नए साल में सिटी के यूथ्स की झोली जॉब्स से भरने वाली है। चाहे वह रिटेल सेक्टर हो, रीयल स्टेट या फिर ऑटोमोबाइल। हर फील्ड में यूथ्स की डिमांड बढऩे वाली है। सिटी के यूथ्स को जॉब की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इतना ही नहीं, सिटी की इंडस्ट्रियल फील्ड में भी यूथ्स के लिए कई जॉब्स डेवलप हो रही हैं।

Real estate में चमकेगी किस्मत

साल 2012 के खत्म होते-होते रीयल स्टेट की टॉप कंपनीज ने सिटी की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। एक्सपट्र्स की मानें तो इस सेक्टर में सिटी में अब तक जो भी जॉब अपाच्र्युनिटीज थीं वह लोकल लेवल की थी। अब मल्टीनेशनल कंपनीज के सिटी में दस्तक देने के बाद इस फील्ड में जॉब अपाच्र्युनिटीज में और ग्रोथ होगा। इन कंपनीज के आने से सिटी के बी स्कूल्स से पासआउट होने वाले स्टूडेंट्स को सिटी में ही जॉब मिल सकेगी और उन्हें बाहर का रास्ता नहीं देखना पड़ेगा।

Retail में  job धमाल

ईयर 2012 में सिटी के रिटेल सेक्टर में काफी जॉब्स प्रोड्यूस हुई हैं। नए साल में भी एक्सपट्र्स इस सेक्टर में ही सबसे ज्यादा जॉब्स की संभावनाएं बता रहे हैं। अगर एफडीआई लागू होता है तो इस सेक्टर में जॉब्स की बरसात होनी शुरू हो जाएगी।

Industries में भी मौके

2012 में सिटी की इंडस्ट्रीज में यूथ्स के लिए जिन जॉब अपाच्र्युनिटीज की उम्मीद की जा रही थी। नए साल में वह उनके हाथ में होंगी। सेंटर और स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से सिटी में जो इंडस्ट्रीज लगाए जाने की योजनाएं थीं वह पूरी होती दिख रही हैं। इन इंडस्ट्रीज के स्टैब्लिश हो जाने से सैकड़ो की संख्या में जॉब अपाच्र्युनिटी यूथ्स के हाथों में होंगी।

इन sectors में भी संभावनाएं

सिटी की बढ़ती पॉपुलेशन के साथ ही शहर में व्हीकल्स की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। फोर व्हीलर्स और टू व्हीलर्स की बढ़ती सेल को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि नए साल में ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी कई जॉब ऑप्शंस मौजूद रहेंगे। इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर में भी नई जॉब्स जेनरेट हो रही हैं, इसक ा फायदा भी बरेलिएंस को जरूर मिलेगा।

Job fairs से मिलेगी help

सिटी के इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में लगने वाले जॉब फेयर भी यूथ्स को जॉब अपाच्र्युनिटीज प्रोवाइड कराते हैं। ये फेयर्स जॉब सर्च कर रहे यूथ्स के लिए काफी हेल्पफुल होते हैं। खास बात यह है कि 2012 में जहां एक भी जॉब फेयर ऑर्गनाइज नहीं किया गया वहीं इस साल जनवरी से ही जॉब फेयर्स की सीरिज शुरू की जा रही है, जिसमें लो स्किल्ड लेबर से लेकर टेक्निकल जॉब्स तक के ऑप्शंस मौजूद रहेंगे, इससे हजारों यूथ को जॉब मिलने की संभावना है।

पूरे साल रहा इनका इंतजार

पूरे साल सिटी के यूथ्स को सरकार से इंडस्ट्रीज के  लिए मिलने वाली ग्रांट का इंतजार रहा। जो 2012 में उन्हें नहीं मिल सकी। इसके अलावा जॉब सर्च कर रहे यूथ्स को इस काम में हेल्प करने वाले इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज ने भी 2012 में क ोई जॉब फेयर नहीं ऑर्गनाइज किया। वहीं गवर्नमेंट सेक्टर में  टीचिंग जॉब्स इस साल तक किसी को नहीं मिल सकीं। पर उम्मीद की जा रही है, कि आने वाले साल में यह इंतजार खत्म हो जाएगा।

2012 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से पूरा डिपार्टमेंट बेरोजगारी भत्ते के लिए कैंडीडेट्स के रजिस्ट्रेशन में ही जुटा रहा। ऐसे में जॉब फेयर्स नहीं लगाए जा सके। आने वाले साल से इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में जनवरी से ही जॉब फेयर्स लगाए जाएंगे।

- आरए सिंह, असिस्टेंट डायरेक्टर, इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज

इंडस्ट्रियल लेवल पर सिटी को एनरिच करने के लिए सिटी के यूथ्स को अनुदान दिया गया है, जो नए साल में सामने आएगा.  तकरीबन 800 सेल्फ हेल्प गु्रप्स को इंटरप्रेन्योरशिप की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि इंडस्ट्रीज से जोड़ा जा सके। इंडस्ट्रियल सेक्टर को पीपीपी मॉडल से जोडऩे की तैयारी  है।

- भगवत शरण गंगवार, लघु उद्योग राज्यमंत्री

बिजनेस स्कूल के ग्रेजुएट्स के लिए यह अच्छा मौका है। रीयल स्टेट की नई कंपनीज ने सिटी की ओर अपना रुख किया है। यह सही है कि मल्टी नेशनल कंपनीज ऑल ओवर इंडिया से इंप्लाईज चूज करती हैं, लोकल इंप्लाईज मिलने कंपनी उन्हें ही प्रिफरेंस देती है।

- अर्चना अग्रवाल, एजुकेशन एक्सपर्ट

नए साल में सिटी में रिटेल सेक्टर में सबसे ज्यादा जॉब्स एक्सपेक्टेट हैं। इसकी वजह सिटी में मल्टी नेशनल कंपनीज का आना है। बढ़ते मॉल कल्चर ने इस तरह के ऑप्शंस में इजाफा किया है। इसके अलावा बैंकिंग, ऑटोमोबाइल्स सेक्टर्स में भी नए जॉब ऑप्शंस क्रीएट होंगे।

- अरविंद सिंह, चार्टर्ड अकाउंटेंट