- बिजली कटौती को लेकर परेशान बरेलियंस

- ट्रांसमिशन से बिजली मिलने के बाद भी कटौती

- इलेक्शन के नाम पर हो रही बिजली कटौती

BAREILLY: एक ओर बिजली की कटौती तो दूसरी ओर मौसम के गर्म तेवर ने बरेलियंस को परेशान कर दिया है। सुबह, शाम और रात हर समय बस बिजली कटौती को लेकर ही चर्चा करते नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि सुबह नींद खुलती है तो बिजली गायब, चिलचिलाती धूप से दोपहर घर पहुंचते हैं तो बिजली गायब और रात को थके हारे घर पहुंचते है तो बिजली की आंख मिचौनी ने लोगों को बिलबिला दिया है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक इस समस्या का सबसे बड़ा रीजन बिजली विभाग की लापरवाही और लोकसभा चुनाव है। प्रदेश में कहीं भी इलेक्शन होगा इसका साइड इफेक्ट बरेली में दिखेगा।

इलेक्शन बना बिजली कटौती का कारण

प्रदेश के जिन क्षेत्रों में चुनाव है। वहां के लिए चुनाव आयोग का आदेश है कि इलेक्शन के 7ख् घंटा पहले और इलेक्शन होने के ख्ब् घंटे बाद तक एक भी घंटे की बिजली कटौती ना की जाए। नाम व फोटो ना छापने की शर्त पर बिजली विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि सिटी में ख्ब् घंटे तो दूर क्0 घंटे तक बिजली सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसके पीछे का रीजन यह है कि, जिस एरिया में इलेक्शन है वहां ख्ब् घंटे सप्लाई दी जा रही है। यूपी के चौथे चरण का इलेक्शन फ्0 अप्रैल और पांचवें चरण का चुनाव 7 मई और छठे चरण का इलेक्शन क्ख् मई को होना है। मतलब जब तक चुनाव संपन्न नहीं हो जाते तब तक शहरवासियों को बिजली की कटौती झेलनी पड़ेगी।

इलेक्शन के समय ख्ब् घंटे

इमरजेंसी कटौती को छोड़ दिया जाए तो बरेली में चुनाव के टाइम ख्ब् घंटे की बिजली सप्लाई हो रही थी, लेकिन इलेक्शन बीतने के बाद 8 से क्0 घंटे ही बिजली सप्लाई हो रही है। सबसे अजीब बात यह है कि ट्रांसमिशन से डिस्ट्रिब्यूशन को डिमांड के अकॉर्डिग बिजली सप्लाई करने की बात

कह रहा है। फिर भी बिजली सप्लाई का बुरा हाल बना हुआ है।

मिलती है भरपूर बिजली

बिजली विभाग के पूरे बरेली मंडल में करीब सात लाख कंज्यूमर्स है। अर्बन में कंज्यूमर्स की संख्या पौन दो लाख के आसपास है। पूरे मंडल के कंज्यूमर्स के लिए 800 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता डेली की है। सिर्फ अर्बन की बात करें तो डेली फ्भ्0 मेगावॉट बिजली की जरूरत पड़ती है। इनकी पूर्ति के लिए ट्रांसमिशन ग्रिड में रोजा रिलायंस से 700 और उन्नाव पावर हाउस से ब्00 मेगावॉट बिजली डेली आती है। उसके बाद ट्रांसमिशन के सीबीगंज, दोहना और सिविल लाइन पावर हाउस से डिस्ट्रिब्यूशन के सब स्टेशन में बिजली सप्लाई की जाती है। बचे हुए बिजली को मुरादाबाद, रामपुर, गुलाबबाड़ा, भमरौला और चंदौसी सप्लाई की जाती है।

बीच रास्ते में ही गायब

ट्रांसमिशन से जुड़े लोगों ने बताया कि उन्हें जितनी बिजली मिलती है। वे डिस्ट्रिब्यूशन को सप्लाई कर देते हैं। जिन्हें वह बाद में कंज्यूमर्स को सप्लाई करने का काम करते है। सोचने वाली बात यह है कि, जब ट्रांसमिशन द्वारा डिस्ट्रिब्यूशन को कंज्यूमर्स के अकॉर्डिग बिजली सप्लाई की जा रही है तो पूरे दिन बिजली की कटौती क्यों हो रही है। बिजली विभाग के ऑफिसर्स क्यों इलेक्शन के नाम पर शहरवासियों को ठेंगा दिखा रहे हैं। बीच रास्ते से ही हमारे हिस्से की बिजली कहां गायब हो जा रही है। इस बात पर ऑफिसर्स कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

इनके लिए कटौती नहीं

एक ओर जहां बिजली के लिए बरेलियंस पूरे दिन तरस रहे हैं। वहीं बिजली विभाग में पूरे दिन बिजली सप्लाई हो रही है। सिविल लाइन, कोहाड़ापीर, राजेंद्र नगर, श्यामगंज, मढ़ीनाथ, कुतुबखाना कोई भी एरिया ऐसा नहीं है जहां पर बिजली कटौती ना होता हो। बिजली कटौती से परेशान लोग आए दिन हंगामा कर रहे हैं। पिछले दिनों व्यापार मंडल के लोगों ने बिजली विभाग के एसई का घेराव कर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी।

पावर कॉरपोरेशन से जितनी भी बिजली मिलती है उसे सप्लाई कर दिया जाता है। डिस्ट्रिब्यूशन की यह जिम्मेदारी बनती है कि उसे एरिया वाइज सप्लाई करे।

- आरपी दूबे, एसई, ट्रांसमिशन डिपार्टमेंट