- एप पर जानकारी अपलोड करने के लिए घर-घर जाएंगी आशा और एएनएम
- जिले में 40 से 50 बच्चों में मिले थे जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण, अन्य बीमारियों से बचाव का भी लगेगा टीका
बरेली : कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन एवं अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों के लिए सघन मिशन इंद्र धनुष अभियान 3.0 ट्यूजडे से शुरू होगा। जिसमें अन्य बीमारियों के टीके के साथ ही जेई यानि जापानी इंसेफेलाइटिस का टीकाकरण भी किया जाएगा। यह जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आरएन सिंह ने दी ।
उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। शुचिता गंगवार ने बताया कि नियमित टीकाकरण के साथ मिशन इंद्रधनुष 3.0 आयोजन टीकाकरण कवरेज को 90 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करना प्रस्तावित है। अभियान के अंतर्गत टीकाकरण हर ब्लाक में किया जाएगा। इसका प्रथम चरण 23 फरवरी 1 एवं 2 मार्च को किया जाएगा। द्वितीय चरण में 23 मार्च, 5 अप्रैल एवं 6 अप्रैल को अभियान चलेगा। शून्य से दो साल तक के बच्चों को 11 गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण किया जा रहा है।
इतने बच्चों का होगा टीकाकरण
सघन मिशन इंद्र धनुष अभियान में 1260 सत्रों में 10342 छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, टीकाकरण के माध्यम से 3598 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होगा।
ई-कवच एप से भेजा जाएगा डाटा
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। देशराज सिंह के अनुसार जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका 0 से 15 वर्ष तक के बच्चों को लगाया जाता है, लेकिन कोरोना काल के चलते जिले में कई बच्चे टीकाकरण से छूट गए थे। जो नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जेई का टीका नहीं लगवा पाए थे। आशा, एएनएम घर-घर जाकर ऐसे छुटे हुए बच्चों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को लाकर देंगी, जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा ई-कवच एप पर अपलोड किया जाएगा।
40 बच्चों में मिले थे जेई के लक्षण
हेल्थ अफसरों के अनुसार पिछले साल डोर टू डोर सर्वे के दौरान जिले में 40 बच्चों में जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण मिले थे, इसकी रोकथाम के लिए ही मिशन इंद्र धनुष कार्यक्रम चलाया जा रहा है।