(बरेली ब्यूरो)। चुनावी बयार के बीच देश का आम बजट ट्यूजडे को पेश हो गया। इस बजट के पिटारे से बरेलियंस भी तोहफों की सौगात पाने की उम्मीद लगाए थेे, पर उनकी उम्मीदों पर यह बजट उतना भी खरा नहीं उतरा। आम बरेलियंस को उम्मीद थी कि यह बजट महंगाई पर लगाम लगाने वाला होगा तो नौकरीपेशा इनकम टैक्स स्लैब में और भी छूट मिलने की आस लगाए थे। व्यापारी और उद्यमी भी अपने हितों को लेकर इस बजट से बड़ी उम्मीद लगाए थे। बजट पेश होने के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब अलग-अलग वर्ग के लोगों से बात की तो अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया सामने आई। किसी ने टैक्स के जरिए क्रिफ्टों कैरेंसी के लीगलाइजेशन की तारीफ की तो किसी ने आरबीआई की ओर से जारी होने वाली डिजिटल कैरेंसी को उचित कदम बताया। आने वाले समय में 400 बंदे भारत ट्रेनों के संचालन की घोषणा को भी कई लोगों ने सराहा। इसके अलावा बजट से नाराजगी जताने वालों की संख्या भी खासी रही। इनमें नौकरीपेशा सबसे आगे रहे। उन्होंने कहा कि वह टैक्स में छूट की सीमा के बढऩे का इंतजार कर रहे थे, पर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। सरकार ने बजट में सबसे ज्यादा उनकी ही अनदेखी की है। कर्मचारियों के लिए एनपीएस में सरकार का योगदान 10 से 14 परसेंट करने को उन्होंने जरूर राहत भरा कदम बताया। गृहणियों ने भी इस बजट में उनके हितों का ध्यान न रखने की बात कही। युवाओं के 60 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा करने की घोषणा की तारीफ की। उद्यमियों ने कहा कि यह बजट दूरगाम प्रभाव वाला है। लांग टर्म में इस बजट से उद्यमियों को जरूर फायदा होगा।

वर्जन

इस बज़ट में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई चेंज नहीं किया गया है। युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। पेंशन व दिव्यांगों के लिए टैक्स की छूट अच्छी बात है। कुछ चीजें सस्ती हुई हैैं जिनका जनता से लेना देना नहीं है।
-डॉ। चारू मेहरोत्रा,

यह बैलेंस्ड बजट है। मेडिकल सेक्टर में सुधार की आवश्यकता है। लंबे समय के बाद आम आदमी को राहत मिल सकती है। मेडिकल इक्विपमेंट की कीमतों को भी कम करने की जरुरत है।
-डॉ। सौरभ गोयल, फिजिशियन, संत हॉस्पिटल

यह बजट एजुकेशन सेक्टर के लिए बेनिफीशियल है। आम आदमी के लिए राहत देने वाला है। महिलाओं को खुश करने की कोशिश की गई है। इनकम टैक्स के लिए इस बार अच्छे स्टेप्स उठाए गए हैैं।
-अमिता अग्रवाल, डायरेक्टर, फनसिटि

यह बजट काफी हद तक जनहित के लिए है। इसमें एमएसएमई पर उदारता रखी गई है। कंस्ट्रक्शन से जुड़े लोगों के लिए बेनिफिशियल है। यह बजट लंबे समय के बाद फायदा देगा।
-दिनेश गोयल, उद्यमी, रामा श्यामा पेपर मिल

यह बजट इंडिया को वल्र्ड इकोनॉमी में एक नई पहचान दिलाने वाला साबित होगा। यह चुनावी बजट नहीं है। आम आदमी को काफी हद तक इससे राहत मिलेगी। बजट जनहितकारी है।
-सुधीर मेहरोत्रा, चार्टेड अकाउंटेंट

इस बजट से बहुत उम्मीद थी, पर इससे लोगों को बहुत हताशा हुई है। यह बजट पूरी तरह से फेल है। युवाओं को रोजगार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह जनहित में नहीं है।
-मेहंदी हसन, अर्थशास्त्री

यह बजट देश को मजबूत करने वाला बजट है। यह लुभावना बजट नहीं है। यह अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने वाला बजट है। यह आम आदमी के लिए बहुत लाभकारी बजट है। सरकार ने सिद्ध कर दिया है कि उसके लिए देश सर्वोपरि है।
-डॉ। निखिल अग्रवाल, शाखा प्रबंधक, एलआईसी

नारी शक्ति के महत्व को स्वीकार करते हुए महिलाओं और बच्चों के लिए एकीकृत विकास प्रदान करने के लिए तीन योजनाएं शुरू की गई हैैं। यह सभी जनहित के लिए शुरू की गई हैैं। लोगों को थोड़े समय के बाद इसका लाभ मिल सकेगा।
-शिखा सिंह, बिजनेस वुमेन

मिडिल क्लास को धोखा देने वाला बजट है। आरटीआई एक्टिविस्ट व भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों के लिए सुरक्षा को अलग से फंड का एलान नहीं किया गया। यह कुल मिलाकर अमीरों के लिए बनाया गया बजट है।
-मुहम्मद खालिद जीलानी, एडवोकेट व आरटीआई एक्टिविस्ट
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- सरकार ने इलेक्ट्रानिक्स पर लगने वाले टैक्स में छूट की घोषणा की है। साथ ही रत्न और आभूषण पर कस्टम ड्यूटी घटाकर पांच फीसदी कर दी गई है। इससे रिटेल खरीददारों को बड़ी राहत पहुंचेगी, यह एक स्वागत योग्य कदम है। सरकार ने घोषणा की है कि आत्मनिर्भर भारत में 60 लाख युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी।
संजीव सरीन, सीनियर सेंटर डायरेक्टर, फीनिक्स मिल्स