बरेली(ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने अलग-अलग एरिया में स्मार्ट टॉयलेट बनवाए। ये टॉयलेट बनकर तो एक वर्ष पहले ही तैयार हो गए, लेकिन सफेद हाथी बने हुए हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही इसमें बड़ी बाधा बनी हुई है। प्रोजेक्ट के तहत बरेलियंस के लिए 25 सेंसरयुक्त स्मार्ट टॉयलेट्स का निर्माण किया जाना था, लेकिन इसका काम देख रही कंपनी की लापरवाही के चलते अब तक मात्र 12 टॉयलेट्स ही बनकर तैयार हो पाए हैं। वे भी बिजली और पानी के कनेक्शन के अभाव में शोपीस बनकर रह गए हैं।
निजी कंपनी को जिम्मा
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्मार्ट टॉयलेट्स का निर्माण कराया गया। बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से इनके कंस्ट्रक्शन का जिम्मा एक निजी कंपनी को सौंपा गया था। 24 दिसंबर 2020 को इसका कार्य आरंभ किया गया था। टॉयलेट्स का निर्माण 5.97 करोड़ रुपए लागत खर्च किया गया। कंपनी को 25 टॉयलेट्स 15 अप्रैल 2022 तक बनाकर तैयार करना था, लेकिन दिसंबर तक टॉयलेट बनकर तैयार हो गए। सिटी की अलग-अलग एरिया में 12 टॉयलेट बना कर तैयार भी कर दिए गए हैं, उन्हें भी अब तक स्टार्ट नहीं कराया जा सका है। बिजली-पानी के अभाव में ये सफेद हाथी बन कर रह गए हैं। ऐसे में बेसब्री से इनका वेट कर रहे बरेलियंस को अब तक निराशा ही हाथ लगी है। किसी में बिजली तो किसी में पानी की व्यवस्था नहीं हो सकी। जहां पर बिजली और पानी की व्यवस्था हो भी गई तो वहां पर उसमें ताला डालकर बंद कर दिया गया। इसको लेकर जिम्मेदार भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। जो टॉयलेट्स बन नहीं सके हैं, उनके लिए अभी भी बरेली स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा लोकेशन ढूंढी जा रही है।
क्या है इसका उद्देश्य
स्मार्ट सिटी मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार का लक्ष्य सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए शहर में स्मार्ट सार्वजनिक शौचालय स्थापित करना है। इन शौचालयों से सिटी को स्वच्छ बनाने में हेल्प मिलेगी। साथ ही इसके माध्यम से शहर में पब्लिक प्लेसेस को स्वच्छ रखने में भी सहायता मिलेगी। गंदगी से छुटकारा दिलाने के लिए इन टॉयलेट्स में सेंसर आधारित फ्लश, ऑटो सफाई प्रणाली, प्रकाश व्यवस्था, कूड़ेदान आदि जैसी सुविधाएं रहेंगी। इन्हें सार्वजनिक स्थानों, सडक़ों और अन्य उच्च फुटफॉल क्षेत्रों में स्थापित किया जाना है।
इन सुविधाओं से लैस है टॉयलेट
ऑन द स्पॉट फीडबैक
लो मेंंटेनेंस
ऑटोमेटिक फ्लशिंग सिस्टम
इंटीग्रेटिड कंट्रोल कमांड सेंटर से निगरानी
क्वॉइन कलेक्शन सिस्टम
सेंसर बेस्ड
आईटी इनेबल्ड
यहां बने स्मार्ट टॉयलेट्स
बीआई बाजार
सीडीओ आवास के पास
बलवंत सिंह मार्ग
सीआई पार्क के पास
गांधी उद्यान के पास
सीता रसोई के पास
चौपुला ओवरब्रिज के नीचे बनाई जा सकती है
संजय कम्यूनिटी तालाब के पास
धोपेश्वर नाथ मंदिर रोड पर बनाई जा सकती है
कैंट दशहरा ग्राउंड के पास बनाई जा सकती है
सैटेलाइट रोड पर बनाई जा सकती है
डेलापीर तालाब के पास बनाई जा सकती है
इज्जतनगर पुल के नीचे भी बनाई जाने की योजना है
लोगों को हो रही परेशानी
एक साल से बन चुके स्मार्ट टॉयलेट शहर में अभी तक वैसे ही बने हुए खड़े हैं, लेकिन अभी तक शुरू नहीं होने से लोगों को समस्या होती है। इससे रुपए भी बर्बाद हो रहा है।
रामाशंकर
--------------
सिटी में जगह-जगह बनाए तो गए हैं, लेकिन अभी तक शुरू नहीं किए गए हैं। जिससे लोगों को प्रॉब्लम होती है। स्मार्ट टॉयलेट दिख तो जाएंगे लेकिन सफेद हाथी बनकर रह गए हैं।
सोनी
----------
पुरुष और महिलाओं के लिए स्मार्ट टॉयलेट बनाने का विचार तो विभाग के पास अच्छा था, लेकिन इसका आम लोगों के लिए कोई लाभ नहीं मिल सका। इससे ये बेकार और कबाड़ हो रहे हैं।
अनूप
-------
आम लोगों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन कई एरिया में टॉयलेट की व्यवस्था तक नहीं है। इससे आम लोगों को स्मार्ट टॉयलेट का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
विकास