बेटों को बनाना चाहते थे काबिल

55 वर्षीय ईश्वरी प्रसाद फरीदपुर का रहने वाला था। वह रेलवे में चनेहटी स्टेशन पर गेटमैन था। उसके परिवार में पत्नी लक्ष्मी देवी, तीन बेटे राजेश, मनोज व गौरीशंकर हैं। राजेश बीए फाइनल, मनोज 12वीं और गौरीशंकर 9वीं क्लास में पढ़ता है। वह अपने तीनों बेटों को अच्छी नौकरी पर देखना चाहते थे।

नहीं हुआ contact

ईश्वरी के भाई सालिग राम ने बताया कि थर्सडे को उसकी शाम आठ से सुबह आठ बजे तक ड्यूटी थी। रात करीब 12 बजे ट्रेन निकलने के दौरान 15 मिनट तक उसका स्टेशन मास्टर से कोई संपर्क नहीं हुआ। इस पर स्टेशन मास्टर अलाउद्दीन ने कर्मचारी को देखने के लिए भेजा, तो वह बेहोशी की हालत में पड़ा था। इसकी सूचना परिजनों को दी गई। हॉस्पिटल ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

cabin के अंदर मिला टूटा शीशा

ईश्वरी की मौत पर कई सवाल खड़े होते हैं। घटनास्थल पर केबिन के अंदर शीशा टूटा पड़ा है। ईश्वरी की चप्पल दूर पड़ी है। स्टेशन मास्टर ने साले मोतीलाल और पड़ोसी भूपराम से रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाद की बात बताई है। वहीं इस विवाद से ईश्वरी के बेटे इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें कुछ नहीं पता। वे सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं, जिससे घटना पर शक गहराता जा रहा है।

बाइक से दो बार accident

ईश्वरी इससे पहले दो बार मौत से बाल-बाल बच चुके थे। उनके बेटे राजेश ने बताया कि उनका दो बार एक्सीडेंट हो चुका था। लास्ट ईयर बाइक से एक्सीडेंट हुआ था। पेट में काफी चोट आई थी और पित्त की थैली फट गई थी। इसके अलावा दो महीने पहले डिवाइडर से बाइक टकरा गई थी, जिससे पैर में फ्रैक्चर हो गया था।