- इलेक्शन कमीशन कराएगा सर्वे
- वोट ना करने के पता करेगा रीजन
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BAREILLY: वोटिंग परसेंटेज को 7भ् परसेंट तक ले जाने के लिए इलेक्शन कमीशन हर संभव प्रयास कर रहा है। चुनाव में वोटिंग परसेंटेज कम क्यों होता है। इसे जानने के लिए चुनाव आयोग सर्वे कराने की तैयारी करा रहा है। यह सर्वे बीएलओ के माध्यम से कराया जाएगा। कुछ जिलों के डीएम के प्रपोजल के बाद इलेक्शन कमीशन ने सर्वे कराने का फैसला लिया है। इसके तहत बीएलओ अपने अपने एरिया में जाकर एक फॉर्म भरवाएगा। इस प्रक्रिया को पूरे प्रदेश में अपनाने पर विचार किया जा रहा है। बरेली डिस्ट्रिक्ट भी इसकी तैयारी में जुट गया है। निर्देश आने के बाद फॉर्म बीएलओ को प्रोवाइड कराए जाएंगे।
पूछे जाएंगे सवाल
इसमें वोटर से कुछ सवाल पूछे जाएंगे। जैसे कि आपने पिछले इलेक्शन में वोट किया था या नहीं? अगर नहीं किया था तो कारण क्या था? इन सवालों के जवाब आने पर आयोग परसेंटेज तय कर यह जानने की कोशिश करेगा कि किस वजह से वोटिंग नहीं की गई। अगर कोई वाजिब कारण होगा तो आयोग भी वोटर की मदद करने को तत्पर रहेगा।
बूथ पर रहेगा वैन
अधिकारियों की मानें तो अभी तक वोट ना करने का जो रीजन सामने आ रहा है। उसमें बूथ का दूर होना है। शुरुआती नतीजों में सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली के जिलों में वोट ना देने के कारण पोलिंग सेंटर का दूर होना बताया जा रहा है। नक्सल प्रभावित इन जिलों में आई फाइंडिंग्स के बाद चुनाव आयोग ने यह फैसला किया है कि उन जिलों में स्पेशल वैन या बस चलाई जाएगी, जो वोट कराने के लिए बूथ तक ले जाएगी और वापस ले आएगी। हर जिलों में इस तरह की फाइंडिंग निकलवाने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे यह पता करने का प्रयास किया जा रहा है कि वोट ना करने का बड़ा कारण क्या है। वहीं खास लोगों की आम धारणा छुट्टी मनाने की होती है और लाइन में ना लगना पड़े इसके चक्कर में वोटिंग नहंी होती है।
नोटा से उम्मीद
इलेक्शन कमीशन को इस बार नोटा से काफी उम्मीद है। नोटा यानी नन ऑफ दी अबब। बहुत से वोटर इस लिए वोट नहंी करते थे कि किसे वोट करें? इस बार आयोग ने नोटा का भी ऑप्शन रखा है। इस लिए ऐसी शिकायत करने वालों के लिए भी आयोग के पास जवाब है।
वोट परसेंटेज बढ़ाने के लिए बीएलओ से सर्वे कराने की योजना है। इलेक्शन कमीशन से निर्देश मिलते ही बीएलओ को पेपर देकर सर्वे स्टार्ट करा दिया जाएगा।
-- अरुण कुमार, डिप्टी डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन आफिसर