- प्रपत्रों की जांच का दिया आदेश

- भारी संख्या में आवेदन आने से सकते में प्रशासन

वरीयता क्रम की सूची में चार से ज्यादा प्वाइंटस पर लगाया है टिक

BAREILLY: समाजवादी पेंशन योजना के आवेदकों पर प्रशासन के शक की सुई घूम गयी है। भारी संख्या में आये आवेदन को देखकर जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी हैरान है। वजह यह भी है कि आवेदन के प्रपत्रों में दी गयी सूचना अधिकारियों को एक नजर में संदिग्ध नजर आ रही है। लिहाजा, आवेदन प्रपत्रों की जांच के निर्देश बीडीओ को दिये गये हैं।

संदेह के घेरे में निर्धन

बीते माह जून में शासन ने समाजवादी पेंशन योजना के लिए आवेदन मांगे थे। जनपद में 7म्ब्08 लोगों को लाभ दिया जाना है। पेंशन योजना के तहत पांच सौ व एक हजार रुपये दिया जाना है। योजना का लाभ लेने के लिए मांगे गये आवेदन का तीन गुना अधिक प्रपत्र जिला समाज कल्याण विभाग कार्यालय को मिले। भारी संख्या में आये आवेदन से अधिकारी को आवेदकों की योग्यता पर शंका हुई। शंका तब और भी बढ

गयी, जब आवेदन में तीन से ज्यादा वरीयता क्रम पर सही का निशान लगा हुआ पाया। ऐसे में समाज कल्याण अधिकारी ने फॉर्म में भरे पर्सनल डिटेल्स की सत्यता को परखने के निर्देश दिए हैं।

यह है वरीयता क्रम

समाजवादी पेंशन योजना के तहत निराश्रित, असहाय, निर्धन, विकलांग विधुर व विधवाओं को लाभार्थी बनाए जाने की योजना है। ताकि कोई भी निर्धन खुद को असहाय ना समझे। इसके लिए शासन की ओर से वरीयता क्रम निर्धारित किया गया है। इसमें भूमिहीन, विमुक्त कराए गए स्वच्छकार, तलाकशुदा अथवा एकल मुखिया, विकलांग मुखिया, परिवार में क्8 वर्ष से कम उम्र का विकलांग के अलावा अन्य पात्रों को इसी वरियता क्रम में पेंशन दिया जाना है। विभाग इस बात को लेकर मुश्किल में है कि ज्यादातर आवेदकों ने कई वरीयता क्रम पर सही का टिक लगा दिया है, लेकिन प्रूफ में डाक्यूमेंटस नहीं दिया है।

फॉल्ट से खारिज हुए एक लाख आवेदन

समाजवादी पेंशन योजना के लाभ के लिए जनपद में दो लाख आठ हजार आवेदन आये थे, जिनमें एक लाख आवेदन फॉल्ट के चलते खारिज हो गये। अधिकारियों ने बताया कि तमाम आवेदन पत्रों में सूचनाएं सही दर्ज नहीं थीं। आवेदन फार्म की की छंटाई करते वक्त ही गलत तरीके से भरे गये फार्म को अलग कर दिया गया। एक लाख आठ हजार फार्म का सत्यापन कराया जाएगा।

''पेंशन योजना के लिए प्राप्त आवेदनों में लोगों ने चार से ज्यादा वरीयता क्रम को चुन लिया है। आवेदनों को सत्यापन के लिए भेज दिया गया है। गलत सूचना देने वालों को योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा.''

एके सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी