हॉस्पिटल ने हटाया नोटिस

गौर करें कि हॉस्पिटल और नगर निगम के बीच हॉस्पिटल पर कब्जे का विवाद लंबे समय से चल रहा है। निगम के अनुसार हॉस्पिटल नगर निगम की जमीन पर बना हुआ है। जमीन की लीज का रिन्यूवल न होने पर नगर निगम ने हॉस्पिटल को नोटिस जारी किए। इसके बाद हॉस्पिटल कोर्ट चला गया। हालांकि ये मुकदमा कोर्ट की तरफ से खारिज कर दिया गया। नगर निगम ने हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हॉस्पिटल पर नोटिस चस्पा दिया। इसे बीते सैटरडे को हॉस्पिटल की तरफ से हटा दिया गया। इसके बाद ही ये कार्रवाई नगर निगम की तरफ से की गई।

11:30 बजे से शुरू हुई कार्रवाई

सुबह 10 बजे नगर निगम के अधिकारी अमला सहित धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल पर कब्जा के लिए पहुंच गए। ये कार्रवाई हॉस्पिटल पर नगर निगम की लगाई गई नोटिस को हॉस्पिटल द्वारा हटाने के विरोध में की गई है। पुलिस प्रोटेक्शन के देरी से पहुंचने से हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई 11:30 बजे से शुरू हो सकी। नगर निगम ने कब्जे के लिए कूड़ा उठाने वाली गाडिय़ों से डस्टबीन हॉस्पिटल के परिसर में उतार दिए। दर्जनों डस्टबीन धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल और आयुर्वेदिक चिकित्सालय के परिसर में रख दिए गए।

डॉक्टर्स उतरे सड़क पर

नगर निगम की तरफ से कार्रवाई के अंदेशे से हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने दरवाजों पर सुबह से ताले जड़ दिए। मगर गाडिय़ों की मदद से नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने दीवारों के ऊपर से ही डस्टबीन अंदर रखवाने शुरू कर दिए। कार्रवाई होते देख हॉस्पिटल की तरफ से पूर्व विधायक भूपेंद्र शर्मा सहित डॉक्टर्स सड़क पर आ गए। मगर उनकी एक न चली। भूपेंद्र शर्मा द्वारा एडमिनिस्ट्रेशन से विवाद करने पर उप नगर आयुक्त विनोद कुमार गुप्ता ने उन्हें नगर आयुक्त द्वारा जारी कार्रवाई का आदेश दिखा दिया। इसके बाद हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के तेवर ठंडे पड़   गए। परिसर में डस्टबीन रखने के बाद नगर निगम ने हॉस्पिटल के गेट पर ताले भी अपने लगा दिए।

अभी हमने 2 प्लाटों पर कब्जा किया है। जल्द ही बाकी के 4 प्लाटों पर भी कब्जा कर लेंगे। हमने परिसर पर ताले भी अपने लगाए हैं। निगम की जमीन पर किसी का कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

-डॉ। आईएस तोमर, मेयर