क्रिमिनल्स के खूनी खेल का नया ठिकाना बहेड़ी
बरेली-नैनीताल बार्डर बीजेपी लीडर की हत्या कर गाड़ी में लॉक कर दी डेडबॉडी
थोड़ी ही दूरी पर पीलीभीत की सीमा पर भी मिली महिला की डेडबॉडी
BAREILLY: ऐसा लगता है क्रिमिनल्स ने खूनी वारदातों को अंजाम देने के लिए अपने सेफ और सिक्योर ठिकाना खोज लिया है। सैटरडे को बहेड़ी में नैनीताल और पीलीभीत सीमा पर दो हत्याओं ने पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ा दी। क्रिमिनल्स का पहला शिकार बने बीजेपी लीडर और ऑर्किटेक्ट और दूसरा एक महिला। आपको बता दें कि इससे पहले भी बहेड़ी में हाल ही में एक अज्ञात महिला की डेडबॉडी मिली थी, जिसकी अब तक पहचान भी नहीं हो सकी है।
सैंट्रो कार में लॉक डेडबॉडी
नैनीताल हाइवे पर मंडनपुर में सड़क के किनारे उत्तराखंड नंबर की एक सैंट्रो कार खड़ी थी। इस दौरान वहां से गुजर रहे एक शख्स की नजर कार पर पडी। उसने पास जाकर कार के अंदर झांका तो कार में उसके ही रिश्तेदार राकेश रस्तोगी की डेडबॉडी थी। सूचना पर पुलिस पहुंची और फील्ड यूनिट को भी बुलाया गया। कार अंदर से लॉक थी, इसलिए शीशा तोड़कर डेडबॉडी को चेक किया गया। मौके पर एसएसपी, एसपी रूरल, सीओ बहेड़ी समेत अन्य अधिकारी भी पहुंचे।
फ्राइडे सुबह निकले थे घर से
ब्भ् वर्षीय राकेश, नई सुनहरी वॉर्ड नंबर म् किला के रहने वाले थे। राकेश आर्किटेक्ट के साथ-साथ बीजेपी के मंडल उपाध्यक्ष भी थे। किछा में पॉवर हाउस के पास उनका ऑफिस था। राकेश के परिवार में उनकी पत्नी रश्मि, तीन बच्चे मयंक, आनंद और अतुल हैं। परिजनों ने बताया फ्राइडे सुबह राकेश घर से सुबह क्क् बजे ऑफिस के लिए निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। कई बार परिजनों ने फोन भी किया लेकिन फोन उठा नहीं। रात में तीन बजे के बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया। इस पर घरवालों ने किछा थाना में गुमशुदगी दर्ज करायी गई। राकेश के ऑफिस में काम करने वाली मोनिका ने भी उत्तराखंड पुलिस को बताया कि सुबह ग्यारह बजे के आसपास ही दो लोग राकेश को बुलाने आए थे। फिलहाल परिजनों ने किसी पर भी आरोप नहीं लगाया है।
टायर के कवर से बनाया फंदा
पुलिस के अनुसार कार की बैक सीट पर राकेश की डेडबॉडी बंधी पड़ी थी। उसके हाथ व गर्दन कार के टायर के कवर की प्लास्टिक से बंधे थे। राकेश के सीने में पांच व गर्दन पर एक घाव है, जिससे लगता है कि उस पर पेचकस से हमला किया गया है। राकेश के हाथ में भी निशान हैं, यानि उसने विरोध किया होगा। किसी को पता ना चले इसलिए राकेश के पैरों को गमछा डालकर और चेहरे को उन्हीं के जूते से ढका गया था। राकेश के हाथ में घड़ी बंधी थी और उसकी जेब से रूमाल, कंघा, पेन व चश्मा मिला है। कार से एक डायरी भी मिली है जिसमें नक्शे बने हुए हैं। पुलिस को कार की सीट के नीचे ही खून से सना एक कपड़ा मिला है, जिससे लगता है कि आरोपियों ने हत्या के बाद हाथ अपना हाथ साफकर कपड़ा नीचे डाल दिया होगा। परिजनों की मानें तो राकेश के पास से भ्0 हजार रुपये व मोबाइल गायब है। वहीं कार की चाबी भी पुलिस को मौके पर नहीं ि1मली है।
महिला की नहीं हो सकी पहचान
इससे कुछ घंटे पहले ही करीब क्भ् किमी की दूरी के अंतर पर पीलीभीत बॉर्डर के पास चुरैला गांव में गन्ने के खेत में एक महिला की लाश पड़ी मिली। करीब ब्भ् साल की महिला का गला दबाया गया है और चेहरा पत्थर से कुचला गया है, इसलिए महिला की पहचान भी नहीं हो सकी है। बहेड़ी पुलिस ने डेडबॉडी को सीज कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को महिला की चप्पल और पर्स के अलावा कुछ नहीं मिला लेकिन जब फील्ड यूनिट मौके पर पहुंची तो उन्हें जांच में काफी सामान मिला।
मौके से मिली सिंदूर की डिब्बी
फील्ड यूनिट को मौके से एक सिंदूर की डिब्बी मिली है। इसके अलावा खेत में एक दरार में आधी टूटी नथनी भी उनको दिखी। मौके से दो खाकी कलर के बटन भी हाथ आए हैं, जिनमें एक बटन टूटा है। पहले अंदाजा लगाया गया कि शायद बटन किसी पुलिसकर्मी की वर्दी के हों लेकिन बटन का साइज छोटा होने से ये शक भी खत्म हो गया। पुलिस को मौके से जो पर्स मिला है वो पीलीभीत की एक ज्वैलरी शॉप का है। पर्स बिल्कुल नया लग रहा है, लेकिन उसमें ज्वेलरी नहीं मिली है। सजने-संवरने का सामान मिलने से पुलिस मामले को प्रेम प्रंसग से जोड़कर देख रही है। बहेड़ी पुलिस, मामले में पीलीभीत पुलिस से भी संपर्क कर रही है।
सुलगते सवाल
-ऑर्किटेक्ट को बुलाकर ले जाने वाले कौन थे
-क्या हत्या लूट के लिए हुई है या फिर इसकी कोई और वजह है
-क्या चलती कार में उसकी हत्या की गई या फिर सड़क किनारे गाड़ी रोककर
-क्या महिला और राकेश की हत्या में कोई लिंक है