बरेली (ब्यूरो) टू-व्हीलर राइडिंग के दौरान हेलमेट न पहनने की गलती कितनी भारी पड़ सकती है, यह इस खबर को पढक़र आसानी से समझा जा सकता है। सडक़ हादसों में ऐसी गलती अक्सर जानलेवा तक साबित हो जाती है। सडक़ हादसों में हेलमेट सिर्फ सिर की ही सुरक्षा नहीं करता बल्कि जान भी बचाता है, वहीं इस तरह के हादसों में बिना हेलमेट वाले या तो अपनी जान ही खो बैठते हैं या जीवन पर हादसे की पीड़ा को सहन करते रहते हैं। ऐसे में वह अपनी गलती को याद करते हुए जीवन भर पछताते भी रहते हैं। हेलमेट जीवन के लिए कितना उपयोगी है इसको बताने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ऐसे लोगों की पड़ताल की जो इस पीड़ा को या तो सहन कर रहे हैं या अपने करीबियों को खोने का गम दिल में लिए हुए जी रहे हैं।
केस:-1
यह बहुत बड़ा सबक है
मेरा नाम रजत है, मै मढ़ीनाथ का रहने वाला हूं। अगर आप कहीं भी घर से टू-व्हीलर लेकर निकल रहे हैं तो हेलमेट जरूर लगाएं। 27 दिसम्बर वर्ष 2018 की बात है जब मेरे पापा पास में ही मार्केट से सब्जी लेने के लिए जा रहे थे। घर से कुछ दूर ही निकले कि रास्ते में बच्चे फुटबॉल खेल रहे थे, बच्चों की फुटबॉल उनकी बाइक के नीचे आ गई और वह गिर गए। वह खुद को नहीं संभाल सके उनका सिर रोड पर लगा वह हेलमेट नहीं लगाए थे। उनके सिर पर अंदर से चोट लगी और सिर के अंदर क्लॉटिंग हो गई। हॉस्पिटल ले गए तो वह 15 दिन वेंटिलेटर पर रहे। नौ माह तक कोमा में रहे। वह कुछ बोल नहीं सकते थे 10 माह बाद उनकी डेथ 19 नवम्बर 2019 को हो गई। यह बहुत बड़ा सबक है। मुझे लगता है कि हर किसी को हेलमेट पहनना चाहिए। क्योंकि जाने वाला तो चला जाता है लेकिन बहुत सारे दुख और परेशानियां छोडक़र चला जाता है।
केस-2
हेलमेट सेफ्टी के लिए अहम है
मेरा नाम रान्या है, मैं कालीबाड़ी पर रहती हूं। मैं और मेरी फ्रेंड पूजा दोनों कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे। कॉलेज अटैंड किया उसके बाद हम लोग लंच एक साथ करने गए.जब हम लोग घर के लिए निकले तो पूजा अपनी स्कूटी से आगे चल रही थी हम उसके पीछे चल रहे थे। पूजा जैसे ही टर्न पर पहुंची तो उसकी गाड़ी टर्न पर फिसल गई। जैसे ही पूजा की गाड़ी फिसली तो वह खुद को संभाल नहीं सकी और उसके सिर में चोट आई। किसी तरह हम लोगों ने मिलकर उसे हॉस्पिटल पहुंचाया। लेकिन उसके बाद से उसके सिर में ऐसी क्लॉटिंग हो गई कि वह कभी नार्मल इंसान की लाइफ नहीं जी सकती। उस दिन मुझे रियलाइज हुआ कि हेलमेट पहनने से काफी सेफ्टी रहती है। आप सेफ रहते हैं आपको सिर में चोट नहंी आती है। इसीलिए टू-व्हीलर लेकर निकलें तो हेलमेट जरूर लगाएं।
केस-3
कोई भी न करें लापरवाही
मैं श्वेता हूं। मेरा छोटा भाई 21 ईयर का है। अभी लास्ट ईयर उसका बाइक से एक्सीडेंट हो गया। वह बहुत ब्रिलियंट था, सभी कहते थे उसके जैसा ब्रिलिएंट कोई नहीं है घर में, लेकिन अपनी लापरवाही को कुछ कहा नहीं जा सकता है। लापरवाही की सजा मिलती जरूर है। वह पापा के साथ बाइक पर पीछे बैठकर जा रहा था। उसने हेलमेट नहीं लगाया था। रास्ते में गिरा तो उसके सिर में चोट आई। डॉक्टर के पास ले गए, छह माह तक इलाज चला। उसके बाद वह इतना ब्रिलिएंट था वह अब उतना शार्प नहीं रहा। वह मेरे घर वालों के ही नाम भूलने लग गया है। मैं लोगों से यही कहूंगी कि मेरे भाई के साथ साथ जो हुआ वैसा किसी और के साथ न हो। टू-व्हीलर सवार जो भी हैं वह अपना हेलमेट जरूर लगाएं।
केस-4
आज भी है इस बात का गम
बरेली शाहजहांपुर मार्ग पर बाइक सवार पिता पुत्र को दो जून 2022 को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। वह बाइक से शाहजहांपुर के लिए जा रहे थे। हादसा दोपहर करीब दो बजे हुआ। बदायूं निवासी पिता बाइक राइड कर रहे थे जबकि बेटा बाइक पर बैठा था। हादसे में पिता की मौके पर मौत हो गई जबकि बेटे की हॉस्पिटल ले जाते समय मौत हो गई। यह कहना है उनके परिजन रविन्द्र का। रविन्द्र ने बताया कि दोनों पिता-पुत्र बाइक से जा रहे थे हेलमेट एक था। जो हेलमेट था वह पीछे बैठे बेटे को दे दिया लेकिन जैसे ही एक्सीडेंट हुआ तो उसका हेलमेट ठीक न लगा होने के चलते निकलकर अलग गिरा। इससे दोनों के सिर में गंभीर चोट आई और मौत गई। रविन्द्र ने बताया कि उन्हें आज भी इस बात का गम है कि हेलमेट ठीक लगाया होता तो एक तो बच जाती।
नवम्बर पूरे माह इसी के लिए अवेयनेस माह के रूप में चलाया गया ताकि लोग अवेयर हों और ट्रैफिक रूल्स फॉलो करें। प्रशासन लगातार इस ओर प्रयास करता है कि टू-व्हीलर सवार हेलमेट जरूर लगाएं और फोर व्हीलर सवार सेफ्टी बेल्ट जरूर लगाएं। ताकि हादसों को कंट्रोल किया जा सके।
राममोहन सिंह, एसपी ट्रैफिक