- फॉल्ट से खुद निपटने या राजस्व का ग्राफ बढ़ाने का निर्देश

- फॉल्ट अधिक होने से मुख्यालय ने नाराजगी जाहिर की

BAREILLY: बिजली बिल वसूल पाने के सुस्त रवैये से पावर कॉरपोरेशन बिजली विभाग से खुश नहीं है। विभाग आमदनी से कही अधिक खर्चे गिनाता है। इस बात से खफा पावर कॉरपोरेशन ने अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की है। वहीं गर्मी के मौसम में रोजाना हो रहे फॉल्ट ने राजस्व खर्च को और बढ़ा दिया है। मुख्यालय ने बिजली विभाग और विजिलेंस टीम को राजस्व वसूली का एक फिक्स टारगेट दे रखा है। क्योंकि बिजली चोरी और बिल वसूल पाने में विभाग के कर्मचारी पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो रहे हैं। टारगेट पूरा नहीं करने की स्थिति में मुख्यालय ने छोटे-मोटे फॉल्ट से खुद ही निपटने की हिदायत दी है।

तो अपना काम खुद देखिए

नाम न छापने की शर्त पर विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि, आला अधिकारियों ने राजस्व वसूल पाने में नाकाम विभाग को अपना काम खुद देखने की बात कही है। क्योंकि पिछले कुछ समय में फॉल्ट होने की घटना काफी बढ़ी है। ओवरलोड को कम न कर पाने के चलते जम्फर उड़ना, वायर टूटना जैसे छोटे-मोटे ख्-फ् फॉल्ट की घटना रोजाना हो रही है। जबकि उसकी अपेक्षा राजस्व वसूली नहीं हो पा रही है। मुख्यालय ने सिर्फ विजिलेंस टीम को ही हर महीने क्0 लाख रुपए तक राजस्व वसूली करने का टारगेट मिला है। करीब इतना ही विभाग के तीनों डिविजन को भी बिजली बिल कलेक्ट करना है।

भेजता है एनुअल इस्टीमेट

बड़े प्रोजेक्ट से अलग छोटे-मोटे फॉल्ट का भी बिजली विभाग एनुअल इस्टीमेट बनाकर मुख्यालय भेजता है। डिमांड की कॉपी बिजली बोर्ड और स्टोर रूम के पास होती है। फॉल्ट के मुताबिक बजट आता रहता है। लेकिन, शहर के उपभोक्ताओं पर बकाया करीब फ्0 करोड़ रुपए विभाग वसूल पाने में नाकाम साबित हो रहा है। जिसके चलते इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलने में दिक्कत आ रही है। मुख्यालय का ऐसा मानना है कि, यदि कस्टमर के पास फंसा हुआ पैसा विभाग को मिल जाए तो समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

फॉल्ट के हिसाब से एनुअल रिपोर्ट की कापी बिजली बोर्ड और स्टोर के पास भेजी जाती है। फॉल्ट को कम करने और राजस्व वसूली पर हमारा पूरा फोकस है।

एनके श्रीवास्तव, एसई, बिजली विभाग