केस-वन

गुप्ता फोटो स्टेट पर इंक्वॉयरी करने पर पता चला कि यहां पर बिजली का फॉर्म 60 रुपए में बेचा जा रहा है। इसमें 10 रुपए का स्टॉम्प पेपर भी इंक्ल्यूड है। शॉप पर काम करने वाले पवन ने बताया कि अगर आप चाहेंगे तो यही से एफिडेविट भी बन जाएगा।

केस-टू

जब हम भाटिया फोटो कॉपी सेंटर्स पर पहुंचे तो यहां का हाल मत पूछिए। यहां पर 100 रुपए में 2 किलोवाट के नए कनेक्शन के लिए फॉर्म दिए जा रहे थे। लोड बढ़वाने वाले फॉर्म के भी 100 रुपए दुकानदार ने मांगे।

-- फ्री में मिलने वाला फॉर्म 100 रुपए में बिक रहा

-- दुकानदार प्रोवाइड करा रहा है विद्युत सुरक्षा के सर्टिफिकेट भी प्रोवाइड करा

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BAREILLY: ये दो केस तो महज बानगी भर है, लेकिन शहर में ऐसे कितने ही लोग होंगे, जिन्होंने फ्री के फॉर्म के लिए सौ रुपए तक की कीमत चुकाई होगी। लोगों की शिकायत पर जब आई नेक्स्ट ने इसकी तहकीकात की तो कई चौंकाने वाले फैक्ट्स भी सामने आए।

कहीं कर्मचारियों की मिलीभगत तो नहीं

सूत्रों के मुताबिक फॉर्म के इस खेल में कर्मचारी और दुकानदारों की मिलीभगत है। कलेक्ट्रेट के आसपास अधिकतर दुकानों में बिजली विभाग के नए कनेक्शन के फॉर्म बिक रहे हैं। यहां तक कि बिजली विभाग के कर्मचारी फॉर्म के लिए कंज्यूमर्स को कलेक्ट्रेट का पता बता रहे हैं। फ्री में मिलने वाले इस फॉर्म के लिए दुकानदार कंज्यूमर्स से अच्छे-खासे पैसे वसूल रहे हैं। ये दुकानदार विद्युत सुरक्षा के सर्टिफिकेट भी प्रोवाइड करा रहे हैं।

कलेक्ट्रेट के पास मिलेगा फॉर्म

बिजली विभाग इन दिनों स्पेशल कैंप चला रहा है। इस दौरान विभाग द्वारा शपथ पत्र भरवा कर लोगों को नए कनेक्शन दिए जा रहे हैं। कनेक्शन के साथ विभाग फ्री में फॉर्म भी देता है, लेकिन फिलहाल कर्मचारी फॉर्म न होने की बात कहकर कंज्यूमर्स को टरका रहे हैं। फॉर्म लेने पहुंचे चमन ने बताया कि मुझे दो किलोवॉट के नए कनेक्शन लेने हैं, लेकिन विभाग द्वारा अभी तक फॉर्म नहीं मिला है। कर्मचारियों कहा कि फॉर्म नहीं है कलेक्ट्रेट के पास चले जाओ फॉर्म मिल जाएगा।

क्00 रुपए तक में बिक रहे फॉर्म

वहीं मुफ्त में मिलने वाले इस फॉर्म की कीमत दुकानदार सौ रुपए तक वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं तीन सेट के कार्य पुरक प्रमाण पत्र भी आप दुकानदारों से ले सकते हैं, जबकि कार्य पुरक प्रमाण पत्र कंज्यूमर्स द्वारा जिस ऑथराइज्ड ठेकेदार से वायरिंग कराई जाती है उसके द्वारा दिया जाता है। एक सेट कंज्यूमर्स के पास होती है और दूसरा सेट बिजली विभाग द्वारा विद्युत सुरक्षा निदेशालय यूपी शासन को भेजा जाता है। फिर वहां के कर्मचारी और ऑफिसर्स आकर मौके की जांच करते हैं कि वायरिंग सही है या नहीं।

नियम के विरुद्ध

नियम के मुताबिक फोटो स्टेट की दुकान पर इस तरह का काम होना गलत है, लेकिन मार्केट में जिस तरह से विद्युत सुरक्षा के सर्टिफिकेट अनऑथराइज्ड लोगों द्वारा दिए जा रहे हैं इससे किसी बड़ी घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इनके द्वारा मौके पर बिना कोई जांच किए ही सर्टिफिकेट बनाकर दे दिया जाता है, जबकि ऑथराइज्ड ठेकेदार मौके पर जांच कर ही सर्टिफिकेट देने का काम करते हैं।

रेजिडेंट्स की परेशानी

बिजली विभाग के इस रवैये से रेजिडेंट्स की परेशानी बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां ऑफिसर्स नए कनेक्शन लेने के लिए लोगों पर प्रेशर बना रहे हैं तो वहीं दूसरी तरह कर्मचारियों को फॉर्म ना देकर इधर से उधर दौड़ाया जा रहा है। कार्रवाई होने के डर से मजबूरन रेजिडेंट्स को मार्केट से पैसे देकर फॉर्म लेने पड़ रहे हैं।

सजा का प्रावधान

इस तरह से नियम का उल्लंघन करने पर विद्युत विनियामक अधिनियम के तहत दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। विद्युत विनियामक ब्7 का उल्लंघन करने पर फ् महीने की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।

ऑथराइज्ड ठेकेदार ही सर्टिफिकेट दे सकता है। अगर ऑथराइज्ड ठेकेदारों की ओर से कंप्लेन मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऑथराइज्ड ठेकेदार भी कही भी अपनी दुकानें सजाकर सर्टिफिकेट और फॉर्म नहीं दे सकता है।

- मिथिलेष कुमार, डिप्टी डायरेक्टर, उप निदेशालय विद्युत सुरक्षा यूपी शासन बरेली रीजन बरेली

इस तरह का कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। फॉर्म की कोई कमी नहीं है। अगर कर्मचारी किसी के साथ इस तरह की बात कह रहे हैं तो मामले की जांच की जाएगी।

- नंदलाल, एक्सईएन, बिजली विभाग