नगर निगम ने हेड ऑफ डिपार्टमेंट का ही निर्देश मानने की कही बात
आधा दर्जन से अधिक ब्लाक में भी नहीं हैं लैब के लिए जगह
BAREILLY: सिस्टम को पारदर्शी बनाने के लिए सभी जिलों में ई-गवर्नेस लैब स्थापित की जा रही हैं। ये लैब डिस्ट्रिक्ट के अलग-अलग डिपार्टमेंट, तहसील व ब्लाक में बनेंगी। बरेली में कुछ डिपार्टमेंट की हीला-हवाली के चलते इस योजना में देरी हो रही है। नगर निगम व आधा दर्जन से अधिक ब्लाकों में अभी लैब के लिए जगह ही नहीं उपलब्ध हो पायी हैं, जिसके चलते फर्स्ट फेज का काम डिले हो गया है।
पहले से ही ऑनलाइन सर्विस का िदया हवाला
ई-गवर्नेस लैब के तहत एनआईसी को सभी जगह सर्वे कर लैब तैयार करनी है। इसके लिए सभी साइट का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के बाद ही सभी जगह कम्प्यूटर लगाए जाएंगे लेकिन सर्वे के दौरान ही नगर निगम और आधा दर्जन से अधिक ब्लाक में एनआईसी को दिक्कतें आ रही हैं। नगर निगम का कहना है कि उनके यहां पहले ही आनलाइन बर्थ व डेथ रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस चल रही है। जब तक हेड आफ डिपार्टमेंट से उनके पास कोई निर्देश नहीं आता तब तक वह ई-लैब के लिए जगह उपलब्ध नहीं करा सकते। इस बारे में डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को अवगत कराया गया। लिहाजा, एडीएम ई ने नगर निगम को रिमाइंडर भेजने का निर्देश एनआईसी को ि1दया है।
ब्लाकों में नहीं हैं जगह
नगर निगम के अलावा आधा दर्जन से अधिक ब्लाक में ई-गवर्नेस लैब के लिए जगह ही उपलब्ध नहीं है। इसलिए कंप्यूटर इंस्टॉल नहीं हो पा रहे हैं। जिन ब्लाकों में जगह नहीं मिल पा रही है उनमें नवाबगंज, भदपुरा, मीरगंज, बहेड़ी, भोजीपुरा, दमखोदा, शेरगढ़ हैं।
सेकेंड जोन में है बरेली
ई-गवर्नेस लैब नौ लाइन के तहत जोड़ी जाएगी। इसमें कलेक्ट्रेट, नगर निगम, तहसील, ब्लाक, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, जिला सेवायोजन, समाज कल्याण विभाग समेत अन्य डिपार्टमेंट के तहत ख्म् सेवाओं को आनलाइन किया जाना है। प्रदेश में ई-गवर्नेस लैब के तहत डिस्ट्रिक्ट्स को दो जोन में बांटा गया है। फर्स्ट जोन में ईस्ट और दूसरे जोन में वेस्ट के डिस्ट्रिक्ट शामिल किए गए हैं। फर्स्ट जोन में योजना लास्ट फेज में चल रही है लेकिन सेकेंड जोन में अभी योजना फर्स्ट फेज में ही है। इसके तहत सभी डिपार्टमेंट पूरी तरह से आनलाइन हो जाएंगे। किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट की पूरी प्रोसेस आनलाइन होगी। यहां तक अधिकारियों के सिग्नेचर भी डिजिटल होंगे।
जारी हो चुके हैं डिजिटल सिग्नेचर
ई-गवर्नेस लैब के तहत अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर लिए जा चुके हैं। फर्स्ट फेज कंप्लीट होने के बाद सभी अधिकारियों की ट्रेनिंग करायी जाएगी। उसके बाद कर्मचारियों की ट्रेनिंग करायी जाएगी। क्00 से ज्यादा कर्मचारियों की लिस्ट भी तैयार कर ली गई है। सभी अधिकारियों को लॉग इन भी दिया जाएगा। एसडीएम और तहसीलदार को लैपटाप दिए जाएंगे, जिससे वह लॉग इन से पूरी प्रोसेस को डेली चेक कर सकेंगे।
अभी एसएसडीजी के तहत चल रही प्रोसेस
अभी तक स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे यानि एसएसडीजी के तहत ऑनलाइन सर्विस दी जा रही हैं। यह सर्विस अगस्त ख्0क्ख् में स्टार्ट की गई थी। लेकिन इसमें सिर्फ आवेदन ऑनलाइन होते हैं, लेकिन बाकी की प्रोसेस आफलाइन होती है। ई-डिस्ट्रिक्ट लैब को कॉमन सर्विस सेंटर और लोकवाणी से भी अटैच किया जाएगा।
ई गवर्नेंस लैब को लेकर नगर निगम से कुछ प्राब्लम सामने आयी है। नगर आयुक्त से संपर्क किया गया है। उन्होंने हेड आफ डिपार्टमेंट से गाइडलाइंस आने के बाद जगह उपलब्ध कराने की बात कही है। ब्लाकों में भी जगह की तलाश की जा रही है।
कमल शर्मा, साइंटिस्ट एनआईसी
हमारे यहां पहले से ही ऑनलाइन बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं। एनआईसी वाले जगह मांग रहे थे। कुछ सवालों के साफ जवाब वह नहीं दे पाए हैं। पूरी गाइडलाइंस मिलने के बाद जगह और कंप्यूटर भी उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त बरेली