बरेली (ब्यूरो)। थाना क्षेत्र के हरिरामपुर गांव के लोग खतरे के साए तले जीने को विवश है। बिजली की एलटी लाइन के तार लोगों के मकानों की छत से छू रहे हैं, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद विभाग के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। लोगों की कंप्लेंट्स को कचरे के डिब्बे में डाल दिया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा लगता है जैसे अधिकारियों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
टूट गए थे पोल
यहां के लोगों ने बताया कि आठ माह पूर्व तेज हवा के साथ आई बारिश में बिजली के दो पोल टूट गए थे। उसके बाद बिजली के तार जमीन पर पड़े रहे और विद्युत सप्लाई लगातार चालू रही, जिससे कई लोगों को करंट भी लगा था। फोन कर सूचना देने पर सप्लाई तो बंद कर दी गई, लेकिन तारों को ठीक करने कोई नहीं आया। ग्रामीणों ने कई बार लिखित व मौखिक रूप से शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। तंग आकर ग्रामीणों ने बिजली के तारों को बरगद के पेड़ की टहनियों से बांध दिया, जो आज भी वैसे ही बंधे हैं। दूसरा पोल गांव निवासी जगदीश मौर्य के घर के पास टूट गया था, जिसके तार जगदीश मौर्य की छत पर डाल दिए और बिजली सप्लाई शुरू कर दी गई।
10 हजार रुपये की मांग
बारिश के दौरान मकान में करंट उतर आया, जिस पर उन्हें परिवार सहित घर छोड़ कर दूसरी जगह तिरपाल टांग कर रहना पड़ा। उनका कहना है कि बिजलीघर पर फोन करके इस विषय में बताया गया, लेकिन वहां से कोई नहीं आया। उसके बाद बारिश रुकने पर वे लोग अपने घर आए, लेकिन छत पर होने के कारण अनहोनी का खतरा आज भी बराबर बना हुआ है। आरोप कै कि कई बार कंप्लेंट करने के बाबजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि इसके लिए बिजली विभाग के एक कर्मचारी ने 10 हजार रुपए की मांग की थी। ग्रामीणों ने सात हजार रुपए इकठ्ठा भी कर लिए थे, लेकिन कर्मचारी 10 हजार से कम पर नए पोल लगवाने को तैयार नहीं हुआ था। लोगों ने बताया कि गांव में 152 कनेक्शन हैं, लेकिन विभाग हमेशा मनमानी पर आमादा रहता है। उपभोक्ताओं की समस्या सुनी नहीं जाती।
लोगों ने बताई परेशानी
मुझे इन तारों से करंट लग चुका है। मेरे अलावा गांव के कई अन्य लोग भी इनकी चपेट में आ चुके हैं। विभाग में कई बार शिकायत की गई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। समाधान होना चाहिए। -राजन बाबू मिश्रा
मैं खुले पड़े बिजली के तारों की चपेट में आने से में बुरी तरह झुलस गया था। तीन महीने तक अस्पताल में मेरा उपचार कराया गया। अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ। -ब्रजपाल कश्यप
आठ माह से गांव में बिजली के दो पोल टूटे पड़े है। कंप्लेंट के बाद भी बिजली घर से कोई नहीं आया। ऐसे में लोगों ने तारों को पेड़ की टहनियों से बांध दिया। घरों पर लटक रहे तारों से खतरा बना हुआ है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। -रमेश मौर्य, प्रधान
बोले जिम्मेदार
हमारे पास अब तक कोई कंप्लेंट नहीं आई है। ग्रामीणों ने लाइनमैन से शिकायत की होगी। आज ही जेई को भेज कर मौका मुआयना करवाया जाएगा। उसके बाद टूटे खंभों का एस्टीमेट बना कर नए पोल लगवा दिए जाएंगे। -बबलू कुमार, एसडीओ