टूडेंट्स के बीच फर्जी फॉर्म का जाल ज्यादा बिछा हुआ है। इनकी संख्या रेगुलर स्टूडेंट्स से भी ज्यादा है। ये स्टूडेंट्स आरयू के लिए टेंशन बने हुए हैं। बीसीबी में सबसे ज्यादा प्राइवेट स्टूडेंट्स अप्लाई करते हैं। यहां पर रेगुलर स्टूडेंट्स करीब ख्फ् हजार हैं तो प्राइवेट स्टूडेंट करीब तीन गुना ज्यादा म्फ् हजार हैं। पूरे आरयू परिक्षेत्र में इनकी संख्या लाखों में हैं। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को प्राइवेट फॉर्म ऑनलाइन भरवाना एक चैलेंज होगा, क्योंकि इन स्टूडेंट्स का एग्जाम फॉर्म भरवाने के अलावा और कोई प्रोसेस नहीं अपनाया जाता। ये डायरेक्ट एग्जाम फॉर्म भरते हैं। आरयू इन सभी पहलुओं पर एडमिशन से पहले विचार कर एडमिशन प्रोसेस को बदलने की कवायद में जुटा हुआ है।