-प्रिंसिपल के इस डिसीजन से पूरा स्टाफ सकते में
-परमानेंट टीचर्स पर भी जिम्मेदारी का बोझ बढ़ गया
BAREILLY: बरेली कॉलेज में पहली बार एग्जाम व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। क्ब् अक्टूबर से स्टार्ट होने वाले इंप्रूवमेंट एग्जाम में इस बार से एग्जाम की व्यवस्था पूर्ण रूप से परमानेंट टीचर्स पर रहेगी। एग्जाम के लिए बाहरी टीचर्स की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। प्रिंसिपल के इस डिसीजन पर ना केवल पूरा स्टाफ सकते में है, बल्कि परमानेंट टीचर्स पर भी जिम्मेदारी का बोझ बढ़ गया है। कुछ टीचर्स तो इस बात की भी संभावना व्यक्त कर रहे हैं कि बाहरी टीचर्स के ना होने से स्टूडेंट्स को संभालने में मुश्किल आ सकती है।
करीब ख्00 स्टाफ पर स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी
बीसीबी में करीब 70 से 7ख् एडहॉक के टीचर्स हैं। वहीं परमानेंट टीचर्स की संख्या क्ख्भ् के करीब है। प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने बताया कि इंप्रूवमेंट एग्जाम में जितने स्टूडेंट्स एग्जाम देने आते हैं उनको संभालने के लिए ख्00 को स्टाफ काफी है। इसके लिए बाहरी टीचर्स की जरूरत नहीं है, जबकि इससे पहले बीसीबी हमेशा से भारी संख्या में बाहरी टीचर्स को एग्जाम ड्यूटी में शामिल करता था। इसके बजट का एक मोटा हिस्सा उनके मानदेय में खर्च होता था। प्रिंसिपल ने सभी कॉलेज के सभी टीचर्स की ड्यूटी कंपलसरी कर दी है।
अवकाश से पहले देनी होगी सूचना
प्रिंसिपल ने यह भी निर्देश जारी किया कि टीचर्स को अवकाश लेने से पहले उन्हें पूर्व में लिखित सूचना देनी होगी, ताकि वे एग्जाम के समय उनके स्थान की भरपाई कर सकें। अक्सर देखने में आता है कि अधिकांश परमानेंट टीचर्स एग्जाम में ड्यूटी के दौरान गायब रहते हैं। एडहॉक टीचर्स और बाहरी टीचर्स के सहयोग से ही एग्जाम कराए जाते रहे हैं। प्रिंसिपल ने इस बार पूरी जिम्मेदारी परमानेंट टीचर्स के कंधों पर डाल दी है।