सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया नगर निगम ब्रांच का मामला, लोन लेकर बंद कराए अकाउंट

सांठ-गांठ कर दूसरे बैंक में खुलवा लिए सैलरी अकाउंट, पुराने एकाउंट से नहीं गई किश्त

मैनेजर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी से की शिकायत, सैलरी अकाउंट दोबारा खोलने की अपील

BAREILLY:

नगर निगम परिसर में एक और नए किस्म के घपले का खुलासा हुआ है। मामला इस बार भी निगम के नगर स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है। निगम परिसर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में सैलरी अकाउंट के नाम पर लाखों का लोन गबन करने का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस बैंक में निगम के कर्मचारियों का सैलरी अकाउंट है। फर्जीवाड़े में शामिल दोषियों के खिलाफ ब्रांच मैनेजर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। एसपीएस सिंधु को लेटर भेजा है। जिसमें इस मामले से जुड़े ब् कर्मचारियों के नाम व उनके लिए गए लोन का ब्यौरा दिया गया है।

लोन लेकर बंद कराए अकाउंट

निगम के स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारियों का सैलरी अकाउंट भी इस बैंक में खोला गया था। इस दौरान ब् कर्मचारियों ने सैलरी अकाउंट के आधार पर बैंक से पर्सनल लोन भी लिया। इन कर्मचारियों की ओर से लिए गए लोन डेढ़ लाख से लेकर ढाई लाख रुपए तक थे। लोन की कुछ किश्तें चुकाने के बाद अचानक बैंक को इन कर्मचारियों से वसूली बंद हो गई। जांच कराने पर मालूम हुआ कि इन कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट बैंक में बंद करा दिए गए। जिससे हर महीने इन कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट में आने वाले वेतन से लोन की किश्तें बैंक नहीं वसूल पा रहा।

सांठ-गांठ कर बदला बैंक

स्वास्थ्य विभाग के जिन चार कर्मचारियों पर लोन लेने के बाद अकाउंट बंद कराने के आरोप लग रहे हैं उनमें जितेन्द्र सिंह, सत्यपाल, मनोज कुमार और सागर हैं। इनमें जितेन्द्र सिंह ने ढाई लाख, सत्यपाल ने दो लाख, मनोज कुमार ने दो लाख और सागर ने डेढ़ लाख रुपए का लोन लिया था। इन कर्मचारियों पर लोन की सारी किश्तें चुकाए बिना दूसरे बैंक में सैलरी अकाउंट खुलवाने के भी आरोप हैं। सोर्सेज के मुताबिक इसके लिए इन कर्मचारियों ने सांठ-गांठ कर अपने पुराने बैंक से सैलरी अकाउंट बंद कराकर नए बैंक में खाते खुलवा लिए।

आठ लाख का लोन, चुकाए ढाई लाख

इन चारों कर्मचारियों ने बैंक से आठ लाख रुपए का लोन लिया था, लेकिन महज ख्.म्0 लाख रुपए ही मंथली किश्त के जरिए चुकाकर बैंक की कस्टमर्स लिस्ट से गायब हो गए। बैंक के ब्रांच मैनेजर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी से लोन के बचे भ्.79 लाख रुपए की वसूली के लिए मदद मांगी है। ब्रांच मैनेजर ने इन चारों कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट दोबारा से अपने बैंक में खुलवाने की अपील की है। जिससे रिकवरी की प्रोसेस कर्मचारियों के वेतन से शुरू की जा सके। साथ ही फ्यूचर में जिन कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट सेंट्रल बैंक में हैं, उनके खाते बिना ब्रांच की मंजूरी के अन्य बैंक में ट्रांसफर न किए जाएं।

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बैंक के ब्रांच मैनेजर से लिखित कंप्लेन मिली है। इस बारे में कर्मचारियों के रिका‌र्ड्स देखे जा रहे हैं। नगर आयुक्त को भी इस कंप्लेन के बारे में बताया जा रहा है। सैलरी अकाउंट बदलवाने में गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। - डॉ। एसपीएस सिंधु, नगर स्वास्थ्य अधिकारी