- कैंपेन में मैक्सिमम बरेलियंस ने इसी मुद्दे का किया चुनाव
- आप भी चुन सकते हैं अपने मुद्दे
BAREILLY: बरेलियंस के चुनावी मुद्दों में फर्स्ट प्लेस पर करप्शन फ्री गवर्नमेंट है। आई नेक्स्ट के कैंपेन ' हैं तैयार हम' में शामिल हुए मैक्सिमम बरेलियंस ने इसी मुद्दे को अपनी फर्स्ट प्रॉयरिटी पर रखा। कैंपेन के जरिए अपना मुद्दा चुनने का मौका दे रहे आई नेक्स्ट से लोगों ने दिल खोलकर अपनी बात शेयर की। यूथ, लेडीज या फिर सीनियर सिटीजन सभी की बस एक ही आवाजकरप्शन को जड़ से मिटाना ही होगा। फीनिक्स मॉल में चल रहे कैंपेन के चौथे दिन भी लोगों ने अपने मुद्दे चुन कर आने वाली गवर्नमेंट को अपनी मंशा जता दी है।
सशक्त शासक की जरूरत
बैलेट स्लिप के माध्यम से अपने मुद्दे चुनने के लिए बरेली के लोग काफी एक्साइटेड नजर आ रहे हैं। लोगों के कैंपेन में शामिल होने का सिलसिला सुबह से लेकर देर शाम तक चलता है। अपने मुद्दे का चुनाव कर रहे अमन वर्मा का कहना था कि एक पॉवरफुल पीएम वही हो सकता है, जिसमें खुद सोचने व समझने की शक्ति हो। दूसरों पर डिपेंड रहने वाला व्यक्ति कभी सरकार नहीं चला सकता है। समाज को करप्शन फ्री बनाने के लिए एक सशक्त शासक की जरूरत होती है। लेकिन आज के राजनेता करप्शन में इंवॉल्व हैं, फिर वह एक स्वच्छ समाज का निर्माण कैसे कर सकते हैं। अमन वर्मा के इस व्यू पर उनके फ्रेंड्स ने भी अपनी सहमति जताई। करप्शन के अलावा महिलाओं की सुरक्षा लेकर भी लोगों ने अपनी राय व्यक्त की। लोगों का कहना था कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तमाम प्लानिंग की जाती है, लेकिन उस प्लानिंग पर काम करने के बजाय लापरवाही बरती जाती है।
सबको होना चाहिए शामिल
डीडीपुरम की रश्मि सक्सेना कैंपेन में अपने मुद्दे चुन कर काफी उत्साहित दिखीं। रश्मि का कहना था कि 'हैं तैयार हम' कैंपेन में सबको शामिल होने की जरूरत है। आई नेक्स्ट जो मुद्दे सबके समाने लाया है, वह समाज और देश में बदलाव लाने के लिए बेहद जरूरी हैं। अगर आप भी इस बदलाव में अपना अहम रोल निभाना चाहते हैं तो फीनिक्स मॉल में ऑर्गनाइज आई नेक्स्ट के कैंपेन ' हैं तैयार हम' में आपका स्वागत है।
Ballot byte
आई नेक्स्ट के कैंपेन में शामिल होकर अच्छा लगा। लाइफ में फर्स्ट टाइम किसी ने अपने मुद्दे चुनने का मौका दिया इसके लिए आई नेक्स्ट का थैंक्स। समाज के किसी एक पहलू के बदलने से कुछ नहीं होने वाला है। हमें एजूकेशन, इकोनॉमी, पॉलीटिकल इन सभी क्षेत्र में एक बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत है। गवर्नमेंट अपने वोट बाहुल्य क्षेत्र में विकास का काम तो करती है लेकिन बाकी क्षेत्र में कुछ भी काम करना उचित नहीं समझती है। बुनियादी ढांचे का विकास होने पर ही कंट्री के डेवलपमेंट की बात की जा सकती है। गवर्नमेंट कई योजनाओं के नाम पर लाखों, करोड़ों रुपए खर्च करती है, मगर उसका नतीजा सिफर होता है। योजना के नाम पर मंत्री खुद की जेबे भरने में लगे होते हैं। मंत्रियों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
आशीष, पीलीभीत